देश का पहला हिंदी हेल्थ न्यूज़ पोर्टल

उत्तर प्रदेश

तंबाकू का सेवन करने वालों में कोविड-19 के गंभीर लक्षण विकसित होने की संभावना।

कोविड बहुत ज्यादा संक्रामक है और धूम्रपान करने वालों में इसका बहुत ज्यादा ख़तरा है। धूम्रपान करने वालों में हाथ से मुंह में वायरस के जाने की ज्यादा संभावना होती है, क्योंकि उनकी उंगलियां और दूषित सिगरेट होंठों के संपर्क में आती हैं।

हुज़ैफ़ा अबरार
June 01 2021 Updated: June 01 2021 05:22
0 18954
तंबाकू का सेवन करने वालों में कोविड-19 के गंभीर लक्षण विकसित होने की संभावना। प्रतीकात्मक

लखनऊ। इस साल वर्ल्ड नो टोबैको डे के अवसर पर रीजेंसी सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल लखनऊ के डॉक्टरों ने इस बात पर प्रकाश डाला कि पहले से मौजूद कॉमरेडिडिटी वाले तंबाकू का सेवनकर्ता व्यक्ति कोविड-19 के प्रति बहुत ज्यादा संवेदनशील हैं। डॉक्टरों ने जोर दिया कि चूंकि नॉवेल वायरस मुख्य रूप से फेफड़ों पर हमला करता है और इस बात के पर्याप्त सबूत हैं कि तंबाकू तथा विशेष रूप से धूम्रपान करने वालों में गंभीर लक्षण विकसित होने या कोविड-19 से मरने की ज्यादा संभावना है।

इस साल विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर वर्ल्डहेल्थ आर्गेनाइजेशन (डब्ल्यूएचओ) ने तंबाकू के सेवन करने वालों से तंबाकू के सेवन को छोड़ने की प्रतिज्ञा करने का आह्वान किया है। घातक प्रभावों को देखते हुए कोविड-19 महामारी की वजह से लाखों लोगों ने तंबाकू के सेवन को छोड़ने के लिए आगे कदम बढ़ाया हैं और उन्होंने इस आदत को छोड़ा है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संगठन ने सलाह दी है कि मौजूदा महामारी निकोटीन की लत को तोड़ने का सबसे अच्छा समय हो सकता है।

 ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे-इंडिया (जीएटीएस 2) के अनुसार भारत दूसरा सबसे बड़ा तंबाकू उत्पादक और तंबाकू उपभोक्ता देश है। भारत में 27 करोड़ से ज्यादा लोग तंबाकू का सेवन करते है। उत्तर प्रदेश में 5.3 करोड़ वयस्क किसी न किसी रूप में तंबाकू का सेवन कर रहे हैं। कुछ अनुमानों के अनुसार भारत में धूम्रपान के कारण होने वाली मौतों की संख्या एक साल में लगभग 930,000 थी। चार प्रमुख नॉन- कम्यूनिकेबल बीमारियों (एनसीडी) जैसे कि डायबिटीज, हार्ट की बीमारी, पुरानी फेफड़ों की बीमारी और कैंसर के विकसित होने का प्रमुख कारण तंबाकू का सेवन है। ये सभी बीमारियां लोगों को कोविड-19.2 से प्रभावित होने पर गंभीर बीमारी के विकास के लिए ज्यादा ख़तरा पहुंचाती हैं।

रीजेंसी सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल, लखनऊ के डॉ उबैदुर रहमान, इंटरनल मेडिसिन व क्रिटिकल केयर स्पेशलिस्ट ने कहा, “तंबाकू के धुएं में मौजूद विभिन्न प्रकार के केमिकल इम्यूनिटी को कमज़ोर करते हैं। वे कोशिकाएं जो इम्यूनिटी बनाने की प्रक्रिया में शामिल होती है, तंबाकू के सेवन से वे प्रभावित हो जाती है जिससे व्यक्ति कोविड-19 इंफेक्शन के प्रति बहुत संवेदनशील हो जाता है।

धूम्रपान फेफड़ों के कार्य को गंभीर रूप से प्रभावित करता है, जिससे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कम होने के कारण शरीर के लिए विभिन्न बीमारियों से लड़ना मुश्किल हो जाता है। इसके अलावा धूम्रपान, ई-सिगरेट, धुआं रहित तंबाकू और पान मसाला ऊपरी वायुमार्ग को नुकसान पहुंचाते हैं और पल्मोनरी इम्यून फंक्शन में कमी से पल्मोनरी इंफेक्शन का ख़तरा और गंभीरता बढ़ जाती है। इसलिए मैं लोगों को सलाह दूंगा कि वे तंबाकू के सेवन पर नियंत्रण रखें और इस आदत को छोड़ने की दिशा में ईमानदारी से काम करें। हमने देखा कि बहुत से लोग महामारी के दौरान संक्रमित होने से बचने के लिए धूम्रपान करना छोड़ रहे हैं।"

