आज भी कई ऐसी जड़ी-बूटिया उपलब्ध हैं, जिनसे बड़ी से बड़ी बीमारियों का इलाज किया जा सकता है। आयुष मंत्रालय की मदद से भारत सरकार भी इन जड़ी-बूटियों का लाभ जन-जन तक पहुंचाने की कोशिश कर रही हैं। यहां तक कि ऐसा माना जाता है कि आयुष की कुछ दवाएं तो सामान्य बीमारियों से भी ज्यादा प्रभावित होती हैं।
आयुष की ऐसी ही प्रभावशाली दवाओं में से एक आयुष-64 (Ayush-64) भी है। इस दवा का नाम ज्यादातर लोगों ने पहले से ही जरूर सुना होगा लेकिन इससे मिलने वाले फायदों के बारे में शायद बहुत ही कम लोग जानते हैं। आयुष 64 एक खास तरह का आयुर्वेदिक नुस्खा है, जिसे आयुष मंत्रालय के अंतर्गत आने वाली आयुर्वेद अनुसंधान की प्रमुख संस्था केंद्रीय आयुर्वेदीय विज्ञान (Ayurvedic Sciences) अनुसंधान परिषद द्वारा तैयार किया गया है। 1980 में तैयार किए गए इस नुस्खे को शुरुआत में मलेरिया का इलाज करने के लिए किया गया था और बाद में धीरे-धीरे इस पर रिसर्च किए गए तो पाया गया कि यह कई अन्य रोगों का इलाज करने में भी प्रभावी रूप से काम कर सकता है। बाद में पाया गया कि इससे फ्लू से जुड़ी बीमारियां जैसे सर्दी-खासी व जुकाम आदि के लक्षणों को भी कम किया जा सकता है। वहीं कोविड 19 का इलाज करने के लिए भी आयुष 64 (Ayush-64) दवा का इस्तेमाल किया जाता है।
इन बीमारियों के लिए भी कारगर है ये दवा - This medicine is also effective for these diseases
शुरुआत में इस नुस्खे को मलेरिया (malaria) का इलाज करने के लिए तैयार किया गया था लेकिन बाद में इस पर किए गए अध्ययनों में पाया गया कि यह सिर्फ मलेरिया पर ही नहीं बल्कि फ्लू, जुकाम, खांसी, बंद नाक और बुखार जैसी बीमारियों को ठीक करने में भी मददगार है। आयुष 64 आज कई अलग-अलग कंपनियां बना रही हैं, जिन्हें बुखार व सर्दी-खांसी की दवा के रूप में उपलब्ध कराया जा रहा है। साथ ही कोविड 19 महामारी के दौरान इसके लक्षणों (symptoms) को नियंत्रित करने के लिए इसका इस्तेमाल किया जा रहा है।
आयुर्वेदिक चिकित्सकों के अनुसार आयुष 64 खासतौर पर कोविड 19 से संक्रमित उन लोगों के लिए ज्यादा फायदेमंद है। विशेषज्ञों के अनुसार अगर कोविड 19 से हल्के लक्षण महसूस हो रहे हैं या फिर लक्षण महसूस ही नहीं हो रहे हैं, तो यह दवा काफी प्रभावी रूप से काम करती है और मरीज का टेस्ट बहुत ही जल्दी नेगेटिव आ जाता है।
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