गोरखपुर (लखनऊ ब्यूरो)। सरकारी अस्पतालों की ओपीडी में प्रतिदिन बुखार के एक हजार से अधिक मरीज पहुंच रहे हैं। वहीं, इमरजेंसी में भी 50 से 60 मरीज इलाज के लिए लाए जा रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि इनमें 15 से 20 फीसदी मरीज डेंगू के हैं। सरकारी अस्पतालों में 10 से 15 फीसदी मरीजों को भर्ती तक करना पड़ रहा है।
डेंगू-मलेरिया और वायरल बुखार के बढ़ते मरीजों की वजह से स्वास्थ्य विभाग (health department) की बेचैनी बढ़ गई है। जिला अस्पताल के चार फीवर ओपीडी (OPD) में प्रतिदिन 500-550 मरीज मलेरिया, डेंगू और टायफायड (typhoid) से पीड़ित पहुंच रहे हैं। इनमें 50 फीसदी मरीजों का इलाज डॉक्टर वायरल फीवर (viral fever) मानकर कर रहे हैं। सरकारी अस्पतालों के साथ-साथ निजी अस्पतालों में भी बुखार के मरीजों की संख्या बढ़ गई है। शहर में करीब 300 से अधिक क्लीनिक (clinic) और 200 से अधिक अस्पताल है। इनमें करीब 40 फीसदी मरीजों को भर्ती (admit) करने की जरूरत पड़ रही है।
वायरल फीवर में इस बार डेंगू (dengue) जैसे लक्षण नजर आ रहे हैं। मरीजों को तेज बुखार आने की वजह से चेहरा लाल पड़ जा रहा है। कमजोरी के साथ कमर तोड़ने वाला दर्द मरीजों (patients) को ज्यादा परेशान कर रहा है। हालांकि, जांच में अधिकांश मरीजों की डेंगू और मलेरिया की रिपोर्ट निगेटिव आ रही है। गोरखपुर (Gorakhpur) जिला अस्पताल के एमडी फिजिशियन डॉ. बीके सुमन ने बताया कि इन मरीजों को ठीक होने में एक सप्ताह का समय लग रहा है।
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