देश का पहला हिंदी हेल्थ न्यूज़ पोर्टल

राष्ट्रीय

कार्बनिक पोलिमर से पानी के जहरीले प्रदूषकों को हटाकर साफ किया जाएगा: आईआईएसईआर

वैज्ञानिकों ने एक कार्बनिक पोलिमर विकसित किया है। यह पानी में से उच्च ध्रुवीय कार्बनिक सूक्ष्म प्रदूषकों (पीओएम) को हटाकर जल को पीने के लिए सुरक्षित बनाएगा।

एस. के. राणा
February 16 2022 Updated: February 17 2022 00:28
0 31604
कार्बनिक पोलिमर से पानी के जहरीले प्रदूषकों को हटाकर साफ किया जाएगा: आईआईएसईआर प्रतीकात्मक

नई दिल्ली। भोपाल स्थित भारतीय विज्ञान शिक्षा व अनुसंधान संस्थान (आईआईएसईआर) के वैज्ञानिकों ने एक कार्बनिक पोलिमर विकसित किया है। यह पानी में से उच्च ध्रुवीय कार्बनिक सूक्ष्म प्रदूषकों (पीओएम) को हटाकर जल को पीने के लिए सुरक्षित बनाएगा। दावा है कि प्रयोगशाला के स्तर पर कार्बनिक प्रदूषकों को हटाने के लिए इन पोलिमर का परीक्षण किया जा चुका है।

इन सामग्री का औद्योगिक साझेदारों के साथ बड़े पैमाने पर निर्माण करके पानी में से जहरीले ध्रुवीय कार्बनिक सूक्ष्म प्रदूषकों को हटाकर साफ किया जा सकता है। अनुसंधान अमेरिकन केमिकल सोसाइटी (American Chemical Society) के एसीएस अप्लाइड मैटीरियल्स एंड इंटरफेसेस में प्रकाशित भी हुआ है। 

भोपाल के आईआईएसईआर (IISER) के रसायन विज्ञान विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर अभिजीत पात्रा ने बताया कि भारत में घरेलू, कृषि और औद्योगिक क्षेत्रों द्वारा सतह पर और भूजल में छोड़े गए मानव जनित अपशिष्ट के कारण जल प्रदूषण होना चिंता का मुख्य विषय है। उन्होंने कहा कि इन अपशिष्टों में कार्बनिक और अकार्बनिक सूक्ष्म प्रदूषक होते हैं और कार्बनिक सूक्ष्म प्रदूषकों की पानी में जरा सी मौजूदगी भी मानव की सेहत के लिए और जलीय जंतुओं के लिए खतरा होती है।

पानी को शुद्ध करने के लिए 'सोखना' प्रक्रिया अच्छी तकनीक 
एसोसिएट प्रोफेसर अभिजीत पात्रा के मुताबिक, कार्बनिक सूक्ष्म प्रदूषकों से पानी को शुद्ध करने के लिए 'सोखना' नामक एक प्रक्रिया सबसे अधिक ऊर्जा कुशल तकनीकों में से एक है। उन्होंने बताया कि इस प्रक्रिया में कई अड़चनें हैं, इसलिए सोखने वाले प्रभावी सामग्री की जरूरत है जो न केवल तेजी से पानी में उच्च कार्बनिक सूक्ष्म प्रदूषकों को साफ करे, बल्कि निर्माण की साधारण तकनीकों के माध्यम से बड़े पैमाने पर उसका कृत्रिम उत्पादन भी किया जा सके। इस परियोजना का वित्तपोषण भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने 'सस्टेनेबल ट्रीटमेंट, रीयूज एंड मैनेजमेंट फॉर एफिशिएंट, अफोर्डेबल एंड सिनर्जिस्टिक सॉल्यूशंस फॉर वाटर' के तहत किया है।

WHAT'S YOUR REACTION?

  • 1
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0

RELATED POSTS

COMMENTS

स्वास्थ्य

सेहत और स्वाद से भरपूर है स्वीट कॉर्न

लेख विभाग July 25 2023 39183

इसमें विटामिन-ए और बीटा कैरोटीन जैसे पोषक तत्व मौजूद होते है, जो आंखों की रोशनी को बढ़ाने में मददगार

राष्ट्रीय

देश में पात्र आबादी के 42 फीसदी लोग टीके की बूस्टर खुराक लगवाने को तैयार नही

आनंद सिंह February 06 2022 32517

एक अध्ययन में दावा किया गया है कि कोरोनारोधी टीके की बूस्टर खुराक वायरस के नए और अधिक संक्रामक वैरिए

लेख

बायोप्सी करवाने से कैंसर नहीं फैलता है: डा. हर्षवर्धन

लेख विभाग October 04 2022 49575

डॉक्टर द्वारा बायोप्सी का सुझाव देने के दो मुख्य कारण रहते हैं, बेहतर निदान के लिए आपके कैंसर के टिश

राष्ट्रीय

देश में कोरोना की सुनामी, 24 घंटे में 1 लाख 40 हजार से ज्यादा नए मामले आये 

एस. के. राणा January 08 2022 15352

राहत की बात यह है कि नए केसों में इजाफे की तुलना में मौतों का आंकड़ा काफी कम है। शुक्रवार को देश भर

उत्तर प्रदेश

यूपी एनएचएम में निकली 5505 पदों पर भर्ती

रंजीव ठाकुर July 21 2022 43356

उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, कम्यूनिटी हेल्थ ऑफिसर के 5505 पदों पर भर्ती करेगा और इसमें आर

इंटरव्यू

डायबटीज और ब्लड प्रेशर दोनों मिल कर एक और एक ग्यारह हो जाते है: डॉ बी के अग्रवाल

रंजीव ठाकुर September 11 2022 123054

इंडियन सोसायटी ऑफ हाइपरटेंशन की अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी बीपीकॉन 2022 में हाइपरटेंशन का डायबटीज से सम

उत्तर प्रदेश

बच्चे के लिए भगवान बनी डॉक्टर, मुंह से सांस देकर बचाई नवजात शिशु की जान

आरती तिवारी September 23 2022 32167

बच्ची जन्म के बाद सांस नहीं ले पा रही थी, जिसके बाद डॉक्टर सुरेखा अपने मुंह से नवजात को तब-तक सांस द

राष्ट्रीय

मरीजों को राहत, राम मनोहर लोहिया अस्पताल में जांच का समय बढ़ा

एस. के. राणा December 13 2022 35702

मिली जानकारी ने मुताबिक लोहिया अस्पताल में शाम 5 बजे तक जांच के सैंपल लिए जाएंगे। इससे मरीजों को निज

उत्तर प्रदेश

केजीएमयू के शल्य चिकित्सा विभाग ने मनाया 109वां स्थापना दिवस।

हुज़ैफ़ा अबरार February 14 2021 32164

कोविड महामारी के दौरान शल्य चिकित्सा विभाग का महत्वपूर्ण योगदान रहा। प्रो टीसी गोयल द्वारा लिखित पुस

उत्तर प्रदेश

आयुष विभाग में दवा ढुलाई के के नाम पर करोड़ों का खेल

आरती तिवारी June 08 2023 32220

प्रदेश के सभी आयुर्वेदिक, यूनानी एवं होम्योपैथिक अस्पतालों में आयुष मिशन के जरिए दवाएं भेजी जाती हैं

Login Panel