लखनऊ। इस साल वर्ल्ड नो टोबैको डे के अवसर पर रीजेंसी सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल लखनऊ के डॉक्टरों ने इस बात पर प्रकाश डाला कि पहले से मौजूद कॉमरेडिडिटी वाले तंबाकू का सेवनकर्ता व्यक्ति कोविड-19 के प्रति बहुत ज्यादा संवेदनशील हैं। डॉक्टरों ने जोर दिया कि चूंकि नॉवेल वायरस मुख्य रूप से फेफड़ों पर हमला करता है और इस बात के पर्याप्त सबूत हैं कि तंबाकू तथा विशेष रूप से धूम्रपान करने वालों में गंभीर लक्षण विकसित होने या कोविड-19 से मरने की ज्यादा संभावना है।
इस साल विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर वर्ल्डहेल्थ आर्गेनाइजेशन (डब्ल्यूएचओ) ने तंबाकू के सेवन करने वालों से तंबाकू के सेवन को छोड़ने की प्रतिज्ञा करने का आह्वान किया है। घातक प्रभावों को देखते हुए कोविड-19 महामारी की वजह से लाखों लोगों ने तंबाकू के सेवन को छोड़ने के लिए आगे कदम बढ़ाया हैं और उन्होंने इस आदत को छोड़ा है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संगठन ने सलाह दी है कि मौजूदा महामारी निकोटीन की लत को तोड़ने का सबसे अच्छा समय हो सकता है।
ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे-इंडिया (जीएटीएस 2) के अनुसार भारत दूसरा सबसे बड़ा तंबाकू उत्पादक और तंबाकू उपभोक्ता देश है। भारत में 27 करोड़ से ज्यादा लोग तंबाकू का सेवन करते है। उत्तर प्रदेश में 5.3 करोड़ वयस्क किसी न किसी रूप में तंबाकू का सेवन कर रहे हैं। कुछ अनुमानों के अनुसार भारत में धूम्रपान के कारण होने वाली मौतों की संख्या एक साल में लगभग 930,000 थी। चार प्रमुख नॉन- कम्यूनिकेबल बीमारियों (एनसीडी) जैसे कि डायबिटीज, हार्ट की बीमारी, पुरानी फेफड़ों की बीमारी और कैंसर के विकसित होने का प्रमुख कारण तंबाकू का सेवन है। ये सभी बीमारियां लोगों को कोविड-19.2 से प्रभावित होने पर गंभीर बीमारी के विकास के लिए ज्यादा ख़तरा पहुंचाती हैं।
रीजेंसी सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल, लखनऊ के डॉ उबैदुर रहमान, इंटरनल मेडिसिन व क्रिटिकल केयर स्पेशलिस्ट ने कहा, “तंबाकू के धुएं में मौजूद विभिन्न प्रकार के केमिकल इम्यूनिटी को कमज़ोर करते हैं। वे कोशिकाएं जो इम्यूनिटी बनाने की प्रक्रिया में शामिल होती है, तंबाकू के सेवन से वे प्रभावित हो जाती है जिससे व्यक्ति कोविड-19 इंफेक्शन के प्रति बहुत संवेदनशील हो जाता है।
धूम्रपान फेफड़ों के कार्य को गंभीर रूप से प्रभावित करता है, जिससे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कम होने के कारण शरीर के लिए विभिन्न बीमारियों से लड़ना मुश्किल हो जाता है। इसके अलावा धूम्रपान, ई-सिगरेट, धुआं रहित तंबाकू और पान मसाला ऊपरी वायुमार्ग को नुकसान पहुंचाते हैं और पल्मोनरी इम्यून फंक्शन में कमी से पल्मोनरी इंफेक्शन का ख़तरा और गंभीरता बढ़ जाती है। इसलिए मैं लोगों को सलाह दूंगा कि वे तंबाकू के सेवन पर नियंत्रण रखें और इस आदत को छोड़ने की दिशा में ईमानदारी से काम करें। हमने देखा कि बहुत से लोग महामारी के दौरान संक्रमित होने से बचने के लिए धूम्रपान करना छोड़ रहे हैं।"
