कानपुर (लखनऊ ब्यूरो)। कई वायरस ऐसे हैं जिनकी वैक्सीन अभी तक नहीं बनी है और वे देश-दुनिया में कहर बरपा रहें हैं। ऐसा ही एक वायरस है डेंगू का। लेकिन अब अच्छी खबर यह है कि डेंगू की एंटी वायरल दवा ईजाद कर ली गई है और इसके दो चरण के परीक्षण सफल रहे हैं।
मच्छरों से होने वाली एक प्रमुख बीमारी (mosquito-borne disease) डेंगू का इलाज (dengue treatment) अब सम्भव हो सकेगा। हर साल जून-जुलाई से लेकर अक्टूबर-नवंबर तक डेंगू का प्रकोप चलता है और दवा ना होने से यह वायरस जानलेवा सिद्ध होता है। डेंगू की एंटी वायरल दवा ईजाद कर ली गई है और इसके दो चरण के परीक्षण सफल रहे हैं।
मुंबई की फार्मास्युटिकल कंपनी ने डेंगू के लिए एंटी वायरल ड्रग (dengue anti-viral drug) तैयार की है। इसका लैब के बाद दूसरे चरण में बुखार पीड़ित चूहों (fever-stricken rats) पर किया गया ट्रायल भी सफल रहा। डीजीसीआइ से मनुष्यों पर क्लीनिकल ट्रायल की अनुमति मिलने के बाद देश के आठ स्थानों पर ट्रायल पूरे प्रोटोकाल का पालन करते हुए किया जाना है।
ड्रग कंट्रोल जनरल आफ इंडिया (DGCI) से देश के आठ सेंटर्स पर डेंगू की एंटी वायरल दवा के ट्रायल (clinical trials) की अनुमति दी गई है। प्रत्येक सेंटर पर डेंगू मरीजों पर ट्रायल होगा, 5 दिन तक मरीजों को दवा दी जाएगी और 1 लाख से ऊपर प्लेटलेट्स काउंट होना चाहिए। ये सेंटर्स कानपुर, दिल्ली, अहमदाबाद, कोलकाता, अहमदाबाद, बेंगलुरू, चेन्नई, जयपुर, भोपाल हैं।
इन्ही सेंटर्स में से एक कानपुर का गणेश शंकर विद्यार्थी मेमोरियल (GSVM) मेडिकल कालेज भी है यहाँ भी 30 डेंगू मरीजों पर ट्रायल होना है। लेकिन अभी यहाँ मरीज नहीं है।
गणेश शंकर विद्यार्थी मेमोरियल मेडिकल कालेज (Ganesh Shankar Vidyarthi Memorial Medical College) की उप प्राचार्य व क्लीनिकल ट्रायल की चीफ गाइड प्रो रिचा गिरि ने बताया कि इस दवा को 500 एमजी, 750 एमजी और 1000 एमजी की अलग-अलग डोज में बनाया गया है।
प्रो रिचा गिरि ने बताया कि संक्रमित मरीजों (dengue infected patients) के वजन के हिसाब से दवा की डोज निर्धारित होगी। इसका पांच दिन का कोर्स कराने के बाद सैंपल लेकर जांच के लिए मुंबई की लैब भेजेंगे। इन मरीजों की छह माह तक निगरानी की जाएगी।
एस. के. राणा March 07 2025 0 51393
एस. के. राणा March 06 2025 0 51171
एस. के. राणा March 08 2025 0 49173
यादवेंद्र सिंह February 24 2025 0 42291
हुज़ैफ़ा अबरार March 20 2025 0 34521
हुज़ैफ़ा अबरार March 21 2025 0 33411
हुज़ैफ़ा अबरार March 03 2025 0 32523
सौंदर्या राय May 06 2023 0 84903
सौंदर्या राय March 09 2023 0 89297
सौंदर्या राय March 03 2023 0 89649
admin January 04 2023 0 90255
सौंदर्या राय December 27 2022 0 79416
सौंदर्या राय December 08 2022 0 68875
आयशा खातून December 05 2022 0 122877
लेख विभाग November 15 2022 0 92908
श्वेता सिंह November 10 2022 0 112833
श्वेता सिंह November 07 2022 0 91121
लेख विभाग October 23 2022 0 76013
लेख विभाग October 24 2022 0 78341
लेख विभाग October 22 2022 0 85284
श्वेता सिंह October 15 2022 0 91116
श्वेता सिंह October 16 2022 0 85679
जिस रफ्तार से ओमिक्रॉन बढ़ रहा है, उतना ही यह प्रसारित हो रहा है। इसलिए इस बात की संभावना भी बहुत ज्
सेप्सिस एक जानलेवा बीमारी है। जब शरीर किसी रिएक्शन के प्रति बहुत गंभीर प्रतिक्रिया करती है तो यह बीम
अभी तक मानव अंगों को प्रत्यारोपण के लिए जल्दी से जल्दी अस्पताल पहुंचाने के लिए पुलिस और प्रशासन की म
सार्वजनिक स्वास्थ्य कवच का लक्ष्य, “सभी लोगों को आवश्यक उन प्रोत्साहनयुक्त, रोकथामयुक्त, उपचारयुक्त
बलरामपुर अस्पताल में कोरोना से निपटने की व्यवस्थाओं को लेकर मॉकड्रिल किया गया। जिसका निरीक्षण खुद उत
सेना चिकित्सा कोर केंद्र एवं कॉलेज लखनऊ के ऑफिसर्स ट्रेनिंग कॉलेज ने अपना 52वां स्थापना दिवस मनाया।
गोरखपुर जिले की हर चौथी महिला मोटापे की चपेट में है। इसके अलावा हर चौथी किशोरी और महिला का वजन निर्ध
चीन ने वादा किया है कि जल्द ही भारतीय छात्रों की वापसी का रास्ता खोलेगा। करीब दो वर्ष से 23,000 से ज
देश में अब तक 171 करोड़ से अधिक कोरोना वैक्सीन की खुराक लगाई जा चुकी हैं।
चिकित्सा विभाग में हुए बड़े पैमाने पर नीति विरूद्ध स्थानान्तरण को निरस्त करने की माॅग को लेकर राज्य क
COMMENTS