मलेरिया मानसून की सबसे बड़ी समस्याओं में से एक है। वृद्ध हो या जवान, ये बुखार हर उम्र के लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है। मलेरिया कोई आम बुखार नहीं है। लापरवाही बरतने पर ये काफी खतरनाक हो सकता है। कई बार ये बुखार जानलेवा भी साबित होता है. ऐसे में आपको बुखार को हल्के में नहीं लेना चाहिए। जानिए मलेरिया के लक्षण और कैसे करें इससे बचाव-
क्या है मलेरिया?- What is Malaria?
मच्छर के काटने से फैलने वाली बीमारी है मलेरिया। मलेरिया मच्छर की फीमेल प्रजाति एनोफिलीज के काटने से फैलता है। इस मच्छर में प्लाज्मोडियम नाम का जीवाणु होता है जो संक्रमित करता है।
मलेरिया के लक्षण - Symptoms of malaria
ऐसे करें बचाव - Prevent like this
1- फुल स्लीव के कपड़े पहनें और बच्चों को पहनाएं
2- घर के खिड़की और दरवाजों पर जाली के कवर लगाएं
3- सोने से पहले कमरा बंद करके पहले मच्छरों का सफाया करें
4- कूलर या कहीं पानी जमा हो तो उसे साफ करके रखें या हर रोज पानी बदलते रहें
5- काले और गहरे रंग के कपड़ों की बजाय हल्के रंग के कपड़े पहनें
6- शाम को बाहर निकलने से पहले हाथ पैरों पर कोई तेल या मच्छर भगाने वाली क्रीम लगाएं
ये घरेलू उपाय अपनाएं - Home remedies to follow
1-खट्टे फल - Citrus fruits
खट्टे फलों को इसके लाभकारी गुणों के कारण इम्यूनिटी-बूस्टर (immunity booster ) भी कहा जाता है। इनमें मौजूद विटामिन सी (vitamin C) बुखार को नियंत्रित करने में मदद करता है, और संक्रमण को फैलने से भी रोकता है और शरीर को जल्दी ठीक होने के लिए प्रेरित करता है। अंगूर, संतरा, नींबू और ब्लैकबेरी जैसे खट्टे फल आपके शरीर को ये सप्लीमेंट प्रदान करते हैं। .
2- अदरक - Ginger
अदरक भी मलेरिया के लिए बेहद मददगार घरेलू उपचार है। अदरक को पानी के साथ उबाला जा सकता है और फिर इसे एक स्वादिष्ट मिश्रण में बदल दिया जा सकता है जो निश्चित रूप से इस बीमारी से जल्दी ठीक होने में मदद करेगा। अदरक (Ginger) की जीवाणुरोधी प्रकृति यह सुनिश्चित करती है कि रोग न फैले। अदरक में एंटीमाइक्रोबियल (antimicrobial) और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण भी होते हैं जो दर्द और मतली जैसे लक्षणों से राहत दिला सकते हैं।
3- हल्दी - Turmeric
हल्दी अद्भुत एंटी-ऑक्सीडेंट (Anti-oxidant ) और रोगाणुरोधी गुणों वाला सुपर मसाला है। हल्दी शरीर से हानिकारक विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करती है जो प्लास्मोडियम संक्रमण (plasmodium infection ) के कारण बनते हैं। हल्दी मलेरिया के परजीवी को मारने में भी मदद करती है। एंटी इंफ्लेमेटरी गुण मांसपेशियों और जोड़ों के दर्द को कम करने में मदद करते हैं, जो मलेरिया में आम हैं। मलेरिया से निपटने के लिए रोज रात को एक गिलास हल्दी वाला दूध पिएं।
4- दालचीनी - Cinnamon
दालचीनी में एंटी-इंफ्लेमेटरी (anti-inflammatory), एंटीऑक्सिडेंट और एंटीमाइक्रोबियल (antimicrobial ) गुण होते हैं जो मुख्य रूप से मलेरिया के लक्षणों से निपटने में मदद करते हैं। स्वादिष्ट मिश्रण बनाने के लिए आप गर्म पानी में दालचीनी और काली मिर्च पाउडर दोनों मिला सकते हैं। आप स्वाद बढ़ाने के लिए इसमें थोड़ा सा शहद मिला सकते हैं और इसे दिन में कम से कम दो बार पी सकते हैं। यह पेय बुखार, सिरदर्द और दस्त जैसे सबसे आम लक्षणों से लड़ने में मदद करेगा।
5- मेथी दाना - Fenugreek seeds
मलेरिया से संक्रमित लोगों में तेज बुखार के कारण भी शरीर में कमजोरी आ जाती है। इस घातक बीमारी से होने वाली कमजोरी को कम करने के लिए मेथी के बीज सबसे अच्छे घरेलू उपचारों में से एक माना जाता है। ये आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर और मलेरिया के परजीवियों को मारकर मलेरिया के ठीक होने की प्रक्रिया को बढ़ाते हैं। आप मेथी के दानों को रात भर पानी में भिगोकर रख सकते हैं और सुबह खाली पेट पानी पी सकते हैं।
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