देश का पहला हिंदी हेल्थ न्यूज़ पोर्टल

स्वास्थ्य

नींद संबंधी विकार और हृदय संबंधी रोगों के खतरों में बढ़ोत्तरी

हालांकि प्रत्येक व्यक्ति की नींद की आवश्यकता भिन्न होती है, एक वयस्क को दिन में आठ घंटे सोना चाहिए। जबकि बच्चों को 8 घंटे से अधिक नींद की आवश्यकता होती है।

लेख विभाग
January 16 2022 Updated: January 16 2022 18:07
0 26906
नींद संबंधी विकार और हृदय संबंधी रोगों के खतरों में बढ़ोत्तरी प्रतीकात्मक

डॉ. आरिओम कर, 
सलाहकार – वयस्क हृदयरोग विशेषज्ञ, 
नारायणा मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल

हम सभी जानते हैं कि स्वस्थ आहार और व्यायाम स्वस्थ जीवन की ओर जाता है। लेकिन पर्याप्त नींद लेना स्वास्थ्य के लिए एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। नींद शरीर को आराम करने और ऊर्जा बहाल करने की मदद करती है। साथ ही साथ, शारीरिक और मनोवैज्ञानिक कार्य भी शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं। नींद की मात्रा और गुणवत्ता जगे रहते समय सर्वोत्तम सजगता बनाए रखने में मदद करती है। हालांकि प्रत्येक व्यक्ति की नींद की आवश्यकता भिन्न होती है, एक वयस्क को दिन में आठ घंटे सोना चाहिए। जबकि बच्चों को 8 घंटे से अधिक नींद की आवश्यकता होती है।

आजकल, विभिन्न कारणों से कई लोगों को पर्याप्त मात्रा में नींद नहीं मिलती है और लंबे समय तक नींद से वंचित हो जाते हैं। कुछ लोग नींद संबंधी विकार जैसे निद्रारोग और अन्य बीमारियों से पीड़ित होते हैं। सामान्यतः बहुत से कारणों से नींद का स्वरुप बाधित हो सकता है:

  • गर्भावस्था
  • थकान
  • नींद विकार
  • तनाव पूर्ण जिंदगी
  • अवसाद और चिंता
  • आहार नियंत्रण (डाइटिंग)
  • परिवार की मांग या अधिक व्यस्त कार्यक्रम
  • हार्मोनल प्रभाव और शरीर के तापमान में परिवर्तन (मासिक धर्म के समय, मासिक धर्म का बन्द होना और डिंबोत्सर्जन)
  • नींद में बार-बार सांस रुकना और शुरू होना (स्लीप एपनिया) और रेस्टलेस लेग सिंड्रोम) जैसे नींद संबंधी विकार

70 से अधिक के लोगों में नींद संबंधी विकार पाया गया है। पांच सबसे आम विकारों में से है।

1. अनिद्रा: यह सबसे आम नींद विकार है। इसे रात में सोने में या नींद को बनाए रखने में कठिनाई के रूप में परिभाषित किया जा सकता है। अनिद्रा के अन्य लक्षणों में बहुत जल्दी जागना और रात की नींद का अनुभव न करने के कारण वापस सोने में असमर्थ होना शामिल है। परिणाम थकान, एकाग्रता में परेशानी, खिन्नता और नींद विकार से स्लीप एपनिया।

2. औंघाई (नार्कोलेप्सी): दिन के दौरान इस स्थिति में रोगी को अचानक नींद आ जाती है। किसी भी उम्र के दोनों लिंगों में औंघाई आना आम है। यह पहली बार किशोरावस्था और युवावस्था में देखा जाता है। कुछ साक्ष्यों का कहना है कि औंघाई परिवार की पीढ़ी में चल सकता है। हाल के शोधों से पता चला है कि औंघाई मस्तिष्क में एक रसायन की कमी के कारण है जिसे संवाद करने के लिए तंत्रिका कोशिकाओं द्वारा उपयोग किए जाने वाले छोटे प्रोटीन जैसे अणु (न्यूरोपैप्टाइड) जो उत्तेजना, जागने और भूख को नियंत्रित करता है (हाइपो-क्रेटिन) के रूप में जाना जाता है। औंघाई के अन्य संबंधित लक्षण हैं: ए) चिकित्सा स्थिति जिसमें हंसी आदि व्यक्ति को अचानक शारीरिक पतन का सामना करने का कारण बनती है, हालांकि शेष भाग में होश रहता है (कैटाप्लेक्सी) बी) सोते समय या जागने पर हिलने या बोलने की अस्थायी अक्षमता (स्लीप पैरालिसिस) सी) सम्मोहन संबंधी मतिभ्रम (हाइपानोगॉजिक मतिभ्रम), आदि।

3. रेस्टलेस लेग सिंड्रोम (आरएलएस): आरएलएस एक नींद विकार है जिसमें हाथों और पैरों में अप्रिय संवेदना होती है। संवेदना को अक्सर रेंगने, घिसटना, झुनझुनी, खींचने और दर्दनाक जलन के रूप में वर्णित किया जाता है। लेटते या लंबे समय तक बैठे रहने पर ये लक्षण प्रमुख हैं। हाथों और पैरों के अलावा यह संवेदना जननांग क्षेत्र, चेहरा और धड़ में भी हो सकती है। यह आपके पैरों को हिलाने को तीव्र संकेत देता है और नींद को लगभग असंभव बना देता है। आरएलएस के लक्षण बेहतर हो सकते हैं और समय बीतने पर आने वाले सालो में फिर से सुधार आ सकता है। अधिकतर आरएलएस संबंधित नींद विकार को नियत काल से अंग हिलनेवाला विकार (पीएलएमडी) भी कहा जाता है।

