गोरखपुर। बनारस ही नहीं, राष्ट्रीय स्तर के प्रख्यात आर्थोपेडिक सर्जन डा. अजीत सैगल मानते हैं कि बच्चों में हड्डियों की समस्या इसलिए हो रही है क्योंकि वे पौष्टिक आहार नहीं ले रहे हैं। उनका यह भी मानना है कि वर्तमान शिक्षा व्यवस्था ठीक नहीं है जिसमें बच्चे के वजन से ज्यादा उनके बस्ते का बोझ होता है। यह उनकी हड्डियों पर नकारात्मक असर छोड़ता है। वह हेल्थ जागरण से खास बातचीत कर रहे थे।
डा. सैगल ने बताया कि बच्चों में हडिडयों की समस्या इसलिए होती है क्योंकि हमारा खानपान ठीक नहीं है। हम रेगुलर लाइफ नहीं जी रहे हैं। हम नेचर के खिलाफ जा रहे हैं। हम हर मौसम के हिसाब से जो फल और अनाज हैं, उनका सेवन नहीं कर रहे हैं। अभी गर्मी का मौसम है। अभी बाजार में सेब, संतरा, ककड़ी, खीरा आदि प्रचुर मात्रा में है। कीवी तो अब सदाबहार हो गया है। बच्चे इन फलों को खाने से परहेज कर रहे हैं। बच्चे तो बच्चे ठहरे। उनके अभिभावक भी भूल जाते हैं कि बच्चे के शरीर को मिनरल चाहिए। ये मिनरल्स आएंगे कहां से जब हम ताजे फल, मोटा अनाज खाएंगे नहीं।
एक सवाल के जवाब में डा. सैगल ने कहा कि यह साइंटिफिक तरीके से प्रमाणित हो चुका है कि हमारे जीवन में खान-पान का बहुत फर्क पड़ता है। अब आज के बच्चों को देखें। वे फास्ट फूड के शौकीन हैं। उन्हें जंक फूड खाने में मजा मिलता है। ये फास्ट फूड, जंक फूड बहुतायत में खाते हैं। इससे कोई फायदा नहीं होता। उल्टे ये हमारी आंतों पर कहीं न कहीं नकारात्मक असर ही डालते हैं।
डा. सैगल ने बताया कि जब हम उचित भोजन नहीं करते तो हमारे शरीर में कैल्शियम की कमी हो जाती है। आपने देखा होगा कि बहुत सारे बच्चों के हाथ-पैर टेढ़े होते हैं। वे जब चलते हैं तो उनके पैर गोल हो जाते हैं। इनबच्चों की एक खास बात यह भी होती है कि वे बहुत जल्द डायरिया के शिकार हो जाते हैं। ये सब इसलिए होता है कि उनके शरीर में विटामिन डी और कैल्शियम की कमी होती है।
एक सवाल के जवाब में डा. सैगल ने बताया कि आज कल के बच्चे आलसी होते जा रहे हैं। कारण यह है कि वे आउटडोर गेम्स नहीं खेल रहे हैं। बाहर नहीं निकल रहे हैं। उनकी मांसपेशियां प्रापर खुराक नहीं पाती हैं। श्रम नहीं किया जा रहा है। ऐसे बच्चे हड्डियों के रोग के शिकार हो जाते हैं।
उन्होंने बताया कि बच्चों को पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन, कैल्शियम और विटामिन डी लेना चाहिए। अगर बच्चा शाकाहारी है तो उसे दूध, दाल, हरी सब्जी, पनीर, मक्खन, दही आदि का भरपूर सेवन करना चाहिए। अगर वह नान वेजेटेरियन है तो उसे अंडा, फिश, चिकन और कभी-कभी रेड मटन का सेवन कर लेना चाहिए। बच्चों को अंकुरित चना या मूंग जरूर खाना चाहिए। इससे शरीर में प्रोटीन, कैल्शियम और विटामिन की सही मात्रा जाती है। फिर ऐसे बच्चों में आपको हड्डियों की समस्या नहीं दिखेगी।
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