लखनऊ। कोरोना संक्रमण की स्थिति में गर्भवती (pregnant) के स्वास्थ्य में गिरावट आती है और गर्भस्थ शिशु (fetus) को लेकर भी खतरा बढ़ जाता है | शोध (research) में भी यह निष्कर्ष सामने आया है कि कोविड टीकाकरण (covid vaccination) से गर्भवती के संभावित जोखिम में कमी आती है और कोविड का टीका गर्भवती और धात्री के लिए पूर्णतया सुरक्षित है | इसी क्रम में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन-उत्तर प्रदेश (NRHM) की मिशन निदेशक अपर्णा उपाध्याय ने संबंधित अधिकारियों को पत्र जारी कर आवश्यक दिशा निर्देश दिए हैं | इससे पूर्व केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (MoHFW) भी इस संबंध में आवश्यक दिशा निर्देश जारी कर चुका है |
पत्र के अनुसार ग्राम्य स्वास्थ्य पोषण दिवस (VHND) पर गर्भवती और धात्री को कोविड टीकाकरण की आवश्यकता और लाभ के बारे में परामर्श दिया जाए और टीकाकरण केंद्र से टीकाकरण कराया जाए | प्रत्येक माह की नौ तारीख को आयोजित होने वाले प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के मौके पर अधिक से अधिक संख्या में गर्भवती का टीकाकरण करवाया जाये |
गर्भवती के टीकाकरण (vaccination) के समय लाभार्थी टाइप में गर्भवती महिला सेलेक्ट कर पंजीककरण के बाद कोविड टीका लगाया जाए | क्लस्टर मॉडल 2.0 एवं हर घर दस्तक अभियान के तहत आशा कार्यकर्ताओं द्वारा घर-घर भ्रमण कर गर्भवती और धात्री महिलाओं को कोविड टीकाकरण के लिए प्रेरित किया जाये |
मलिहाबाद (Malihabad) ब्लॉक के पुरवा गाँव की सात माह की गर्भवती ममता कोरोना का पहला टीका लगवा चुकी हैं | वह कहती हैं मुझे कोरोना (corona) का पहला टीका लगे एक माह हो गया है | मुझे टीका लगने के बाद में कोई समस्या नहीं हुई है, मैं समय आने पर दूसरी डोज (second dose) भी लगवाऊँगी |
काकोरी ब्लॉक के जलियामऊ गाँव की पाँच माह की गर्भवती सीमा बताती हैं कि उन्होंने कोविड का पहला टीका (first dose) लगवाया है वह पूरी तरह स्वस्थ हैं | वह अपने आस-पास अन्य गर्भवती से भी कहना चाहेंगी कि कोरोना का टीका अवश्य लगवाएं |
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा.एम.के.सिंह का कहना है कि कोरोना कम हुआ है लेकिन अभी खत्म नहीं हुआ है | इसलिए हमें कोविड टीके की दोनों डोज लगवानी चाहिए और कोविड अनुरूप व्यवहार (covid protocol) का पालन करना चाहिए | कोविड का टीका गर्भवती, गर्भस्थ शिशु और धात्री सभी के लिए सुरक्षित है | यह टीका प्रसव (delivery) के शुरुआत से लेकर कभी भी लगवाया जा सकता है | गर्भवती को कोविड संक्रमण (covid infection) के साथ ही अन्य रोगों से संक्रमित होने का खतरा ज्यादा होता है क्योंकि उनकी प्रतिरोधक क्षमता कम होती है | गर्भावस्था के दौरान यदि महिला कोरोना उपचाराधीन है तो वह प्रसव के तुरंत बाद चिकित्सीय परामर्श से कोविड टीकाकरण करा सकती है |
ऐसी गर्भवती जिनकी आयु 35 वर्ष से अधिक है या उच्च रक्तचाप या डायबिटीज से पीड़ित हैं या मोटापे से ग्रसित हैं या जिनमें पहले से क्लाटिंग की समस्या है तो उनमें कोविड संक्रमण के बाद जटिलताएं होने की सम्भावना ज्यादा होती है |
डॉ. सिंह का कहना है कि गर्भावस्था के दौरान प्लेसेन्टा के द्वारा कोरोना की वैक्सीन माँ से गर्भवस्थ शिशु को मिलती है जिससे गर्भस्थ को कोई दिक्कत नहीं होती है | डा. सिंह ने धात्री महिलाओं से भी कोविड के दोनों टीके लगवाने की अपील की है | उन्होंने कहा- कोरोना का टीका माँ और बच्चे दोनों के लिए पूरी तरह सुरक्षित है | कोरोना का टीका लगवाने के बाद लापरवाही नहीं बरतनी है, कोविड अनुरूप व्यवहार का पालन करते रहना है |
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