कानपुर। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज ने चिकित्सा के क्षेत्र में एक बार फिर बड़ी उपलब्धि हासिल की है। जहां जिले में छह महीने की पलक अब 74 साल बूढ़ी आंख से दुनिया देखेगी। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने शुक्रवार को पलक का कार्निया प्रत्यारोपण कर आंख बचा ली। डॉक्टरों का दावा है कि पहली बार यूपी के किसी मेडिकल कॉलेज को इतनी छोटी बच्ची की आंख बचाने में कामयाबी मिली है। मासूम की आंख में बुजुर्ग का कार्निया प्रत्यारोपित कर दिया गया है।
दरअसल कानपुर देहात के रहने वाले बालेश्वर की 6 महीने की बेटी पलक की आंखों (eyes) में भूसा चला गया था। इस वजह से जब उन्हें इसकी जानकारी हुई उन लोगों ने पहले आंख को पानी से साफ किया। उसके बाद मेडिकल स्टोर (medical store) से आई ड्रॉप (eye drop) लाकर आंख में डालनी शुरू कर दी।
वहीं, जब बच्ची दर्द से रोती रही। उसके बाद वह बच्ची को कानपुर के हैलट अस्पताल (Hallett Hospital) लेकर पहुंचे। जब जांच की गई तो पता चला कि कॉर्निया बेहद संक्रमित हो चुकी है और उस को बदलने से ही आंखों की रोशनी बचाई जा सकती है। इसके बाद मेडिकल कॉलेज (Medical college) द्वारा बच्ची की आंख का कॉर्निया ट्रांसप्लांट करने का निर्णय लिया गया।
डॉक्टर शालिनी मोहन ने बताया कि अभी 2 दिन पहले यह कॉर्निया (cornea) आया था। यह बच्ची की आंख में लगाने के लिए सबसे ठीक कॉर्निया थी। इसका इस्तेमाल पलक की आंखों में किया गया है। अब पलक एक बार फिर से देख सकेगी।
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