नई दिल्ली (रायटर)। कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन के आने के बाद धनी देशों ने गरीब देशों से नर्सों की भर्ती को तेज कर दिया है। अंतरराष्ट्रीय संगठनों का कहना है कि यह चलन गरीब देशों को भारी पड़ रहा है।
कोविड महामारी ने अमीर और गरीब सभी देशों में स्वास्थ्यकर्मियों की भयानक परीक्षा ली है इसलिए लगभग सभी देश स्वास्थ्यकर्मियों की कमी से जूझ रहे हैं। हालत ऐसी है कि अस्पताल अपने कर्मचारियों की छुट्टियों पर ना जाने और ज्यादा देर काम करने की गुजारिश करते रहते हैं, जो पिछले दो साल से चल रहा है। इस परेशानी का हल धनी देशों ने गरीब देशों में खोजा है।
इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ नर्सेज (ICN) ने कहा है कि धनी देश बड़ी संख्या में गरीब देशों से नर्सों को भर्ती कर रहे हैं जिसका असर गरीब देशों की स्वास्थ्य व्यवस्था पर पड़ रहा है जहां स्वास्थ्यकर्मी पहले ही काम के बोझ की अति से जूझ रहे हैं।
ओमिक्रॉन वेरिएंट के कारण संक्रमण के मामलों में उफान आने के बाद पूरी दुनिया स्वास्थ्यकर्मियों की कमी से जूझ रही है। जेनेवा स्थित इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ नर्सेज 130 देशों के राष्ट्रीय संगठनों का प्रतिनिधित्व करता है जिनमें 2.7 करोड़ से ज्यादा सदस्य हैं। संगठन के सीईओ हॉवर्ड कैटन ने कहा कि बीमारी, काम के बोझ और स्वास्थ्यकर्मियों के देश छोड़कर चले जाने के कारण ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों के बीच इतनी ज्यादा संख्या में नर्सें काम से गैरहाजिर हैं, जितना दो साल की महामारी के दौरान पहले कभी नहीं देखा गया। स्वास्थ्यकर्मियों की भारी कमी धनी देशों में भी स्वास्थ्यकर्मियों की कमी देखी जा रही है जिसे पूरा करने के लिए ये देश स्वयंसेवियों और सेवानिवृत्त कर्मियों का रुख कर रहे हैं। बहुत से देशों ने अंतरराष्ट्रीय भर्तियां भी तेज कर दी हैं जिसके कारण असमानता बढ़ रही है।
कैटन ने कोविड-19 के दौरान अंतरराष्ट्रीय नर्सों की स्थिति पर एक रिपोर्ट तैयार की है। इस बारे में उन्होंने कहा, "हमने यूके, जर्मनी, कनाडा और अमेरिका जैसे देशों में अंतरराष्ट्रीय भर्तियों में उछाल देखा है। मुझे यह रफू करने वाला हल लगता है। ऐसा ही हमने पीपीई किट और वैक्सीन के मामले में भी देखा था जबकि अमीर देशों ने अपनी ताकत के बल पर खरीदने और जमा करने का काम किया था अगर वे नर्सों के साथ भी वैसा ही करते हैं तो यह असमानता को बदतर बनाएगा।”
आईसीएन के आंकड़ों के मुताबिक महामारी के आने से पहले भी दुनिया में कम से कम 60 लाख नर्सों की कमी थी और इस कमी का 90 प्रतिशत शिकार गरीब और मध्य आय वाले देश थे। धनी देशों ने हाल ही में जो भर्तियां की हैं, वे ज्यादातर नाइजीरिया, कैरेबिया और अन्य अफ्रीकी क्षेत्रों से हुई हैं।
कैटन कहते हैं कि ज्यादा तन्ख्वाह और बेहतर परिस्थितियां इन नर्सों को अपना देश छोड़कर विदेश जाने को प्रोत्साहित कर रही हैं। आईसीएन की रिपोर्ट कहती है कि नर्सों को इमिग्रेशन में प्राथमिकता दी जा रही है, जिससे इस प्रक्रिया को और तेजी मिली है।
कैटन कहते हैं, "कुल जमा बात यह है कि कुछ लोग इस पूरी प्रक्रिया को देखेंगे और कहेंगे कि अमीर देश नई नर्सों और स्वास्थ्यकर्मियों को शिक्षित और प्रशिक्षित करने का खर्च बचा रहे हैं।” कैटन यह चेतावनी भी देते हैं कि दुनिया जिस तरह स्वास्थ्यकर्मियों की कमी से जूझ रही है, अंततः अमीर देशों को भी नुकसान झेलने पड़ेंगे। वह कहते हैं कि कार्यबल को बढ़ाने के लिए दस वर्षीय योजना और बड़े निवेश की जरूरत है।
सौंदर्या राय May 06 2023 0 73470
सौंदर्या राय March 09 2023 0 78641
सौंदर्या राय March 03 2023 0 76662
admin January 04 2023 0 76491
सौंदर्या राय December 27 2022 0 67539
सौंदर्या राय December 08 2022 0 56887
आयशा खातून December 05 2022 0 108336
लेख विभाग November 15 2022 0 80587
श्वेता सिंह November 10 2022 0 85749
श्वेता सिंह November 07 2022 0 78578
लेख विभाग October 23 2022 0 63692
लेख विभाग October 24 2022 0 64799
लेख विभाग October 22 2022 0 71409
श्वेता सिंह October 15 2022 0 78129
श्वेता सिंह October 16 2022 0 73802
विशेषज्ञों द्वारा चिकित्सकीय परीक्षण किया गया और परामर्श दिया गया। शिविर में निःशुल्क दवाओं का भी वि
कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के अंतर्गत हैलट अस्पताल में 80 लाख रुपए की लागत से एक नेत्र बैंक बनन
घर-घर तुलसी का अभियान भी चलाया जा रहा है। पार्क को तुलसी और औषधीय पार्क का स्वरूप दिया जा रहा है।
वैक्सीन निर्माता कंपनी ने मंगलवार को बताया कि इंटरनेशनल पीयर-रीव्यूड जर्नल में प्रकाशित करने के लिए
आयुष मंत्री ने इस अवसर पर गार्जियन रिंग की घोषणा की, जिसके तहत 21 जून को दुनिया भर में हो रहे योग सम
डिब्बाबंद नुकसानदेह खाद्य और पेय पदार्थों के पैकेट पर फ्रंट ऑफ पैक लेबल (FoPL) यानी कि ऊपर की ओर स्
लखनऊ को 3506 रोगियों को गोद लिए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था जिसके लिए 120 संस्थाओं को चिन्ह
आयोजित प्रेस वार्ता में केंद्रीय आयुष मंत्री ने मीडिया को 9वीं विश्व आयुर्वेद कांग्रेस (WAC) का विव
साल 2020 में कोरोना वायरस ने दस्तक दी थी। चीन के वुहान शहर से कोरोना वायरस संक्रमण का पहला मामला सा
अस्पताल प्रशासन का कहना था कि उनकी तरफ से कोई लापरवाही नहीं हुई। पीड़ित दिल की बीमारी का मरीज था और
COMMENTS