देश का पहला हिंदी हेल्थ न्यूज़ पोर्टल

स्वास्थ्य

दिमाग की तरंगों को वाक्यों में बदल देती हैं न्यूरोप्रोस्थेटिक डिवाइस

नेचर कम्युनिकेशंस जर्नल में प्रकाशित नई स्टडी बताती है कि वे अब अंग्रेजी वर्णमाला के 26 अक्षरों को पकड़ पाने में सफल हुए हैं जबकि वह उन्हें मन ही मन बोल रहा हो।

हे.जा.स.
November 11 2022 Updated: November 12 2022 14:38
0 21081
दिमाग की तरंगों को वाक्यों में बदल देती हैं न्यूरोप्रोस्थेटिक डिवाइस प्रतीकात्मक चित्र

लकवे का शिकार आदमी जो ना तो बोल सकता है ना टाइप कर सकता है उसने 1100 से ज्यादा शब्दों को हिज्जे के साथ बताया है। यह संभव हुआ है एक न्यूरोप्रोस्थेटिक डिवाइस की मदद से जो उसके दिमाग की तरंगों को वाक्यों में बदल देती हैं। 

 

अमेरिकी रिसर्चरों (American researchers) ने यह जानकारी दी है। सैन फ्रांसिस्को की कैलिफॉर्निया यूनिवर्सिटी, यूसीएसफ के रिसर्चर और इस रिसर्च रिपोर्ट के प्रमुख लेखक शॉन मेत्सगर ने बताया कि इस आदमी का पसंदीदा फ्रेज था "एनिथिंग इज पॉसिबल (कुछ भी संभव है)।"

 

पिछले साल यूसीएसएफ (UCSF) के रिसर्चरों की एक टीम ने दिखाया था कि ब्रेन कंप्यूटर इंटरफेस (Brain Computer Interface) नाम का ब्रेन इम्प्लांट (brain implant) किस तरह 50 बहुत आम शब्दों को जब कोई इंसान पूरी तरह से बोलने की कोशिश करे तो उनका पता लगा सकता है।

 

एक मिनट में 29 कैरेक्टर या 7 शब्द

नेचर कम्युनिकेशंस जर्नल (journal Nature Communications) में प्रकाशित नई स्टडी बताती है कि वे अब अंग्रेजी वर्णमाला के 26 अक्षरों को पकड़ पाने में सफल हुए हैं जबकि वह उन्हें मन ही मन बोल रहा हो। मेत्सगर ने समाचार एजेंसी एएफपी से कहा, "तो अगर वो कैट बोलने की कोशिश कर रहा हो तो वह कहेगा चार्ली अल्फा टैंगो।" स्पेलिंग इंटरफेस लैंग्वेज मॉडलिंग का इस्तेमाल कर रियल टाइम में डाटा जुटाती है और संभावित शब्द या फिर गलतियों का पता लगाती है।

रिसर्चर 1,150 से ज्यादा शब्दों को डिकोड करन पाने में सफल हुए हैं अंग्रेजी के वाक्यों में इस्तेमाल होने वाले 85 फीसदी शब्द हैं। उनका अंदाजा है कि इस शब्दकोष को 9,000 से ज्यादा शब्दों तक ले जाया जा सकता है। मेत्सगर ने कहा, "यह वास्तव में शब्दों की वही संख्या है जो आमतौर पर इस्तेमाल की जाती है।" इस उपकरण ने हर मिनट में 29 कैरेक्टर डिकोड किये, इनमें गलतियों की दर 6 फीसदी थी। कुल मिला कर देखा जाए तो प्रति मिनट 7 शब्दों को बनाने में सफलता मिली।

 

पहला प्रयोग ब्रावो-1 पर

इस आदमी को ब्रावो-1 (Bravo-1) कहा गया है क्योंकि वह इस उकरण पर प्रयोग का वह पहला प्रतिभागी है। अब 30 साल का हो चुका यह शख्स 20 साल की उम्र में स्ट्रोक का शिकार बना जिसके बाद से उसकी बोलने की क्षमता पूरी तरह चली गयी हालांकि संज्ञानात्मक क्षमताओं (cognitive abilities) को नुकसान नहीं पहुंचा। आमतौर पर वह एक पॉइंटर की मदद से संवाद करता है जो एक बेसबॉल के कैप से जुड़ी है और इसकी मदद से वह स्क्रीन पर लगे अक्षरों की ओर संकेत करता है।

 

2019 में एक रिसर्चर ने सर्जरी के जरिए हाइ डेंसिटी का एक इलेक्ट्रोड (high-density electrode) उसके दिमाग की सतह पर कॉर्टेक्स में लगाया था। उसके बाद कोई अक्षर या शब्द बोलने की कोशिश के दौरान उसके सिर में एक लगे पोर्ट की मदद से उस समय पैदा हुए विद्युतीय पैटर्न पर निगरानी रखने में रिसर्चर सफल हुए हैं।

 

मेत्सगर का कहना है कि ब्रावो 1, "इस उपकरण का इस्तेमाल मजे से करता है क्योंकि वह हमारे साथ आसानी और तेजी से संवाद में सफल हो रहा है।" रिसर्च के दौरान एक बढ़िया पल तब आया जब ब्रावो 1 को बोलने के लिए कहा गया व्हाटएवर ही वॉन्ट्स (जो कुछ वह चाहता है)। मेत्सगर ने कहा, "मैंने उसके बारे में बहुत कुछ जान लिया है। वह जहां रहता है वहां का खाना उसे बिल्कुल पसंद नहीं है। "

