लखनऊ। आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (Ayushman Bharat-Pradhan Mantri Jan Arogya Yojana) कैंसर मरीजों के लिए वरदान साबित हो रही है। योजना के तहत अब तक प्रदेश के करीब 1.20 लाख कैंसर मरीजों को इलाज मुहैया कराया जा चुका है। इनमें करीब 48 फीसद महिलाएं शामिल हैं। यह बातें स्टेट एजेंसी फॉर कम्प्रेहेंसिव हेल्थ एंड इंटिग्रेटेड सर्विसेज साचीज की सीईओ संगीता सिंह ने कैंसर जाँच, इलाज व देखभाल से जुड़े अस्पतालों के डाक्टरों के क्षमतावर्धन और मानक को मजबूत बनाने पर मंगलवार को केजीएमयू (KGMU) के शताब्दी फेज-2 सभागार में प्रशिक्षण कार्यशाला के दौरान कहीं।
प्रशिक्षण कार्यशाला (training workshop) को टेक्निकल पार्टनर एक्सेस हेल्थ (Access Health) और रोश इण्डिया हेल्थकेयर इंस्टीट्यूट (Roche India Healthcare Institute) ने सहयोग प्रदान किया। प्रशिक्षण कार्यशाला में प्रदेश के सरकारी और प्राइवेट मेडिकल कालेजों (medical colleges) के 85 डाक्टरों ने भाग लिया।
सीईओ संगीता ने कहा कि आज भी कैंसर (cancer) को लेकर कई तरह की भ्रांतियां मौजूद हैं, जिन्हें दूर करना बहुत जरूरी है। लक्षण (symptoms) नजर आने पर भी मरीज आसानी से कैंसर से ग्रसित होने की बात स्वीकार करने को तैयार नहीं होता और दूसरी बीमारी मानकर इधर-उधर इलाज कराता है। इसमें लम्बा वक्त निकल जाता है जबकि पहले व दूसरे चरण में ही कैंसर की पहचान कर ली जाए तो उसका इलाज (treatment) संभव बनाया जा सकता है अन्यथा दवाओं के बल पर केवल दर्द से राहत ( pain relief) दी जा सकती है।
कमजोर वर्ग को योजना के तहत बेहतर इलाज मुहैया कराने के लिए ही समय-समय पर कैंसर की जाँच और इलाज को पैकेज में शामिल किया गया है। आगे भी जो सुझाव आएंगे उसके तहत ज्यादा से ज्यादा लोगों को योजना का लाभ दिलाने का प्रयास किया जायेगा। उन्होंने कैंसर की स्क्रीनिंग बढ़ाने पर जोर देते हुए कहा कि योजना के शुरू होने से पहले महिलाओं को स्तन कैंसर का समुचित इलाज नहीं मिल पाता था क्योंकि सर्जरी कराने की उनकी क्षमता नहीं होती थी। अब आयुष्मान योजना के तहत बिना किसी खर्च के सर्जरी की सुविधा उपलब्ध है।
कार्यशाला में केजीएमयू के एंडेक्राइन एंड ब्रेस्ट डिजीज के प्रोफ़ेसर एंड हेड डॉ. आनंद मिश्रा ने स्तन कैंसर की शीघ्र जांच और सर्जरी की जरूरत के बारे में चिकित्सकों को जानकारी देते हुए कहा कि स्तन कैंसर (breast cancer) की समस्या किसी भी उम्र की महिलाओं में देखा जा सकता है। खासकर युवाओं को कैंसर से बचाना आज की बड़ी जरूरत है क्योंकि अनियमित जीवनशैली के चलते कैंसर की चपेट में आने वालों की बड़ी तादाद उन्हीं की है।
एक्सेस हेल्थ इंटरनेशनल की स्टेट डायरेक्टर मनीषा त्रिपाठी ने कहा कि कमजोर वर्ग को आयुष्मान योजना के तहत बेहतर इलाज मुहैया कराना उनकी प्राथमिकता में शामिल है। कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिस पर बड़ी धनराशि खर्च होती है, इसलिए कोशिश यही है कि कमजोर वर्ग को अपनी जेब से कुछ भी खर्च न करना पड़े और उनको इलाज भी आसानी से मिल सके। कार्यशाला में मेदान्ता कैंसर इंस्टीट्यूट (Medanta Cancer Institute) के डॉ. हर्षवर्धन अत्रेय ने लंग कैंसर के लक्षण, बचाव और उपचार आदि के बारे में बताया।
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