लखनऊ। हेल्थ जागरण ने प्राचीन चिकित्सा पद्धति बनाम एलोपैथी को लेकर चल रही चर्चाओं के बीच राजधानी लखनऊ में अमीनाबाद, कल्लन की लाट स्थित चिकित्सालय में डॉ एम एफ खान तथा डॉ पी ए खान (बीयूएमएस) से खास बातचीत की।
प्रश्न - डॉ साहब आज कल आयुर्वेद और यूनानी यानी प्रचानी पद्धतियों और एलोपैथी को लेकर काफी चर्चा चल रही है, आपका क्या ख्याल है?
डॉ एम एफ खान - यूनानी चिकित्सा पद्धति में अभी तक कोरोनावायरस को लेकर कोई रिसर्च सामने नहीं आई है, इसलिए यह कहना मुश्किल होगा कि यूनानी चिकित्सा में कोरोना का इलाज संभव है। सरकार ने वैक्सीन की सुविधा उपलब्ध कराई है जिसका लाभ सभी को लेना चाहिए।
प्रश्न - साहब क्या यूनानी चिकित्सा पद्धति से कोरोना का इलाज संभव है ?
डॉ एम एफ खान - जैसा कि मैंने बताया कि नई रिसर्च सामने ना आने के कारण ठोस इलाज का दावा नहीं किया जा सकता है लेकिन कोरोनावायरस से बचने और इम्यूनिटी बढ़ाने को लेकर यूनानी चिकित्सा पद्धति में बहुत सी चीजें हैं।
प्रश्न - साहब कोरोनावायरस से बचने के लिए यूनानी चिकित्सा पद्धति में इम्यूनिटी सिस्टम कैसे डेवलेप किया जा सकता है?
डॉ एम एफ खान - इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए यूनानी चिकित्सा पद्धति में बहुत से उपाय उपलब्ध हैं और यदि आपकी इम्यूनिटी सिस्टम ठीक रहेगा तो फिर कोविड के ख़तरे को आप वैसे ही टाल सकते हैं।
प्रश्न - डॉ साहब हेल्थ जागरण के दर्शकों को क्या संदेश देना चाहेंगे ?
डॉ पी ए खान - देखिए कोरोना काल जब तक चल रहा है तब तक सरकार की सारी गाइडलाइंस का पालन करना चाहिए।
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