लखनऊ। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार के प्रतिनिधियों ने किया टीबी उन्मूलन (TB eradication) के लिए केजीएमयू लखनऊ का दौरा। राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम लखनऊ के अंर्तगत स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार की एडिशनल हेल्थ सेक्रेटरी एण्ड डीजी ट्यूबरकुलोसिस आरती आहूजा ज्वाइंट डायरेक्टर डा रघुराम राव एवं केजीएमयू (KGMU) के वाइस चांसलर (Vice Chancellor) लेफ्टिनेंट जनरल डा बिपिन पुरी के साथ 23 नवम्बर को वीसी कार्यालय में मीटिंग सम्पन्न हुई।
इस मीटिंग में आरती आहूजा एडिशनल हेल्थ सेक्रेटरी एण्ड डीजी ट्यूबरकुलोसिस भारत सरकार ने उप्र के सभी 61 मेडिकल कॉलेजों (Medical College) से उन्हें अपनेे जिले को टीबी मुक्त करने की अपील की।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार (MoHFW) के ज्वाइंट डायरेक्टर डा रघुराम राव ने केजीएमयू के कुलपति को टीबी उन्मूलन में सहयोग करने हेतु विशेष आभार प्रकट किया।
कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल डा बिपिन पुरी ने टीबी उन्मूलन के लिए पूर्ण सहयोग करने का आश्वासन दिया। इसमें रेस्पिरेटरी मेडिसिन (Respiratory Medicine) के विभागाध्यक्ष डा सूर्यकान्त ने टीबी उन्मूलन में विभाग द्वारा किये जा रहे विभिन्न कार्यों जैसे गाँव अर्जुन पुर व मलिन बस्ती ऐसबाग लखनऊ एवं टीबी रोग से पीडि़त 52 बच्चों को गोद लेना, विभिन्न माध्यमों से टीबी के प्रति लोगों को जागरूक करना आदि से अवगत कराया।
मीटिंग में निर्णय लिया गया कि कुलपति के मार्गदर्शन में डा सूर्यकान्त पूरे प्रदेश को टीबी मुक्त बनाने में अपना योगदान देंगें। डा सूर्यकान्त ने कहा हम प्रदेश के सभी 75 जिलों के क्षय उन्मूलन कार्यकर्ताओ को प्रशिक्षण देंगें जिससे कि प्रधानमंत्री (Prime Minister) नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) के टीबी मुक्त भारत के सपने को साकार कर सकें।
प्रो सूर्यकांत ने बताया जब टीबी रोग से ग्रसित व्यक्ति खांसता, छींकता या बोलता है तो उसके साथ संक्रामक न्यूक्लीआई उत्पन्न होता है, जो हवा के माध्यम से फैल सकता है। विश्व में टीबी का हर चौथा मरीज भारतीय है। विश्व में प्रतिवर्ष 14 लाख मौते टीबी से होती हैं उनमें से एक चौथाई से अधिक मौतें अकेले भारत में होती हैं।
भारत विश्व का टीबी रोग से सर्वाधिक प्रभावित देश है। हमारे देश मेें लगभग 1000 लोगों की मृत्यु प्रतिदिन टीबी रोग के कारण होती है। उन्होनें बताया लगातार 2 हफ्ते तक खांसी आना खांसी के साथ साथ खून का आना छाती में दर्द होना वजन कम होना शाम को बुखार का आना रात में पसीना होना जैसे लक्षण होने पर मरीज को तुरन्त टीबी की जांच (check up) करानी चाहिए।
टीबी रोग की जांच एवं उपचार (treatment) सभी सरकारी अस्पतालों में मुफ्त उपलब्ध है। हमारे प्रधानमंत्री ने 2025 तक टीबी मुक्त भारत बनाने का सपना देखा है। टीबी के इलाज में पिछले कुछ वर्षों से बहुत प्रगति हुयी है पहले बड़ी टीबी या एमडीआर टीबी (MDR-TB) के इलाज में दो साल तक का समय लग जाता था परन्तु अब नई दवाओं जैसे बिडाकुलीन और डेलामिनिड के आने से एक साल से कम समय में मरीज का इलाज हो जाता है। पिछले कुछ वर्षों में एमडीआर टीबी के रोगियों को सूई लगने वाले इलाज से मुक्ति मिली है अब इनका इलाज खाने की गोलियों से हो जाता है।
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