कुछ प्रमुख रिसर्च में पता चला है कि धूम्रपान न करने वालों की तुलना में धूम्रपान करने वाले लोगों में से संक्रमित होने के बाद गम्भीर कॉम्प्लिकेशन होने की संभावना को काफी हद तक ज्यादा देखी गई है। इन कॉम्प्लिकेशन में मेकनिकल वेंटिलेशन, इंटेंसिव केयर और अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्या होने पर हॉस्पिटल में भर्ती होने की जरूरत हो सकती है। रेस्पिरेटरी सिस्टम के क्षतिग्रस्त होने पर धूम्रपान करने वालों के लिए सर्दी, इन्फ्लूएंजा, निमोनिया और टीवी सहित अन्य इंफेक्शन वाली बीमारियां होने की संभावना ज्यादा हो जाती है। कोविड-19 के गंभीर केसेस में होने वाली प्रमुख कॉम्प्लिकेशन में एक्यूट रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम होता है। धूम्रपान करने वालों में गंभीर श्वसन संक्रमण होना आम है।

रीजेंसी सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल, लखनऊ के डॉ उबैदुर रहमान, इंटरनल मेडिसिन व क्रिटिकल केयर स्पेशलिस्ट ने कहा, "यह सर्वज्ञात है कि कोविड बहुत ज्यादा संक्रामक है और धूम्रपान करने वालों में इसका बहुत ज्यादा ख़तरा है। धूम्रपान करने वालों में हाथ से मुंह में वायरस के जाने की ज्यादा संभावना होती है, क्योंकि उनकी उंगलियां और दूषित सिगरेट होंठों के संपर्क में आती हैं। इसके अलावा पानी के पाइप या हुक्का जैसे धूम्रपान करने वाले सामानों में अक्सर होज़ और माउथ-पीस होते हैं जो धूम्रपान करने वाले में कोविड-19 इंफेक्शन के फैलने के लिए उन्हे ज्यादा संवेदनशील बना देते हैं।"

WHAT'S YOUR REACTION?

  • 1
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0

COMMENTS

उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश में लगातार बढ़ रहें कोरोना संक्रमण के मामले  

हुज़ैफ़ा अबरार June 10 2022 12769

नए मामलों में सबसे ज्यादा 36 लखनऊ से, 31 गौतमबुद्धनगर से, 13 गाजियाबाद से, 4 प्रयागराज से और एक हरदो

अंतर्राष्ट्रीय

अब इस देश में 18-25 साल के युवाओं को मिलेगा ‘फ्री कंडोम’

हे.जा.स. December 10 2022 46113

राष्ट्रपति मैक्रॉन के फैसले के मुताबिक, नए साल से यानी 1 जनवरी 2022 से 18 साल से 25 साल के बीच के यु

उत्तर प्रदेश

शाहजहांपुर में वायरल फीवर ने बढ़ाई टेंशन

आरती तिवारी June 28 2023 14097

चिकित्सकों के मुताबिक, मानसून के दस्तक देने से पानी भरने और मच्छरजनित रोगों का खतरा मंडराने लगेगा। ओ

उत्तर प्रदेश

यूपी सरकार ने केंद्र से मांगा 55 हजार लीटर मिट्टी का तेल, छिड़काव के लिए है जरूरी

श्वेता सिंह November 17 2022 77624

केरोसिन मच्छर और इसके लार्वा दोनों को ही मार डालता है। चूंकि अब राशन की दुकानों पर मिट्टी का तेल मिल

राष्ट्रीय

राष्ट्रपति ने राष्ट्रीय दिव्यांगजन सशक्तिकरण पुरस्कार प्रदान किये

एस. के. राणा December 04 2022 21041

राष्ट्रपति ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के एक अनुमान के अनुसार पूरे विश्व में एक अरब से भी अधिक दिव्यां

राष्ट्रीय

कोविड -19 अपडेट: 17.8 प्रतिशत की दर से बढ़े नए मामलें

एस. के. राणा April 27 2022 8874

कोरोना के नए मामलों में मंगलवार के मुकाबले 17.8 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।पिछले 24 घंटे में कोविड सं

उत्तर प्रदेश

प्रदेश में कोरोना का रिकवरी प्रतिशत 96.86 - अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य।

हुज़ैफ़ा अबरार January 13 2021 7792

प्रसाद ने बताया कि वैक्सीनेशन की तैयारियों को लेकर पूरे प्रदेश दो बार ड्राई रन चलाया गया हैै। 16 जन

उत्तर प्रदेश

एचआईवी या एड्स पर काबू पाने के लिए जनसहभागिता जरूरी: डॉ. हीरा लाल

हुज़ैफ़ा अबरार August 04 2022 15376

एचआईवी ग्रसित के हित को लेकर तमाम तरह की व्यवस्थाएं की गयी हैं। एक जनआन्दोलन का रूप देकर जल्द से जल्

उत्तर प्रदेश

ज़ेनिक्स ट्रायल के परिणामों ने ड्रग रेज़िस्टेन्ट टीबी के मामलों में बीपाल उपचार की प्रभाविता की पुष्टि की

हुज़ैफ़ा अबरार September 04 2022 13805

तीसरे चरण के क्लिनिकल ट्रायल ज़ेनिक्स, जिसका आयोजन जॉर्जिया, मोलदोवा, रूस और दक्षिण अफ्रीका की 11 साई

उत्तर प्रदेश

केजीएमयू में मनाया गया वार्षिक रिसर्च शोकेश, ये हुए सम्मानित

हुज़ैफ़ा अबरार November 11 2022 18769

समारोह में पद्म भूषण प्रो. के. श्रीनाथ रेडडी का प्रो देवेंद्र गुप्ता रिसर्च ओरेशन अवार्ड के अंतर्गत

Login Panel