वाशिंटन । कोरोना के बाद विश्व के अधिकतर देशों में जिस खतरनाक वायरस ने पांव पसारे हैं वो है मंकीपॉक्स। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक भारत सहित दुनिया भर के 60 से अधिक देशों में इस जानलेवा वायरस ने अपनी पैठ बना ली है।
इस वायरस के बारे में सुनने में ऐसा प्रतीत होता है जैसे ये बंदरों(monkey) से इंसानों (human) में फैलता है लेकिन ऐसा नहीं है; यह संक्रमण (infection) बंदरों के अलावा बहुत से दूसरे जानवरों और इंसानों से भी आता है। मंकीपॉक्स वायरस (monkeypox virus) जानवर से इंसानों में फैलता है या फिर किसी संक्रमित व्यक्ति के पास काफी देर तक आमने-सामने रहने से भी ये फैलता है।
इसी बीच अमेरिकी सरकार ने दावा किया है कि ऑफिस में कंप्यूटर-माउस या फिर कॉफी मशीन को छूने से भी मंकीपॉक्स हो सकता है। अमेरिकी रोग नियंत्रण निकाय (सीडीसी) की नई रिसर्च में इस बात के सबूत मिले हैं कि मंकीपॉक्स वायरस नियमित रूप से सैनिटाइजेशन (sanitization) के बाद कई दिनों तक कई सामान्य घरेलू वस्तुओं पर रह सकता है। सीडीसी के शोधकर्ताओं ने अध्ययन के लिए दो मंकीपॉक्स रोगियों के घर का परीक्षण किया।
इसके अलावा अफ्रीका के बाहर इसके 98 फीसदी मामले उन पुरुषों में सामने आए हैं जो पुरुषों के साथ सेक्स (sex) करते हैं। आम तौर पर यह तब फैलता है जब किसी संक्रमित व्यक्ति की त्वचा से किसी और की त्वचा (skin) या त्वचा से मुंह का संपर्क हो। इस वायरस के कुछ मामले गंभीर होते हैं जिनमें मरीज के मस्तिष्क में संक्रमण हो जाता है और उससे मौत भी हो सकती है।
92 देशों में मंकीपॉक्स के 35 हजार से अधिक मामले सामने आ चुके हैं। मंकीपॉक्स संक्रमण से दुनियाभर में अब तक 12 मरीजों की जान जा चुकी है।
Updated by Sweta Singh
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