 

लिखावट से ज्यादा कारगर बोली

पिछले साल स्टैनफर्ड यूनिवर्सिटी (Stanford University) में विकसित ब्रेन इंटरफेस कंप्यूटर प्रति मिनट 18 शब्दों को डिकोड करने में सफल हुआ था जब एक प्रतिभागी ने हाथ की लिखावट की कल्पना की हालांकि मेत्सगर का कहना है कि बोली पर आधारित उनका तरीके के "अनोखे फायदे" हैं। आमतौर पर बोलने जाने वाले 50 शब्द भागीदार खामोशी से पूरा बोल लेता है और इनका इस्तेमाल कई बातचीतों में हो सकता है जबकि जो कम इस्तेमाल होने वाले शब्द हैं उनके हिज्जे किये जा सकते हैं इस तरह ज्यादा बढ़िया बातचीत हो सकती है।

 

इस रिसर्च को अभी कई और प्रतिभागियों पर परखने की जरूरत होगी। दुनिया में हजारों लोगों को इनकी जरूरत है और वो इसका सामान्य रूप से इस्तेमाल कर सकें। इसमें अभी थोड़ा और वक्त लगेगा. स्ट्रोक, दुर्घटनाएं और बीमारियां हर साल बहुत से लोगों से उनके बोलने की क्षमता छीन लेती है।  कई और वैज्ञानिकों ने भी इस प्रयोग के नतीजों को "शानदार" बताया है। हालांकि इसका इस्तेमाल कम ही लोग कर सकेगें क्योंकि न्यूरोप्रोसेथेटिक सर्जरी (neuroprosthetic surgery)अत्यधिक जटिल और बहुत से जोखिमों से भरी है।

WHAT'S YOUR REACTION?

  • 1
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0

COMMENTS

उत्तर प्रदेश

Thalassemia ग्रसित बच्चों के लिए दिल्ली एम्स में निःशुल्क MRI camp का आयोजन।

हुज़ैफ़ा अबरार March 20 2021 29197

Thalassemia ग्रसित बच्चों के लिएAIIMS हॉस्पिटल दिल्ली के सहयोग से मुफ्त MRI T2 star टेस्ट कैम्प का आ

उत्तर प्रदेश

केजीएमयू के शल्य चिकित्सा विभाग ने मनाया 109वां स्थापना दिवस।

हुज़ैफ़ा अबरार February 14 2021 29056

कोविड महामारी के दौरान शल्य चिकित्सा विभाग का महत्वपूर्ण योगदान रहा। प्रो टीसी गोयल द्वारा लिखित पुस

उत्तर प्रदेश

सही इलाज व व्यायाम से मालती को फाइलेरिया से मिली राहत

हुज़ैफ़ा अबरार November 12 2022 19524

मालती कहती हैं कि फाइलेरिया रोगी नेटवर्क से जुड़कर बहुत खुश हूँ | इसके द्वारा  गाँव में अन्य लोगों को

राष्ट्रीय

देश के लोग पी रहें हैं घातक अशुद्ध पानी।

एस. के. राणा October 16 2021 29581

जल शक्ति मंत्रालय के कार्यक्रम के तहत जुटाए गए आंकड़ों से पता चला है कि पेयजल में अशुद्धियां पृथ्वी

उत्तर प्रदेश

नए वायरस ने दी दस्तक, वैक्सीन को लेकर स्वास्थ्य विभाग का एक्शन प्लान तैयार

आरती तिवारी March 16 2023 17524

यूपी में कोविड वैक्सीन का सुरक्षा कवच बरकरार रखने में अहम कदम उठाए गए हैं। इफेक्टिव वैक्सीन मैनेजमे

राष्ट्रीय

राजस्थान के पिपलांत्री मॉडल का संयुक्त राष्ट्र भी हुआ कायल

रंजीव ठाकुर August 25 2022 17424

राजस्थान के रेगिस्तान में एक शख्स ने पानी, पर्यावरण और बेटियों को बचाने की ऐसी मुहिम शुरू की कि ना क

उत्तर प्रदेश

रायबरेली एम्स में अब आर्थिक तंगी के कारण नहीं रुकेगा इलाज

श्वेता सिंह September 25 2022 37435

इसके साथ ही एम्स को आयुष्मान भारत योजना से जोड़ने की प्रक्रिया भी अंतिम चरण में पहुंच गयी है। एम्स प

राष्ट्रीय

दिल्ली, यूपी समेत इन राज्यों में तेजी से फैल रहा डेंगू

एस. के. राणा October 23 2022 20181

केरल में सबसे ज्यारदा 20 मौतें हुई हैं।राजस्थान और हरियाणा की बात करें तो दोनों ही राज्यों में 6-6 म

उत्तर प्रदेश

अल्ट्रासाउंट में बताया फिट, पैदा हुआ दिव्यांग

आरती तिवारी August 26 2023 62937

निजी केंद्र की रेडियोलॉजिस्ट ने अल्ट्रासाउंड जांच में बच्चे को स्वस्थ बताकर रिपोर्ट थमा दी। जबकि बच्

अंतर्राष्ट्रीय

चीन की लैब से लीक हुआ कोरोना !

हे.जा.स. February 28 2023 23200

व्हाइट हाउस और अमेरिकी संसद के प्रमुख सदस्यों को सौंपी गई एक खुफिया रिपोर्ट में यह संभावना जताई गई

Login Panel