देश का पहला हिंदी हेल्थ न्यूज़ पोर्टल

इंटरव्यू

बढ़ती उम्र के साथ नज़दीक की दृष्टि खराब होने की संभवाना रहती है।

बुज़ुर्ग मरीज़ मोतियाबिंद के कारण उत्पन्न समस्याओं को सही से बता नहीं पाते हैं। हम लोग परीक्षण के उपरान्त निर्णय लेते हैं कि ऑपरेशन होना है कि नहीं। 

0 17984
बढ़ती उम्र के साथ नज़दीक की दृष्टि खराब होने की संभवाना रहती है।

सर्वेश कुमार पाटिल, नेत्र परीक्षण अधिकारी, बलरामपुर, अस्पताल, एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष ने हेल्थ जागरण से बातचीत करते हुए अपने कार्य के बारे में बताया। उन्होंने मरीजों की मन: स्थिति और वास्तविक परिस्थितियों के बीच तालमेल बिठाने की जानकारी दी। प्रस्तुत है बातचीत।

रंजीव ठाकुर- नेत्र परीक्षण को लेकर किस तरीके का कार्य करतें हैं आप लोग  ?
सर्वेश कुमार पाटिल- मोबाइल के बढ़ते प्रयोग के कारण मरीज़ तो आतें हैं लेकिन वे अपनी समस्याओं को सही से बता नहीं पातें हैं। इसलिए मर्ज़ की डायग्नोसिस हम लोगों को खुद ही करना पड़ता है।बुज़ुर्ग मरीज़ मोतियाबिंद के कारण उत्पन्न समस्याओं को सही से बता नहीं पाते हैं। हम लोग परीक्षण के उपरान्त निर्णय लेते हैं कि ऑपरेशन होना है कि नहीं। 
आमजन मानस के नेत्र सम्बन्धी समस्याओं का प्रथम पंक्ति में निदान हम लोग करतें हैं उसके बाद नेत्र सर्जन आतें हैं। हम लोग मरीज़ों को मोटीवेट करतें हैं कि आँख का ऑपरेशन कराने में ही फायदा है। जिससे उसकी रोशनी को बेहतर किया जा सके। 

रंजीव ठाकुर- मरीज़ की मनःस्थिति और वास्तविक स्थिति में आप लोग तालमेल कैसे बिठातें हैं?
सर्वेश कुमार पाटिल- हम लोग वैज्ञानिक तरीके से मर्ज़ खोजतें हैं। मोतियाबिंद होने पर पास की रोशनी ठीक रहती है लेकिन दूर की रोशनी बाधित हो जाती है। अगर मरीज़ से पूछें तो वह  अजीब अजीब तरह की बातें बताता है। उम्र बढ़ने के कारण चालीस से ऊपर होने पर नज़दीक का चश्मा लगने लगता है।

रंजीव ठाकुर- मोबाइल का ज़माना है बच्चों में इसका प्रचलन बढ़ा है। काम उम्र के लोगों को भी इस तरह की बीमारियां हो रहीं हैं ?
रंजीव ठाकुर- इस्तेमाल की अपेक्षा मरीज़ों की संख्या नहीं बढ़ी है लेकिन कुछ मरीज़ बढे हैं। जिसका इलाज हमारे नेत्र चिकित्सक करतें हैं। कई बार दवा से ही ठीक हो जाता है, कई बार चश्मा लगाना पड़ता है। 

रंजीव ठाकुर- ज़्यादा मोबाइल इस्तेमाल करने वाले को क्या सलाह देना चाहेंगें ?
सर्वेश कुमार पाटिल- मोबाइल या कंप्यूटर का इस्तेमाल लगातार मत करें। बीच बीच में ब्रेक देतें रहें।

WHAT'S YOUR REACTION?

  • 1
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0

COMMENTS

उत्तर प्रदेश

कोविड-रोधी टीका पूरी तरह सुरक्षित है, बारी आने पर अवश्य लगवाएं- डॉ सूर्यकांत

हुज़ैफ़ा अबरार February 16 2021 19399

डॉ सूर्यकांत को पहला कोरोना का टीका लगाया था। आज पूरे एक महीने बाद डॉ सूर्यकांत को वैक्सीन की दूसरी

उत्तर प्रदेश

गाजियाबाद में नकली दवाओं की फैक्ट्री का भंडाफोड़

आरती तिवारी November 14 2022 26803

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच और ड्रग विभाग के गाजियाबाद, नोएडा व बुलंदशहर के अधिकारियों की टीम ने ट

अंतर्राष्ट्रीय

आने वाली है कोविड से भी ज्यादा खतरनाक महामारी, होंगी लाखों मौतें: डब्ल्यूएचओ

एस. के. राणा May 26 2023 64890

कोरोना वायरस महामारी से देश और दुनिया के लोग अभी उबर ही रहे थे कि इस बीच एक और चिंता बढ़ाने वाली खबर

उत्तर प्रदेश

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने केजीएमयू में एशिया की पहली पेथोजेन रिडक्शन मशीन का लोकार्पण किया

अबुज़र शेख़ October 27 2022 17713

इस मशीन के लोकार्पण होने के बाद अब प्रदेश में फेफड़े के कैंसर सहित छाती से जुड़ी बीमारियों की सर्जरी

राष्ट्रीय

तेज बुखार और सिर दर्द होने पर तत्काल अपनी जांच कराएं

एस. के. राणा April 22 2023 24724

देश में लगातार कोरोना का ग्राफ बढ़ रहा है। संक्रमण के बढ़ते खतरे के बीच स्वास्थ्य मंत्रालय काफी ज्य

राष्ट्रीय

जानलेवा हो सकता है स्ट्रोक, गोल्डन ऑवर में चिकित्सीय सहायता बचा सकती है जान।

हुज़ैफ़ा अबरार February 06 2021 19877

'मौतों की 12 वीं सबसे बड़ी वजह रहे स्ट्रोक्स के मामले बढ़ने के बाद अब ये भारत में मौतों की पांचवीं स

राष्ट्रीय

जनसंख्या नियंत्रण अभियान को पलीता लगा रहा हैं नेहरू नगर सी.एच.सी.।

हे.जा.स. February 12 2021 17710

अस्पताल के समीप मेडिकल अवशेष के साथ दवा भी जल रही थी। नजदीक जाकर देखने वालों ने बताया कि मौके से कई

उत्तर प्रदेश

यूपी में नहीं थम रही डेंगू मरीजों की संख्या

श्वेता सिंह November 21 2022 21898

सरकारी आंकड़ों में बेशक डेंगू के मरीजों की संख्या कम हो लेकिन, प्राइवेट अस्पतालोंं में मरीजों की भरम

उत्तर प्रदेश

लिवर ट्रांसप्‍लांट: लिविंग डोनर की भरी कमी से जूझ रहा है देश

रंजीव ठाकुर September 10 2021 23693

लिवर सिरोसिस भी बड़ा कारण होता है। लिवर सिरोसिस की वजह से ट्रांसप्लांट की सबसे ज्‍यादा जरूरत पड़ती है।

उत्तर प्रदेश

डा सूर्यकान्त आईएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा सम्मानित

हुज़ैफ़ा अबरार November 04 2022 16550

डा सूर्यकान्त केजीएमयू के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग में 17 वर्ष से प्रोफेसर के पद पर कार्यरत है ए

Login Panel