लखनऊ। भारत में हाल ही में हुए अध्ययन बताते हैं कि मार्च की शुरूआत में पहले देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा के बाद से लोगों में तनाव सम्बंधी समस्याओं की अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। नौकरी जाने, वेतन कम होने, स्वास्थ्य की समस्याओं और अस्थिर वातावरण के कारण भारतीयों में चिंता और तनाव है। ऐसे समय में यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि हमें अपने तनाव के स्तर को नियंत्रण में रखने और सकारात्मक रहने का हर संभव प्रयास करना चाहिये। लंबी अवधि में इसके मानसिक और शारीरिक दोनों पर असर पड़ सकता हैं।
न्यूट्रीशन एवं वेलनेस कंसल्टेन्ट शीला कृष्णस्वामी का मानना है कि हमेशा हेल्दीं और पौष्टिक डाइट लेने पर, नियमित रूप से एक्सारसाइज करने पर और स्क्रीन टाइम से ब्रेक लेंने पर जीवनशैली जनित तनाव को दूर करने में मदद मिल सकती है।
बेहतर शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिये सही मात्रा में सभी फूड ग्रुप्स को शामिल करना चाहिए। जैसे साबूत अनाज, दालें, सब्जियाँ, फल, मेवे, डेयरी प्रॉडक्ट्स, अंडा और मांस। एक अध्ययन के अनुसारए तनाव के समय में लोग कम हेल्दी् खाने की ओर रुख करते हैं। इस स्थिति को ज्यादा पोषक विकल्प अपनाकर बदला जा सकता है।
एक्सारसाइज से तनाव खत्म होता है! अध्ययन दर्शाते हैं कि एक्सएरसाइज थकान कम करने, चेतना और एकाग्रता बढ़ाने और समग्र ज्ञानात्मक कार्यों को समृद्ध बनाने में बहुत प्रभावी है । नियमित व्यायाम के कई शारीरिक लाभ भी हैं जैसे बेहतर नींद, मजबूत इम्युनिटी, कम ब्लड प्रेशर, कम ब्लड ग्लूकोज आदि। औ
विभिन्न स्क्रीन्स; स्मार्टफोन्स, लैपटॉप्स, टैबलेट्स, टेलीविजन, आदि पर ज्यादा समय बिताने से भी तनाव का स्तर प्रभावित होता है। इससे बचने के लिये अपने स्क्रीन टाइम को कम करने पर ध्यान दें। जहाँ तक हो सके किसी घरेलू काम में मन लगाएं ।
एस. के. राणा March 06 2025 0 27861
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कार्यक्रम में नीलू त्रिवेदी ने माहवारी के दौरान इस्तेमाल किए जाने वाले कपड़े को गर्भाशय के कैंसर का
क्या आपको पता है कि यही करेला आपको ठंड और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं से निपटने में मदद करता है। वहीं इस
स्वास्थ्य विभाग लगातार झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई लगातार की जा रही है। फिर भी झोलाछाप डॉक्टर
21 वर्षीय युवक की रोड एक्सीडेंट में ट्रॉमेटिक ब्रेन इंजरी होने के चलते मृत्यु हो गई थी। जिसके पश्चात
राजस्थान के बाडमेर में एक युवक की अखबार पढ़ते-पढ़ते हार्ट अटैक से मौत हो गई। वहीं बिहार के गोपालगंज
पीएलओएस ग्लोबल पब्लिक हेल्थ पत्रिका में पांच लेखों की एक विशेष श्रृंखला प्रकाशित की है, जिसमें प्रसव
गाम्बिया ने अभी तक पुष्टि नहीं की है कि भारत की मेडेन फार्मास्युटिकल्स के कफ सिरप से बच्चों की मौत ह
मंत्रालय ने शनिवार को कहा, ‘‘अभी ऐसा कोई संकेत नहीं मिला है जिससे यह पता चलता हो कि बीए.2.75 ओमीक्रो
आयुष कवच एप्प डाउनलोड करने की अपील करते हुए प्रोफेसर प्रकाश चन्द्र सक्सेना ने बताया कि इस एप्लिकेशन
आमतौर पर प्रयोग होने वाला साल्ट पैरासिटामोल एक साल पहले 650 रुपये किलो मिलता था। अब इसके दाम 1200 रु
कार्यक्रम में नीलू त्रिवेदी ने माहवारी के दौरान इस्तेमाल किए जाने वाले कपड़े को गर्भाशय के कैंसर का
क्या आपको पता है कि यही करेला आपको ठंड और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं से निपटने में मदद करता है। वहीं इस
स्वास्थ्य विभाग लगातार झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई लगातार की जा रही है। फिर भी झोलाछाप डॉक्टर
21 वर्षीय युवक की रोड एक्सीडेंट में ट्रॉमेटिक ब्रेन इंजरी होने के चलते मृत्यु हो गई थी। जिसके पश्चात
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आमतौर पर प्रयोग होने वाला साल्ट पैरासिटामोल एक साल पहले 650 रुपये किलो मिलता था। अब इसके दाम 1200 रु
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