4. सर्कैडियन ताल विकार: इससे तात्पर्य उन स्थितियों के एक समूह से है जो शरीर के प्राकृतिक मनोवैज्ञानिक और जैविक लय को बाधित करता है। यह आमतौर पर पारी में काम करनेवाले श्रमिक (जो आमतौर पर गैर-पारंपरिक घंटों के लिए काम करते हैं) में पाया जाता है जो कि इन स्थितियों के लिए कमजोर होते हैं। इसके अलावा, यह आमतौर पर विरल यात्रियों में पाया है जो विमान यात्रा से थके (जेट लैग), अनियमित नींद पैटर्न, किशोरों और आनुवंशिक प्रवृत्ति वाले लोगों पाया जाता है।

हृदय रोग:

  1. नींद की समस्या अलिंद विकम्पन (एएफ) नामक स्थिति पैदा करती है। हृदय में कोशिकाओं का समूह (साइनस गाँठ) का एक हिस्सा विद्युत आवेग भेजता है जो हृदय के स्पंदन गतिविधि को नियंत्रित करता है। वायुमार्ग इन आवेगों में गड़बड़ी पैदा करती है जिससे आघात होता है। कमजोरी लाने वाली स्थिति जो लोगों के बोलने, खाने और बातचीत करने की क्षमता को प्रभावित कर सकती है।
  2. नींद की अस्त-व्यस्तता से श्वासरोध के कारण, असामान्य हृदय की धड़कन सांस लेने को प्रभावित करती है इसलिए रक्त में ऑक्सीजन का स्तर कम होता है।
  3. प्राकृतिक सर्कैडियन लय (शरीर की घड़ी-चक्र) से ताल नहीं मिलाना भी हृदय तथा रक्तवाहिकाओं संबंधी रोग के लिए एक बड़ा जोखिम है।

 

WHAT'S YOUR REACTION?

  • 1
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0

COMMENTS

राष्ट्रीय

बच्चों में कोविड के गंभीर संक्रमण की संभावना बड़ों की अपेक्षा कम: डॉ. अरोड़ा 

एस. के. राणा September 03 2021 20931

हम दूसरी लहर की अंतिम अवस्था में है। तीसरी लहर की आशंका उस स्थिति में ही मजबूत होगी जबकि हम कोविड अन

उत्तर प्रदेश

कुशीनगर में रोटरी क्लब ने रक्तदान शिविर का किया आयोजन

अनिल सिंह March 21 2023 26046

रोटरी क्लब कुशीनगर के द्वारा आयोजित इस शिविर में 105 लोगों ने रक्तदान का एक नया कीर्तिमान स्थापित कि

सौंदर्य

दुल्हन का मेकअप उतारने के बाद ऐसे रखें स्किन का ख्याल

सौंदर्या राय January 02 2023 26773

ब्राइड का मेकअप काफी हैवी किया जाता है, लेकिन अगले दिन जब ये मेकअप उतर जाता है तो स्किन काफी सुस्त औ

राष्ट्रीय

कोरोना के खतरे के बीच बढ़ें सांस के मरीज

admin December 27 2022 19631

केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को निगरानी बढ़ाने व अस्पतालों में भर्ती होने वालों पर नजर रखने का निर्दे

व्यापार

एनाजिक इंडिया लाया केंजेन वाटर बनाने वाली मेडिकल डिवाइस

रंजीव ठाकुर September 08 2022 123714

यह जापानी तकनीक है जिसे दुनिया भर के जाने-माने लोग इस्तेमाल करते हैं। एनाजिक इंडिया केंजेन डिवाइस प्

उत्तर प्रदेश

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों के साथ कि बैठक

अबुज़र शेख़ October 27 2022 12872

मुख्यमंत्री ने आला अधिकारियों को डेंगू समेत अन्य संचारी रोगों के प्रति सावधानी बरतने के निर्देश दिए

उत्तर प्रदेश

राष्ट्रीय पोषण सप्ताह: विविधता में एकता के भारतीय दर्शन को प्रस्तुत करती है इस वर्ष की दिलचस्प थीम

आयशा खातून September 01 2022 88142

प्रत्येक वर्ष उचित खानपान की आदतों और पोषण के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए 1 सितम्बर से 7 सितम्ब

राष्ट्रीय

गुजरात में दर्ज हुआ पहला XBB.1.5 वैरिएंट का केस

विशेष संवाददाता January 01 2023 31175

अमेरिका और ब्रिटेन में इस नए वैरिएंट XBB.1.5 ने तबाही मचा रखा है। अब ये भारत भी पहुंच गया है। गुजरात

राष्ट्रीय

देश में कोविड-19 के 43,733 नए मामले।

एस. के. राणा July 07 2021 21880

देश में 930 और लोगों की संक्रमण से मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 4,04,211 हो गई। उपचाराधीन मरीजों की

राष्ट्रीय

राजस्थान में आतिशबाज़ी ने बढ़ाया प्रदूषण

जीतेंद्र कुमार October 25 2022 23266

देर रात आतिशबाजी होने के चलते पूरे जोधपुर का प्रदूषण लेवल रेड जोन में पहुंच गया है। राजस्थान के अने

Login Panel