लखनऊ। 9 से 11 सितम्बर के मध्य इंडियन सोसायटी ऑफ हाइपरटेंशन के तत्वाधान में एक अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी बीपिकॉन 2022 का आयोजन अटल बिहारी वाजपेई साइंटिफिक कन्वेंशन सेंटर, केजीएमयू में किया जा रहा है।
सम्मेलन के अध्यक्ष आयोजन समिति प्रो अनुज माहेश्वरी ने हेल्थ जागरण को जानकारी देते हुए बताया कि हाइपरटेंशन पर आधारित अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी बीपिकॉन 2022 (BPCON 2022) का आयोजन 9 से 11 सितम्बर तक अटल बिहारी वाजपेई साइंटिफिक कन्वेंशन सेंटर, केजीएमयू (KGMU) में किया जा रहा है।
इंडियन सोसायटी ऑफ हाइपरटेंशन (Indian Society of Hypertension) के महासचिव डॉ अनुज माहेश्वरी (Dr Anuj Maheshwari) ने बताया कि यह संस्था भारत में हाइपरटेंशन (Hypertension) पर काम करने वाली सबसे बड़ी संस्था है और इसी संस्था के वार्षिक सम्मलेन को बीपिकॉन कहते है। हर साल यह आयोजन अलग-अलग स्थानों पर होता है। पिछली बार 2013 में बीपिकॉन लखनऊ में हुआ था और अब बीपिकॉन-2022 का आयोजन यहाँ किया जा रहा है।
डॉ अनुज माहेश्वरी ने बताया कि इस कांफ्रेंस के लिए अब तक 944 लोग रजिस्टर्ड हो चुके हैं और 200 से अधिक विद्वान इसमें अपना व्याख्यान देंगे। कांफ्रेंस में 75 से अधिक रिसर्च पेपर्स (research papers) पढ़े जाएंगे। इसमें कई रिसर्च पेपर्स ऐसे हैं जो मेडिकल छात्रों और पोस्ट ग्रेजुएट्स द्वारा तैयार किए गए हैं। कई रिसर्च पेपर्स देश के विभिन्न डॉक्टर्स और साइंटिस्ट्स द्वारा तैयार किए गए हैं। शोध पत्रों के आलावा हाई ब्लड प्रेशर को लेकर काफी कुछ जानने-समझने का मौका मिलेगा।
व्याख्यान देने वालों में पद्मश्री (Padmashree) डॉ कमलाकर त्रिपाठी (Dr. Kamalakar Tripathi), डॉ राजीव गुप्ता, डॉ शशांक जोशी तथा डॉ वसंत कुमार प्रमुख रूप से मौजूद रहेंगे। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रो पीके जैन (Prof. PK Jain) सेवानिवृत्त प्रोफेसर, महारानी लक्ष्मीर्बाइ मेडिकल कालेज, झांसी होंगे। विशिष्ट अतिथि प्रो आरके गोखरू (Prof. RK Gokhru), प्रोफेसर व हेड, जेएलएन मेडिकल कालेज अजमेर होंगे।
कार्यक्रम में देश के 41 विशिष्ट चिकित्सकों को फेलोशिप (fellowships) प्रदान की जाएगी। युवा वैज्ञानिकों तथा चिकित्सकों को भी सम्मानित किया जाएगा। किंग जार्ज चिकित्सा महाविद्यालय तथा अन्य महाविद्यालयों के पूर्व आचार्यों को भी विशेष रूप से सम्मानित किया जाएगा।
डॉ अनुज माहेश्वरी ने कहा, उच्च रक्तचाप एक ऐसी बीमारी है, जिसे रोका जा सकता है। यह विदेशों की तुलना में भारतवर्ष में कम उम्र पर हो जाती है। लगभग 35 प्रतिशत भारतीय उच्च रक्तचाप (High BP) से पीड़ित हैं, इनमें से केवल 10 प्रतिशत का रक्तचाप ही नियंत्रण में है। उच्च रक्तचाप से 70 प्रतिशत लकवा (paralysis), 50 प्रतिशत हार्ट फेलियर (heart failure) एवं 30 प्रतिशत हृदयाघात (heart attack) की संभावना बढ़ जाती है।
कार्यक्रम की जानकारी देने के लिए डॉ अनुज माहेश्वरी के साथ डॉ साजिद अंसारी तथा प्रो नरसिंह वर्मा मौजूद रहें।
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