लखनऊ। मेदांता ट्रामा सेंटर अपने अल्ट्रा मॉडर्न मेडिकल टेक्नोलॉजी के जरिए एक्सीडेंट में घायल हुए लोगों की प्राणों की रक्षा कर रहा है। खास बात यह है कि मेदांता ट्रामा सेंटर में एक्सीडेंट या ट्रामा के शिकार मरीजों के इलाज के लिए गोल्डन ऑवर और अमेरिकन कॉलेज ऑफ़ सर्जन्स द्वारा स्थापित एडवांस ट्रामा लाइफ सपोर्ट (ATLS) सिद्धांत का पालन किया जाता है।
मेदांता अस्पताल लखनऊ के डायरेक्टर डॉ राकेश कपूर ने बताया, “किसी भी गंभीर परिस्थिति में मरीज के लिए एक्सीडेंट के बाद का एक घंटा बेहद ही महत्वपूर्ण होता है। इस समय में मुहैया कराया गया इलाज मरीज जिंदगी बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, इसीलिए इसे ‘गोल्डन ऑवर’ के नाम से जाना जाता है। मेदांता ट्रामा सेंटर की सुविधा शुरू हो जाने से यहां के वेल क्वालिफाइड सुपर स्पेशिलिस्ट डॉक्टर्स द्वारा क्रिटिकल कंडिशन में आए मरीजों की जान समय से इलाज देकर बचाई जा रही है। ख़ास बात यह है कि यह शहीद पथ पर स्थित है, इस सड़क पर होने वाले एक्सीडेंट्स के शिकार लोगों को बिना समय गंवाए जरूरी इलाज मिल जाता है, जिससे लोगों की कीमती जान बचाई जा रही है।
शहर के अन्य अस्पतालों में जहां पहुंचने में समय लगता है, शहीद पथ पर स्थित होने के कारण यहां आसानी से पहुंचा जा सकता है। हमारे पास पूर्वांचल के इलाकों से भी एक्सीडेंट के शिकार लोगों को समय से पहुंचाकर जान बचाई गई। हमारे यहां आये ट्रामा पेशेंट्स को गोल्डन ऑवर का ध्यान रखकर तुरंत इलाज मुहैया किया जाता है। मेदांता ट्रॉमा सेंटर शुरू होने के बाद से हम गोल्डन ऑवर सिद्धांत का पालन करते हुए तकरीबन 500 लोगों की जान बचा चुके हैं।”
डॉ लोकेंद्र ने बताया कि हाल ही में गोरखपुर से एक एक्सीडेंट के शिकार मरीज को बेहद गंभीर हालत में मेदांता ट्रामा सेंटर लाया गया था। अस्पताल पहुंचने के एक घण्टे के अंदर इमरजेंसी में उसकी ब्लीडिंग रोकी गई और श्वसन प्रक्रिया को नार्मल कर आपरेशन थिएटर में भेजा गया। सफल सर्जरी के बाद न केवल मरीज की जान बची बल्कि अब वह सामान्य रूप से स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं।
मेदांता इमरजेंसी मेडिसिन व क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ. लोकेंद्र गुप्ता ने बताया, “मेदांता ट्रामा सेंटर में एक्सीडेंट और ट्रामा के मरीजों के इलाज के लिए अंतर्राष्ट्रीय मानकों का पालन करते हैं। ऐसे मरीजों की जान बचाने और इलाज के लिए एक-एक पल बेहद कीमती होता है। इसीलिए गोल्डन ऑवर सिद्धांत का पालन बेहद जरूरी हो जाता है।
गोल्डन आवर जरूरी नहीं कि हमेशा एक घंटा की ही अवधि होती है, कभी-कभी, स्थिति की गंभीरता के अनुसार यह कुछ मिनटों से लेकर कई घंटों तक हो सकता है। ‘गोल्डन ऑवर’ का मुख्य उद्देश्य उन रोगियों के जीवन को बचाना है, जो एक्सीडेंट के बाद लगतार हो रही ब्लीडिंग के कारण होने वाले आघात से गुजरते हैं, ऐसे में उनकी जान भी जा सकती है।"
डॉ लोकेंद्र ने बताया कि मेदांता ट्रॉमा सेंटर, लखनऊ में 24x7x365 इमरजेंसी सेवाएं एवं सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स हमेशा उपस्थित रहते है, जो मरीजों को उचित इलाज और उनकी पूरी देखभाल करने में निरंतर प्रयत्नशील है।
इमरजेंसी और एम्बुलेंस सेवाओं के लिए मेदांता ट्रॉमा सेंटर से इन नम्बरों पर 24x7 सम्पर्क किया जा सकता है। डॉक्टर ऑनकॉल 7428581521 एम्बुलेंस ऑन कॉल 7428581500
सौंदर्या राय May 06 2023 0 62814
सौंदर्या राय March 09 2023 0 72869
सौंदर्या राय March 03 2023 0 71001
admin January 04 2023 0 69942
सौंदर्या राय December 27 2022 0 57993
सौंदर्या राय December 08 2022 0 48895
आयशा खातून December 05 2022 0 103008
लेख विभाग November 15 2022 0 72373
श्वेता सिंह November 10 2022 0 77313
श्वेता सिंह November 07 2022 0 69254
लेख विभाग October 23 2022 0 56477
लेख विभाग October 24 2022 0 54920
लेख विभाग October 22 2022 0 63750
श्वेता सिंह October 15 2022 0 68472
श्वेता सिंह October 16 2022 0 67475
COMMENTS