भारत में आंखों का फड़फड़ना अक्सर अपशुगन माना जाता है, लेकिन वास्तव में इसका वैज्ञानिक कारण है और सेहत से संबंध है। यूं तो आंख का फड़कना आम बात है, लेकिन यदि ऐसा बार-बार होता है तो यह बड़ी परेशानी का कारण बन सकता है। यह आंख संबंधी किसी बड़ी बीमारी का कारण हो सकता है। यदि आंख ज्यादा समय तक बार-बार फड़फड़ाती है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के अध्ययन के अनुसार, अधिकांश मामलों में आंखों का फड़फड़ाना कुछ सेकंड, या कुछ मिनट या एक से दो घंटों तक होता है और यह अपने आप भी ठीक हो जाता है। जानिए आंख क्यों फड़फड़ाती है और इसे रोकने के क्या उपाय हैं-
आंख फड़फड़ाने का सीधा संबंध उसकी मांसपेशियों से है। अगर लंबे समय से ऐसा हो रहा है, तो एक बार आंखों की जांच जरूर करवा लें। हो सकता है चश्मा लगाने की जरूरत हो या चश्मे का नंबर बदलने वाला हो। आंख फड़फड़ाने का दूसरा कारण तनाव होता है। तनाव का सीधा असर नींद पर पड़ता है और आंख फड़फड़ाने लगती है। अप्रैल 2019 में हार्वर्ड हेल्थ पब्लिशिंग में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, 'थकान में भी ऐसा ही होता है। जो लोग लंबे समय तक कम्प्युटर या लैपटॉप पर काम करते हैं, उनकी भी आंख फड़फड़ाती हैं।'
जो लोग कैफीन का बहुत ज्यादा सेवन करते हैं, उन्हें भी यही परेशानी होती है। शराब का ज्यादा नशा करने वालों की आँखे इस बीमारी से अछूती नहीं रहती हैं। जिनकी आँखे शुष्क होती हैं, उन्हें भी इस बीमारी से जूझना पड़ता है। वहीं कई मामलों में आंख का फड़फड़ाना कुपोषण का संकेत होता है। खासतौर पर बच्चो में आंख फड़फड़ाने का यही प्रमुख कारण होती है। न्यूरोलॉजी इंडिया के अनुसार, आंखों का फड़फड़ाना बी-12 की कमी का भी संकेत है।
आंख का फड़फड़ाना कैसे रोकें?
जॉन्स हॉकिंग स्कूल ऑफ मेडिसिन में न्यूरोसर्जरी के प्रोफेसर नील मिलर के मुताबिक, आंखे फड़फ़ड़ाने का इलाज उसके कारण पर निर्भर करता है। मसलन यदि मांसपेशियों से जुड़ी समस्या है तो तुरंत डॉक्टरी इलाज लेना चाहिए। वहीं ज्यादा चाय या कॉफी या शराब के सेवन से ऐसा हो रहा है, इनका सेवन कम करके देख लें। फायदा न हो, तो डॉक्टर से मिलें। शुष्क होने के कारण आंखें फड़फड़ा रही हैं तो उसके लिए डॉक्टर से संपर्क करें और आई ड्रॉप लें। लंबे समय से लैपटॉप या कम्प्युटर पर काम कर रहे हैं तो बीच-बीच में ब्रेक लें। डिजिटल आई स्ट्रेन को राहत देने के लिए अपने नेत्र चिकित्सक से कम्प्युटर आई ग्लासेस/ आईवियर के प्रयोग के बारे में सलाह लें । तनाव दूर करने की कोशिश करें। गर्मी के मौसम में आंखों पर गिले पानी की पट्टी बांधे। शरीर में मैग्नीशियम की कमी के कारण आंख फड़फड़ाती है, इसे दूर करने के लिए डॉक्टर से मिले और जरूरी पोषण लें।
द हफिंगटन पोस्ट के अनुसार, इस स्थिति में आँसू फायदा पहुंचा सकते हैं। आंसू में लाइसोजाइम होता है, जो जीवाणुरोधी और एंटीवायरल होता है। यह आंख की सतह पर कोशिकाओं को पोषण देता है और आंखों का फड़फड़ाना रोकता है।
घरेलू उपायआंख का फड़फड़ाना रोकने के कुछ प्रचलित घरेलू उपाय भी हैं। जैसे पलक झपकाने से आंख का फड़फड़ाना कुछ देर के लिए दूर हो सकता है। पलकों को 30 सेकेण्ड्स तक झपकाएं, अपनी आंखों को अर्ध-खुली अवस्था में लायें, यदि समस्या बनी हुई है तो आंख की मसाज करें। पर्याप्त नींद लें, आंखों का व्यायाम करें, एक्यूप्रेशर मसाज दें, आंखों के हाइड्रोथिरेपी टेक्निक को आजमायें। यदि आंखों का फड़कना एक सप्ताह से अधिक तक रहे या ऐंठन से चेहरे की अन्य मांसपेशियों को भी असर हो रहा हो तो आंखों के डॉक्टर से मिलें।
वैधानिक सलाह - इलाज केवल प्रक्षिक्षित चिकित्सक से ही कराएं
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