कुछ प्रमुख रिसर्च में पता चला है कि धूम्रपान न करने वालों की तुलना में धूम्रपान करने वाले लोगों में से संक्रमित होने के बाद गम्भीर कॉम्प्लिकेशन होने की संभावना को काफी हद तक ज्यादा देखी गई है। इन कॉम्प्लिकेशन में मेकनिकल वेंटिलेशन, इंटेंसिव केयर और अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्या होने पर हॉस्पिटल में भर्ती होने की जरूरत हो सकती है। रेस्पिरेटरी सिस्टम के क्षतिग्रस्त होने पर धूम्रपान करने वालों के लिए सर्दी, इन्फ्लूएंजा, निमोनिया और टीवी सहित अन्य इंफेक्शन वाली बीमारियां होने की संभावना ज्यादा हो जाती है। कोविड-19 के गंभीर केसेस में होने वाली प्रमुख कॉम्प्लिकेशन में एक्यूट रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम होता है। धूम्रपान करने वालों में गंभीर श्वसन संक्रमण होना आम है।
रीजेंसी सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल, लखनऊ के डॉ उबैदुर रहमान, इंटरनल मेडिसिन व क्रिटिकल केयर स्पेशलिस्ट ने कहा, "यह सर्वज्ञात है कि कोविड बहुत ज्यादा संक्रामक है और धूम्रपान करने वालों में इसका बहुत ज्यादा ख़तरा है। धूम्रपान करने वालों में हाथ से मुंह में वायरस के जाने की ज्यादा संभावना होती है, क्योंकि उनकी उंगलियां और दूषित सिगरेट होंठों के संपर्क में आती हैं। इसके अलावा पानी के पाइप या हुक्का जैसे धूम्रपान करने वाले सामानों में अक्सर होज़ और माउथ-पीस होते हैं जो धूम्रपान करने वाले में कोविड-19 इंफेक्शन के फैलने के लिए उन्हे ज्यादा संवेदनशील बना देते हैं।"
सौंदर्या राय May 06 2023 0 73470
सौंदर्या राय March 09 2023 0 78641
सौंदर्या राय March 03 2023 0 76662
admin January 04 2023 0 76491
सौंदर्या राय December 27 2022 0 67539
सौंदर्या राय December 08 2022 0 56887
आयशा खातून December 05 2022 0 108336
लेख विभाग November 15 2022 0 80587
श्वेता सिंह November 10 2022 0 85749
श्वेता सिंह November 07 2022 0 78578
लेख विभाग October 23 2022 0 63692
लेख विभाग October 24 2022 0 64799
लेख विभाग October 22 2022 0 71409
श्वेता सिंह October 15 2022 0 78129
श्वेता सिंह October 16 2022 0 73802
गौरीगंज, अमेठी के विधायक व क्षत्रिय परिवार फाउंडेशन के डायरेक्टर राकेश प्रताप सिंह ने अनमय के माता-प
एक रिसर्च के मुताबिक एंटीबायोटिक की ज्यादा खुराक लेना शरीर में बैक्टीरिया के खतरे को और बढ़ा सकता है
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Union Health Ministry) के सुबह आठ बजे तक अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, 18 औ
गृहमंत्री अमित शाह दिल्ली के एम्स में इलाज करा रहे एक्सिडेंट में घायल हुए जवानों से मिलने पहुंचे। ज
एसजीपीजीआई के निदेशक डॉ. आरके धीमन ने बताया कि संस्थान में इसी सप्ताह से कैशलेस इलाज की सुविधा शुरू
आजादी के अमृत महोत्सव के तहत गोसाईंगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र( सीएचसी) और माल सीएचसी पर बुधवार क
पाइल्स यानी बवासीर, जिसे हेमोरॉएड्स भी कहा जाता है। बवासीर होने पर मल द्वार या गुदा में व्यक्ति को स
दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में पल्मोनरी मेडिसिन के एचओडी डॉ. नीरज कुमार गुप्ता ने कहा, "चीन में 10 कर
कुछ दिनों से क्षेत्र में सुबह और दिन-रात के समय तापमान में काफी अंतर आ चुका है। इसके कारण दो सप्ताह
अस्पताल में स्पुतनिक वी वैक्सीन लगवाने की कुल कीमत 1,145 रुपये प्रति डोज़ पर उपलब्ध है। यह टीका कोरोन
COMMENTS