जेनेवा। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कोविड-19 महामारी से बचाव के लिये ‘कोवोवैक्स’ नामक वैक्सीन के आपात प्रयोग को स्वीकृति दे दी है। अब यह करोड़ों लोगों के लिये उपलब्ध हो सकेगी। यह वैक्सीन, नोवावैक्स कम्पनी के लाइसेंस के तहत, भारत के सीरम इन्स्टीट्यूट में निर्मित है।
कोविड-19 संक्रमण से रक्षा के लिये यह नौंवी वैक्सीन है, जिसे यूएन स्वास्थ्य एजेंसी ने स्वीकृति दी है। कोवोवैक्स’ वैक्सीन की दो ख़ुराक ली जानी ज़रूरी हैं। इसका भण्डारण, दो से आठ डिग्री सेल्सियस के बीच स्थिर, ठण्डे तापमान में किया जाता है।इस वैक्सीन की मदद से निम्नतर-आय वाले देशों में टीकाकरण प्रयासों को मज़बूती प्रदान की जा सकेगी.
यूएन एजेंसी ने अब तक इन टीकों को आपात प्रयोग सूची में शामिल किये जाने की स्वीकृति दी है: कोवोवैक्स, मॉडर्ना, फ़ाइज़र, जैनसन, ऐस्ट्राज़ेनेका, कोविशील्ड, कोवैक्सीन, सिनोफार्म, सिनोवाक।
यूएन एजेंसी में चिकित्सा व स्वास्थ्य उत्पादों की सुलभता के लिये सहायक महानिदेशक डॉक्टर मारियाएन्जेला सिमाओ ने ‘कोवोवैक्स’ टीके को एक कारगर उपाय बताया है। “नए वैरीएण्ट के उभरने के बाद भी, गम्भीर बीमारी से रक्षा और SARS-COV-2 के कारण होने वाली मौत से रक्षा के लिये, वैक्सीन सबसे प्रभावी औज़ारों में हैं।”
उन्होंने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने आशा जताई है कि भारत में निर्मित नए टीकों से उनकी सुलभता व उपलब्धता बढ़ेगी। विशेष रूप से निम्नतर-आय वाले देशों में।
इनमें से 41 देश अभी अपनी 10 प्रतिशत आबादी का भी टीकाकरण नहीं कर पाये हैं, जबकि 98 देशों को अभी 40 फ़ीसदी आबादी के टीकाकरण का लक्ष्य पूरा करना है।
आपात प्रयोग
यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के मुताबिक़, आपात प्रयोग सूची (Emergency Use Listing) के तहत, किसी वैक्सीन की गुणवत्ता, उसके सुरक्षा मानक और कुशलता का आकलन किया जाता है। इसके बाद ही किसी वैक्सीन को, न्यायसंगत वैक्सीन वितरण के लिये वैश्विक पहल – ‘कोवैक्स’ में शामिल किया जाता है। इस स्वीकृति से देशों को अपनी नियामक प्रक्रियाओं की गति तेज़ करने में भी मदद मिलती है।
आपात प्रयोग सूची पर तकनीकी सलाहकार समूह, यूएन स्वास्थ्य एजेंसी द्वारा गठित है, और इसमें दुनिया भर से विशेषज्ञों को शामिल किया गया है। विशेषज्ञ समूह ने कहा है कि ‘कोवोवैक्स’ वैक्सीन, कोविड-19 से बचाव के लिये, विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानकों को पूरा करती है।
उनके मुताबिक़, इस वैक्सीन में निहित लाभ, उसके कारण होने वाले सम्भावित जोखिमों से कहीं अधिक है, और इसके मद्देनज़र, इसे दुनिया भर में इस्तेमाल में लाया जा सकता है। इस सप्ताह, प्रतिरक्षण पर विश्व स्वास्थ्य संगठन के सलाहकारी समूह (SAGE) ने भी ‘कोवोवैक्स’ की समीक्षा की थी।
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