डॉ.अभिनीत गुप्ता, |
सर्दियों की सुबह धुंध से भरी रहती है, इस तरह की सर्द सुबह में टहलने जाने से हृदय बीमारियों का खतरा 50 प्रतिशत तक बढ़ जाता है। सर्दियों के चरम महीनों के दौरान, जो कि दिसंबर और जनवरी का समय होता है, बुजुर्गों और हृदय के मरीजों वालों लोगों को साल के बाकी दिनों की तुलना में ठंडी सुबह में ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत इस समय है। जैसे-जैसे तापमान कम होता है, शरीर के अंदर गर्मी को बनाए रखना मुश्किल होता जाता है और हृदय संबंधी समस्याओं से पीड़ित लोगों के लिए यह बहुत खतरनाक हो जाता है। धुएं से भरे ठंडे मौसम के संपर्क में आने पर उन्हें एनजाइना या सीने में दर्द हो सकता है। सर्दियों के दौरान हृदय की मांसपेशियों को रक्त की आपूर्ति करने वाली रक्त वाहिकाएं (ब्लड वेसेल्स) अत्यधिक ठंड के संपर्क में आने पर सिकुड़ जाती हैं, इसलिए |
स्वाभाविक रूप से हृदय बीमारियों के मरीजों या ज्यादा उम्र के व्यक्ति की वाहिकाएं पहले से ही संकीर्ण हो जाती हैं, ठंड के संपर्क में आने से ये ब्लड वेसेल्स और ज्यादा सिकुड़ सकती हैं, जिससे रक्त की आपूर्ति कम हो सकती है। सर्दियों के दौरान हृदय की मांसपेशियों को रक्त की आपूर्ति करने वाली रक्त वाहिकाएं (ब्लड वेसेल्स) अत्यधिक ठंड के संपर्क में आने पर सिकुड़ जाती हैं, इसलिए स्वाभाविक रूप से हृदय बीमारियों के मरीजों या ज्यादा उम्र के व्यक्ति की वाहिकाएं पहले से ही संकीर्ण हो जाती हैं, ठंड के संपर्क में आने से ये ब्लड वेसेल्स और ज्यादा सिकुड़ सकती हैं, जिससे रक्त की आपूर्ति कम हो सकती है। इससे सर्दियों के महीनों में हार्ट अटैक, कार्डियक अरेस्ट और स्ट्रोक से होने वाली मौतों की संख्या बढ़ जाती है। इसलिए हम हृदय संबंधी बीमारी वाले मरीजों से सुबह की सैर से बचने का आग्रह करते हैं। चूँकि सुबह की सैर हर किसी के अच्छे स्वास्थ्य के लिए जरूरी होती है, वहीं ठंड के सुबह में सैर करने से हार्ट की बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है।" सीने में तेज दर्द हार्ट अटैक का सबसे आम चेतावनी संकेत होता है। हालांकि पुरुषों और महिलाओं के बीच लक्षण अलग अलग हो सकते हैं। जबकि पुरुष कभी-कभी मतली या चक्कर आने की रिपोर्ट तब करते हैं, जब उन्हें हार्ट अटैक आता है। महिलाओं को असामान्य लक्षणों का अनुभव होने की संभावना ज्यादा होती है। इसलिए हृदय मरीजों और बुजुर्गों को सर्दी के महीनों में अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए। सर्दियों के दौरान उत्तर भारतीय राज्यों में हवा की गुणवत्ता मुख्य रूप से तीन कारणों से खराब हो जाती है - त्योहारों में पटाखे फोड़ना, पराली जलाना और हवा की दिशा में बदलाव होना आदि। वैज्ञानिकों के अनुसार शून्य से 50 के बीच एक्यूआई अच्छा माना जाता है, 51 से 100 संतोषजनक 101 से 200 मध्यम, 201 से 300 को खराब और 301 से 400 को गंभीर माना जाता है। डॉ. अभिनीतगुप्ता ने सावधानी बरतने के मामले मेंबतातें हैं कि ठंड के मौसम में कई परतों में कपड़े पहने। विशेष रूप से टोपी, दस्ताने और भारी मोजे पहनें। अगर आप बाहर ठंड में समय बिता रहे हैं तो वार्म अप करने के लिए समय निकालें। ज्यादा शराब पीने से बचें। शराब आपको गर्म महसूस करा सकती है लेकिन यह आपके लिए खतरनाक भी हो सकती है। बार-बार हाथ धोएं । रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन्स (श्वसन संक्रमण) से हार्ट अटैक पड़ने का खतरा बढ़ सकता है। अगर आपमें हार्ट की बीमारी के नए लक्षण दिखते हैं, तो छुट्टी होने पर भी डॉक्टरों की मदद लेने में देरी न करें।" |
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