लखनऊ। राष्ट्रीय पोषण माह पर एसजीपीजीआई की वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ पियाली भट्टाचार्य ने स्तनपान और बच्चों को छह माह तक तथा छह माह बाद के आहार की महत्वपूर्ण जानकारी दी है।
एसजीपीजीआई (SGPGI) की वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ (Senior Pediatrician) डॉ पियाली भट्टाचार्य (Dr. Piyali Bhattacharya) ने बताया कि बच्चा दिन में अगर छह से आठ बार पेशाब कर रहा है, स्तनपान (breastfeeding) के बाद दो घंटे अच्छी तरह से सो रहा है और बच्चे का वजन 15 ग्राम प्रतिदिन के हिसाब से बढ़ रहा है तो इसका मतलब है कि उसका पेट पूरी तरह से भर रहा है, उसकी जरूरत के मुताबिक़ माँ का दूध पर्याप्त मात्रा में उसे मिल रहा है। इसलिए स्वास्थ्य कार्यकर्ता माँ और परिवार के सदस्यों को यह बताना सुनिश्चित करें कि बच्चे का पेट माँ के दूध से भर रहा है और वह भूखा नहीं है। इसलिए उसे बोतल से कतई दूध न दें।
डॉ पियाली का कहना है कि बच्चों में वजन न बढ़ने का मुख्य कारण पर्याप्त मात्रा में माँ का दूध (mother's milk) न मिलना, आयु के अनुसार ऊपरी आहार की मात्रा एवं गुणवत्ता में कमी, बच्चे का बार-बार संक्रमण से ग्रसित होना, खान-पान में साफ-सफाई की कमी, पेट में कीड़े और चिकित्सीय समस्याएं हैं। इसके अलावा यदि बच्चा बीमार है और उसे खाना देना बंद कर देते हैं तो भी बच्चा कुपोषित हो सकता है।
डॉ पियाली का कहना है कि बच्चों को कुपोषण (children malnutrition) से बचाने के लिए जरूरी है कि शीघ्र स्तनपान (first hour of birth) कराएँ, छह माह तक केवल स्तनपान कराएँ और छह माह पूरे होते ही ऊपरी आहार (feeding diet) देना शुरू कर दें। ऊपरी आहार के साथ दो साल तक स्तनपान जारी रखें। आयु के अनुसार भोजन की गुणवत्ता को बढ़ाएं। बच्चे को घर का बना और अच्छे से पका हुआ पौष्टिक खाना (nutritious food) दें।
बच्चे को छह माह की आयु के बाद ऊपरी आहार शुरू करने पर यदि ऊपर का दूध (feeding milk) दे रहे हैं तो उसमें पानी न मिलाएं। माँ और परिवार के सदस्य बच्चे को गाय, भैंस, बकरी के दूध में पानी मिलाकर इसलिए देते हैं क्योंकि उनका मानना है कि यह दूध बच्चे के लिए भारी होगा जबकि ऐसा नहीं है। ऊपर का दूध बोतल से न देकर कटोरी - चम्मच से ही दें और यह सुनिश्चित करें कि कटोरी और चम्मच पूरी तरह साफ हों।
इसके साथ ही बच्चे के खाने में भी बहुत अधिक पानी न मिलाएं क्योंकि खाने में यदि पानी की मात्रा ज्यादा होगी तो बच्चे का पेट तो जल्दी भर जाएगा लेकिन उसे पौष्टिक तत्व नहीं पिल पाएंगे। खाना बनाने और बच्चे को खिलाने में साफ - सफाई का विशेष ध्यान रखें क्योंकि साफ - सफाई के अभाव में बच्चे को बार-बार संक्रमण हो सकता है और वह बीमार पड़ सकता है। खाना हमेशा ढककर रखें। माँ के नाखून कटे होने चाहिए तथा बच्चे को हमेशा उबला हुआ पानी पीने को दें। बच्चे को चूसने के लिए चुसनी न दें। चिकित्सक की सलाह पर बच्चे को पेट से कीड़े निकालने की दवा दें। कोई भी समस्या होने पर प्रशिक्षित चिकित्सक से ही इलाज कराएं।
डॉ पियाली का कहना है कि इसके अलावा बच्चों के कुपोषण का एक और कारण माँ का कुपोषित (mother malnutrition) होना है क्योंकि अगर माँ कुपोषित होगी तो बच्चा भी कुपोषित होगा। इसलिए स्वास्थ्य कार्यकर्ता माँ के सुपोषण पर भी ध्यान दें। उन्हें भी संतुलित और पौष्टिक भोजन करने की सलाह दें।
एस. के. राणा March 07 2025 0 21201
एस. के. राणा March 06 2025 0 20979
एस. के. राणा March 08 2025 0 19536
हुज़ैफ़ा अबरार March 03 2025 0 18426
यादवेंद्र सिंह February 24 2025 0 15096
हुज़ैफ़ा अबरार March 20 2025 0 13542
सौंदर्या राय May 06 2023 0 80352
सौंदर्या राय March 09 2023 0 84968
सौंदर्या राय March 03 2023 0 83544
admin January 04 2023 0 85149
सौंदर्या राय December 27 2022 0 74421
सौंदर्या राय December 08 2022 0 64213
आयशा खातून December 05 2022 0 117660
लेख विभाग November 15 2022 0 87358
श्वेता सिंह November 10 2022 0 99957
श्वेता सिंह November 07 2022 0 85793
लेख विभाग October 23 2022 0 70685
लेख विभाग October 24 2022 0 72236
लेख विभाग October 22 2022 0 79512
श्वेता सिंह October 15 2022 0 85788
श्वेता सिंह October 16 2022 0 80462
फिटकरी को कई तरह से इस्तेमाल किया जा सकता है, जो न सिर्फ स्किन को एक्ने फ्री बना देगा बल्कि उसकी खोई
एम्बुलेंस में प्राथमिक चिकित्सा सेवाएं, जांच की सुविधा, पशु चिकित्सक और पैरा मेडिकल कर्मचारी उपलब्ध
आवेदन करने वाले जनरल, ओबीसी और ईडब्ल्यूएस कैटेगरी के उम्मीदवारों को एप्लीकेशन फीस के रूप में 500 रुप
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि एक बेहतर समाज के लिये सभी लोगों में समाज सेवा का बोध होना जरूरी है।
लक्ष्मी पुत्री लाभूराम निवासी जाखड़ों की ढाणी (सनावड़ा) को बीते तीन दिन से बुखार आ रहा था। मंगलवार को
क्या आप जल्दी प्रेग्नेंट होने के टिप्स जानना चाहती हैं। तो आज हम इस आर्टिकल में हम आपको जल्दी प्रे
एस्ट्राजेनेका के टीके से कुछ लोगों में खून का थक्का जमने की दुर्लभ स्थिति के बारे में पता चलने के बा
टोमैटो फ्लू को लेकर स्वास्थ्य विभाग भी सतर्क है। इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग ने एडवाइजरी जारी की है। ट
अल्मोड़ा सोमेश्वर क्षेत्र के 2 स्कूलों में 42 बच्चों के वायरल से ग्रसित होने की खबर सामने आ रही है।
लीवर की बीमारी होने में मात्र बहुत ज्यादा शराब का सेवन ही जिम्मेदार नहीं है। दरअसल बहुत से लोग जिन्ह
COMMENTS