अर्थराइटिस यानी गठिया वो बीमारी होती है, जिसमें शरीर के किसी एक या एक से अधिक ज्वाइंट में सूजन आ जाती है। अर्थराइटिस के दो सबसे आम लक्षण हैं - जोड़ों में दर्द और जकडऩ। उम्र के साथ-साथ ये दिक्कतें बढ़ती जाती हैं।
अर्थराइटिस मुख्यत: दो तरह के होते हैं- ऑस्टियो अर्थराइटिस और रूमेटाइड अर्थराइटिस। अर्थराइटिस की परेशानी जब घुटनों को जकड़ लेती है, तो ये जिंदगीभर पीछा नहीं छोड़ती। घुटने का गठिया ऐसी समस्या है जिसे ठीक नहीं किया जा सकता। अगर किसी मरीज को ये बीमारी है, तो इसके साथ ही उसे पूरा जीवन गुजारना पड़ता है लेकिन हां, इतना जरूर है कि सही इलाज और बेहतर एक्सरसाइज से इस रोग को बढऩे से रोका जा सकता है और दर्द को कम किया जा सकता है।
दिल्ली के साकेत स्थित मैक्स स्मार्ट सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में ऑर्थोपेडिक्स एंड ज्वाइंट रिप्लेसमेंट डिपार्टमेंट के चीफ सर्जन और चेयरमैन डॉ.एस.के.एस मार्या ने हेल्थ जागरण से अर्थराइटिस से जुड़ी कई अहम जानकारियां साझा किया।
डॉ.एस.के.एस मार्या का कहना है कि अगर किसी मरीज को घुटने का गठिया है, तो आमतौर पर एक्सरसाइज का विकल्प वो सबसे आखिर में चुनता है। कुछ लोगों को लगता है कि अगर एक्सरसाइज की जाए तो इससे हालात और बिगड़ जाते हैं और दर्द भी बढ़ जाता है। जबकि हकीकत इससे उलट है, घुटने का अर्थराइटिस होने की स्थिति में एक्सरसाइज करना बहुत ही फायदेमंद साबित होता है। लगातार एक्सरसाइज करने से-दर्द में आराम मिलता है-एनर्जी लेवल बढ़ता है-घुटने में लचीलापन बढ़ता है-घुटने की ताकत बढ़ती है-वजन कंट्रोल में रहता है-संतुलन सही रहता है-नींद अच्छी आती है।
कई तरह की एक्सरसाइज हैं, जिन्हें करने से मरीज को घुटने के दर्द से आराम मिलता है। पैर सीधे ऊपर उठाना , बैठना और खड़े होना, साइड में पैर उठाना, स्टेपअप्स यानी पैर को थोड़ी ऊंचाई तक उठाना, हील रेज यानी पैरों की एडिय़ों को उठाना, पैरों की स्ट्रेचिंग, स्विमिंग आदि। ये सभी एक्सरसाइज करना बेहद आसान है। इन्हें करने से ज्वाइंट मजबूत होते हैं और दर्द कम होता है। लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि धीरे-धीरे ही ये तमाम एक्सरसाइज करें। स्ट्रेट लेग रेज, सिटिंग पोजिशन में एक्सरसाइज, लेटकर कैसे करें एक्सरसाइज, सिट एंड स्टैंड एक्सरसाइज, साइड लेग एक्सरसाइज, स्टेपअप्स, हील रेज, लेग स्ट्रेच, स्विमिंग आदि।
डॉ.एस.के.एस मार्या का कहना है कि एक्सरसाइज के लिए जो सुझाव दें वो सबसे ज्यादा फायदेमंद होते हैं। इस बात का ध्यान रखें कि किसी ट्रेंड स्पेशलिस्ट थेरेपिस्ट की मदद से एक्सरसाइज करें, ताकि आप दर्द से राहत पा सकें और अपने रोजमर्रा के जीवन को आसानी से जी सकें। क्योंकि एक्सरसाइज का मकसद दर्द कम करना होता है, अगर सही से नहीं करेंगे तो परेशानी और बढ़ जाती है।
एक्सरसाइज शुरू करने से पहले आपको कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। धीरे-धीरे शुरू करें। अगर आप ये तमाम एक्सरसाइज शुरू करना चाहते हैं तो धीरे-धीरे इन्हें करें। ऐसा न हो कि आप जोश में जमकर एक्सरसाइज करने लगें और बॉडी पर अचानक एक्स्ट्रा दबाव पड़े। इससे आपके घुटने के जोड़ों पर ज्यादा प्रेशर पड़ सकता है और उसकी हालत बिगड़ सकती है। इसलिए धीरे-धीरे अपने एक्सरसाइज के टाइम को बढ़ाएं।
डॉ.एस.के.एस मार्या के अनुसार रेगुलर एक्सरसाइज सही तरीके से एक्सरसाइज करना तो जरूरी है ही, साथ ही ये भी आवश्यक है कि आप डेली एक्सरसाइज करें। चाहे पांच मिनट ही निकाल पाएं, लेकिन हर रोज एक्सरसाइज करें। इसके अलावा एक्सरसाइज करते वक्त लगातार ब्रेक लेते रहें। अगर आपको घुटने में दर्द महसूस हो तो तुरंत एक्सरसाइज करना बंद करें। दर्द ज्यादा हो जाए तो अपने डॉक्टर से बात करें।
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