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गोरखपुर सीएमओ ने ईएमटी और एंबुलेंस चालक को किया सम्मानित  

ईएमटी दुर्गा प्रसाद यादव और एंबुलेंस चालक मूलचंद्र सम्मानित, एंबुलेंस में आशा कार्यकर्ता की मदद से कराया था सुरक्षित प्रसव, बीमारी, दुर्घटना और मातृ-शिशु स्वास्थ्य कार्यक्रम में अहम भूमिका निभा रही है एंबुलेंस सेवा।

आनंद सिंह
April 08 2022 Updated: April 08 2022 23:47
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गोरखपुर सीएमओ ने ईएमटी और एंबुलेंस चालक को किया सम्मानित    कर्मचारी को सम्मानित करते गोरखपुर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. आशुतोष कुमार दूबे

गोरखपुर। इमरजेंसी मेडिकल टेक्निशियन (ईएमटी) दुर्गा प्रसाद यादव और एंबुलेंस चालक मूल चंद्र की तत्परता और सेवा को शुक्रवार को सम्मान मिला है। इन लोगों ने मार्च में 102 नंबर एंबुलेंस में आशा कार्यकर्ता की मदद से सुरक्षित प्रसव करवाया था। इसके लिए दोनों लोगों को एंबुलेंस का संचालन कर रही जीवीके-ईएमआरआई संस्था की तरफ से 1020 रुपये की पुरस्कार राशि दी गयी है। पुरस्कार राशि का चेक मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे और एसीएमओ आरसीएच डॉ नंद कुमार ने दोनों को सौंपा। इस मौके पर संस्था के आपरेशन हेड निखिल रघुवंशी भी मौजूद रहे। संस्था द्वारा संचालित 102 और 108 नंबर एंबुलेंस सेवा बीमारी,  दुर्घटना और मातृ-शिशु स्वास्थ्य कार्यक्रम में अहम भूमिका निभा रही है।

पाली ब्लॉक के डुमरी खास गांव की आशा कार्यकर्ता उषा देवी ने बताया कि 11 मार्च की सुबह उनके गांव की 28 वर्षीया महिला के परिवार से सूचना मिली की प्रसव पीड़ा हो रही है। इस सूचना पर उन्होंने एंबुलेंस को फोन किया तो महज 15 मिनट में एंबुलेंस पहुंच गयी। महिला को प्रसव पीड़ा काफी अधिक थी। एंबुलेंस से लेकर  थोड़ी दूर जाने पर जब प्रसव पीड़ा बर्दाश्त से बाहर हो गयी तो ईएमटी और आशा कार्यकर्ता ने मौके पर ही प्रसव कराने का निर्णय लिया।

ईएमटी दुर्गा प्रसाद यादव बताते हैं कि वर्ष 2014 में वह इस सेवा से जुड़े थे। अब तक आधा दर्जन से अधिक सुरक्षित प्रसव एंबुलेंस में कराने का अनुभव रहा है,  इसलिए कोई मुश्किल नहीं हुई। संस्था ने उन्हें इस कार्य का प्रशिक्षण भी दिया है। आशा कार्यकर्ता और गांव की एक अन्य महिला की उपस्थिति में सुरक्षित प्रसव करवाकर जच्चा-बच्चा को ठर्रापार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) ले जाया गया और उन्हें भर्ती करा दिया गया।

जीवीके-ईएमआरआई संस्था के प्रोग्राम मैनेजर प्रवीण कुमार का कहना है कि बीमारी में किसी भी प्रकार की आकस्मिकता, इंसेफेलाइटिस के मामलों, दुर्घटना आदि में 108 नंबर सेवा को काल करना है। एंबुलेंस की निःशुल्क सेवा दी जाएगी। इसी प्रकार गर्भवती की जांच, प्रसव पीड़ा होने पर, गर्भवती को घर छोड़ने के लिए भी 102 नंबर की निःशुल्क सेवा उपलब्ध है। जिले में 102 नंबर की 50 और 108 नंबर की 46 एंबुलेंस क्रियाशील हैं।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. आशुतोष कुमार दूबे ने बताया कि फरवरी से लेकर अप्रैल के बीच एंबुलेंस में दो सुरक्षित प्रसव और सड़क दुर्घटना के एक मामले में 38 लोगों को सुरक्षित अस्पताल पहुंचाने में एंबुलेंस के ईएमटी और चालकों की अहम भूमिका रही है। अस्पताल से संबंधित किसी भी आकस्मिक सेवा के लिए एंबुलेंस की निःशुल्क सेवा का लाभ लिया जाना चाहिए।

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