लखनऊ। अनकंट्रोल हाई ब्लड प्रेशर आपके स्वास्थ्य को बहुत नुकसान पहुंच सकता है। हाई ब्लड प्रेशर सीधे दिल पर हमला कर उसे जोखिम में डाल सकता है। रहन-सहन व जीवनशैली में छोटे-छोटे बदलाव करके आप ब्लड प्रेशर को काबू में रख सकते हैं। साथ ही अपने दिल को भी मुसीबतों से मुक्ति दिला सकतें हैं। राजधानी स्थित आध्या केयर सेंटर के डायरेक्टर डॉ. स्वप्निल पाठक ने जीवनशैली और अनकंट्रोल हाई ब्लड प्रेशर विषय पर बात करतें उक्त बातें कहीं।
डाक्टर स्वप्निल कहतें हैं कि एक ही जैसी जीवनशैली अपनाकर बीपी और शुगर दोनों को भी कंट्रोल रख सकेंगे। इससे दो गंभीर बीमारियों से बचा जा सकता है। लेकिन बात हम ब्लड प्रेशर पर ही करेंगे।
डॉ. स्वप्निल ने बताया अगर लोग अपनी जीवनशैली (lifestyle) में थोड़ा सकारात्मक बदलाव कर ले तो इससे उन व्यक्तियों में हृदय रोग का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है। लोगों को हाईपरटेंशन (hypertension) से निजात पाने के तरीकों के साथ स्वस्थ जीवन के उपाय बताये जाते है ताकि वे अपने हृदय को भी स्वस्थ रख सकें।
डाक्टर ने बताया आपकी एक छोटी सी लापरवाही यानी ब्लड प्रेशर (blood pressure) को नजरअंदाज करते रहने की आदत एक दिन बड़ा हृदय रोग का कारण बन सकता है। साइलेंट किलर (silent killer) कही जाने वाली बीमारी हाइपरटेंशन यानी हाई ब्लड प्रेशर के बारे में जागरूकता फैलाना बहुत ज़रूरी है। हाई ब्लड प्रेशर की समस्या भारत सहित पूरी दुनिया में आम है।
एक रिपोर्ट के अनुसार विश्व स्तर पर 1.13 अरब लोग हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित हैं। रिपोर्ट के अनुसार यह संख्या विश्व की जनसंख्या का दो तिहाई है। इसी तरह भारत में भी हर तीसरा व्यस्क व्यक्ति बीपी का मरीज है।
हाइपरटेंशन ऐसी स्थिति है, जिसे साइलेंट किलर के रूप में जाना जाता है, क्योंकि इसमें शुरुआत में कोई भी लक्षण दिखाई नहीं देता। यदि आपको हाई ब्लड प्रेशर की समस्या है।
आप साधारण जीवनशैली अपनाकर अपने जीवन को स्वस्थ्य रख सकेंगे। इसके लिए जीवन में नीचे बताए गए पांच बदलाव करके हाई बीपी को आसानी से कंट्रोल किया जा सकता है।
आहार में सोडियम कम करें - Reduce sodium in the diet
हाइपरटेंशन का सबसे बड़ा कारण शरीर में सोडियम की मात्रा का बढ़ना ही है। इसलिए आहार में सोडियम की कमी आपके हृदय स्वास्थ्य में सुधार कर सकती है और ब्लड प्रेशर को 5 से 6 एमएम प्रति एचजी तक कम कर सकती है। सोडियम को हर दिन 2300 मिग्रा तक ही सीमित करें। इसके लिए आप प्रोसेस्ड फूड आइटम्स कम से कम खाएं।
भोजन में ज्यादा नमक से बचें - Avoid too much salt in food
भोजन में ऊपर से नमक न डालने व सलाद में ऊपर से नमक डाल कर खान के बजाय मसालों का प्रयोग करें। ज्यादा नमक हाई ब्लड प्रेशर वालों के लिए एक प्रकार का जहर है। नमक का प्रयोग सीमित मात्रा में ही करें।
फिजिकल एक्टिविटी बहुत जरूरी - Physical activity is very important
नियमित तौर से सप्ताह में 210 मिनट यानी प्रतिदिन करीब 30 मिनट व्यायाम जिसमें सुबह या शाम को टहलना भी शामिल है, को रूटीन अवश्य बनाना चाहिए। व्यायाम करने से ब्लड प्रेशर को 5-8 एमएम प्रति एचजी तक कम किया जा सकता है। यदि आप व्यायाम करना बंद कर देंगे, तो ब्लड प्रेशर फिर से बढ़ जाएगा। ब्लड प्रेशर को कम करने के लिए आप वॉकिंग, साइकिलिंग, स्विमिंग के साथ डांस भी कर सकते हैं।
स्ट्रेंथ ट्रेनिंग के बजाए आइसोटॉनिक व्यायाम पर जोर दें - Emphasize isotonic exercise rather than strength training
कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि स्ट्रेंथ ट्रेनिंग भी ब्लड प्रेशर को कम करने में मदद करती है। इसलिए सप्ताह में कम से कम दो दिन स्ट्रेंथ ट्रेनिंग का अभ्यास करने की कोशिश करें। लेकिन डॉ स्वप्निल का मानना है कि स्ट्रेंथ ट्रेनिंग से बेहतर आइसोटॉनिक व्यायाम बीपी को कंट्रोल करने में फायदेमंद रहता है। इससे वजन कम करने का भी फायदा मिलेगा।
आहार पर नियंत्रण से मिलेगा फायदा - Diet control will benefit
साबुत अनाज, फल, सब्जियां और लो फेट डेयरी प्रोडक्ट से भरपूर आहार का सेवन करने से आपका ब्लड प्रेशर 11 एमएम प्रति एचजी तक कम हो सकता है।
आहार में पोटेशियम बढ़ाएं - Increase potassium in the diet
ये आपके सोडियम लेवल को कम करने में मदद करेगा। सब्जी और फल पोटेशियम का बेहतरीन स्त्रोत हैं। आप अपने आहार में नियमित रूप से इन्हें शामिल कर सकते हैं।
उच्च रक्तचाप के स्टेज - high blood pressure stage
उच्च रक्तचाप या हाइपरटेंशन चार अलग-अलग चरणों में श्रेणियां हैं
1. पहली स्टेज - First Stage
प्री-हाइपरटेंशन- जिसमें ब्लड प्रेशर 120-80 से 139-89 के बीच होता है।
2. दूसरी स्टेज - Second Stage
माइल्ड हाइपरटेंशन- जिसमें ब्लड प्रेशर 140-90 से 159-99 की रेंज में होता है।
3. तीसरी स्टेज -Third Stage
मध्यम उच्च रक्तचापः जिसमें रक्तचाप की सीमा 160-110 से 179-109 है।
4. चौथी स्टेज - Fourth stage
गंभीर उच्च रक्तचापः जिसमें रक्तचाप 180-110 या उससे भी अधिक हो।
अगर लोग अपनी जीवनशैली में थोड़ा सकारात्मक बदलाव कर ले तो इससे उन व्यक्तियों में हृदय रोग का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है। बीपी और शुगर जैसी बीमारियों पर भी कंट्रोल रखा जा सकता है।
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