चेहरे की त्वचा ढीली होकर ग्लो खोने लगती है तो महिलाओं को टेंशन होने लगती है। त्वचा कई कारणों से लूज होती है। ज्यादातर महिलाओं में स्किन के लूज होने की वजह बढ़ती उम्र होती है लेकिन आज के समय में कम उम्र में भी चेहरे की त्वचा काफी लूज और फाइन लाइन्स से भरी नजर आने लगती है। इस समस्या का कारण है, तनाव, प्रदूषण, सही डायट का अभाव और त्वचा की देखभाल ठीक से ना होना।
स्किन लूज होने पर दिखते हैं ये बदलाव - These changes are seen when the skin is loose
सॉफ्ट और यंग लुकिंग स्किन के लिए स्किन केयर प्रॉडक्ट्स के अलावा स्किन ट्रीटमेंट्स पर भी लोग काफी पैसे खर्च कर सकते हैं। ऐसी ही एक स्किन टाइटनिंग ब्यूटी ट्रीटमेंट इन दिनों सेलेब्स और एक्टर्स के बीच काफी पॉप्युलर हो रही हैं जिसका नाम है मॉर्फस8 लेजर ट्रीटमेंट (Morpheus8 laser treatment)।
कैसे काम करती है ये तकनीक - How does this technology work
मॉर्फस8 (Morpheus8) स्किन टाइटनिंग की एक तकनीक ( skin tightening techniques) है जिसमें स्किन पोर्स को कोलाजन के निर्माण (collagen manufacturing) के लिए उत्तेजित किया जाता है। इस तकनीक में रेडियो फ्रीक्वेंसी (radio frequency) और माइक्रोनीडलिंग (microneedling) या बहुत छोटी-छोटी सुइयों की मदद ली जाती है। इस तकनीक में त्वचा की गहरी परतों और स्किन टिश्यूज में गहरे तक टेक्निक का प्रभाव पहुंचाने की कोशिश की जाती है। इससे स्किन अधिक फ्रेश, यंग और गुलाबी दिखायी देती है।
इस टेक्निक में दो अलग-अलग प्रक्रियाएं हैं और दोनों तरीकों में अलग-अलग तरह के उपकरणों का इस्तेमाल किया जाता है। जैसे चेहरे और गर्दन के लिए मॉर्फस8 (Morpheus8) उपकरणों का इस्तेमाल किया जाता है वहीं, शरीर के बड़े हिस्सों जैसे पेट और जांघों के लिए मॉर्फस8 बॉडी (Morpheus8 Body) की मदद ली जाती है।
ये हैं फायदे - Advantages
मॉर्फस8 टेक्निक का एक बड़ा फायदा है कि अन्य सर्जरीज और ट्रीटमेंट्स की तुलना में इसमें घाव बहुत तेजी से भर जाते हैं और इसकी वजह से ट्रीटमेंट के बाद समस्याएं कम ही होती है। इस ट्रीटमेंट को सेलिब्रिटीज द्वारा काफी अधिक पसंद किया जा रहा है। मशहूर टीवी रियालिटी शो स्टार किम कार्देशियन (Kim Kardashian) ने भी टमी टाइटनिंग के लिए इस तकनीक की मदद ली क्योंकि इसमें बहुत अच्छे परिणाम सामने आ सकते हैं। यह स्किन पोर्स को टाइट बनाता है और इससे स्किन और चेहरे की त्वचा बेहतर दिखायी देते हैं। इससे, त्वचा में कोलाजन का निर्माण अधिक होता है जिससे पिम्पल्स और झुर्रियां कम होती है। साथ ही स्ट्रेच मार्क्स हल्के होता है और स्किन पोर्स टाइट बनते हैं।
हुज़ैफ़ा अबरार March 20 2025 0 3885
हुज़ैफ़ा अबरार March 21 2025 0 3219
हुज़ैफ़ा अबरार March 03 2025 0 11211
एस. के. राणा March 06 2025 0 9213
एस. के. राणा March 07 2025 0 8880
एस. के. राणा March 08 2025 0 7992
हुज़ैफ़ा अबरार March 03 2025 0 11211
एस. के. राणा March 06 2025 0 9213
एस. के. राणा March 07 2025 0 8880
एस. के. राणा March 08 2025 0 7992
British Medical Journal February 25 2025 0 5772
सौंदर्या राय May 06 2023 0 77244
सौंदर्या राय March 09 2023 0 82637
सौंदर्या राय March 03 2023 0 80769
admin January 04 2023 0 81708
सौंदर्या राय December 27 2022 0 71757
सौंदर्या राय December 08 2022 0 61438
आयशा खातून December 05 2022 0 113553
लेख विभाग November 15 2022 0 84472
श्वेता सिंह November 10 2022 0 94962
श्वेता सिंह November 07 2022 0 83018
लेख विभाग October 23 2022 0 68021
लेख विभाग October 24 2022 0 69350
लेख विभाग October 22 2022 0 76182
श्वेता सिंह October 15 2022 0 82680
श्वेता सिंह October 16 2022 0 77687
डायरेक्टर डॉ मजहर हुसैन ने नर्सों का योगदान को महत्वपूर्ण योगदान बताते हुए कहा कि चिकित्सक दवा लिखते
मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए उन्होंने ने बताया कि देश के प्रधानमन्त्री ने वर्ष 2025 तक भारत को ट
राज्य सरकार ने पदों की संख्या को बढ़ाकर 1765 कर दिया था। अब एक बार फिर परीक्षा की तिथि को बढ़ाया गया
टीचिंग फैकल्टी की भर्ती कॉन्ट्रैक्ट बेसिस पर हो रही है। यह भर्ती तीन साल के कॉन्ट्रैक्ट पर होगी। जिस
रोड साइड से खरीदे गए चश्मे सस्ते जरूर होते हैं लेकिन इनका प्लास्टिक हमारी आँखों को बहुत नुकसान पहुंच
आईसीएमआर-एनआईआईएच ने हीमोफीलिया और खून से जुड़ी बीमारियों का पता लगाने के लिए रैपिड डायग्नोस्टिक किट
डेंगू के एक मरीज को कथित तौर पर प्लाज्मा की जगह मीठा नींबू का रस (मौसमी जूस) दिया गया। इससे उसकी मौत
कई बार आप प्रॉब्लम्स को दूर करने के लिए अपने फेस पर कुछ अप्लाई करते हैं लेकिन समस्या और भी ज्यादा बढ़
घी और सौंठ, दोनों ही सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है। सौंठ अदरक को सुखाकर बनाई जाती है। बहुत से लो
इंजेक्शन का प्रयोग pulmonary arterial hypertension के मरीज़ में किया जाता है। इस इंजेक्शन को PAH में
COMMENTS