कानपुर। कोविड 19 लॉकडाउन के दौरान कई लोगो को जॉब खोने, कोविड होने का डर, वर्क फ्रॉम होम से सम्बंधित स्ट्रेस से गुजरना पड़ा, जिस वजह से उन्हें हाई ब्लड प्रेशर और अन्य हृदय सम्बंधित समस्याएँ से ग्रसित होने का ख़तरा बढ़ गया है। साथ ही कई लोग जो कोविड से रिकवर कर चुके है उनमें भी ह्रदय सम्बन्धी समस्या बढ़ने का खतरा और बढ़ गया है । डॉ अभिनीत गुप्ता, कंसल्टेंट इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी, रीजेंसी सुपरस्पेशलिटी अस्पताल, कानपुर ने कहा कि यदि ऐसे लोगो ने अपने हार्ट समस्याओ के लक्षणों को नज़रअंदाज किया और ट्रीटमेंट कराने में देरी की तो उनको हार्ट मसल्स में परमानेंट डैमेज होने का खतरा है ।
कोरोनावायरस महामारी के मुश्किल समय के दौरान हार्ट अटैक की घटना होना सभी के लिए चिंता की बात है। ज्यादातर युवा कार्डियक समस्याओं का सामना कर रहे हैं क्योंकि उनमें अनियमित लाइफस्टाइल और अनियंत्रित डाईट होने के साथ कोविड -19 संक्रमण ने ऐसे केसेस को बढ़ा दिया है। रिपोर्ट्स की मानें तो हार्ट अटैक की घटनाएं अब 15 से 20% तक बढ़ गई हैं।
डॉ गुप्ता ने कहा, "अगर आपको डाईबटिस या ब्लड प्रेशर की समस्या है तो आपको ब्लड क्लॉटिंग होने के चांस ज्यादा होते हैं और इन ब्लड के थक्को से आर्टरीज में जमाव हो जाता है जिससे हार्ट अटैक होता है।नोन कम्यूनिकबल डिज़ीज़ेज़ जिसमे हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, मोटापा और स्मोकिंग शामिल है वे हार्ट अटैक का सबसे बड़ा कारण है। हम पहले से ही एनसीडी बीमारियों से जूझ रहे हैं और इसमें कोविड-19 ने और एक बीमारी बढ़ा दी है। पहले हमें 10 से 15 हार्ट अटैक के केसेस मिलते थे लेकिन अब हमें 20 से 25 हार्ट अटैक के मरीज मिल रहे हैं। “
हैंडवाशिंग, सैनिटाइजिंग और सोशल डिस्टेंसिंग जैसे कोविड-19 के दिशानिर्देशों का पालन करते रहना चाहिए भले ही वैक्सीन आ गयी हो, यह बहुत जरूरी चीज है। इसके अलावा हार्ट अटैक से संबंधित खतरों के फैक्टर के बारे में भी पता होना चाहिए। कुछ फैक्टर आपमें हार्ट अटैक के खतरों को बढ़ा सकते हैं, जैसे स्मोकिंग, किडनी की बीमारी या परिवार में कम उम्र में प्रारंभिक हार्ट की बीमारी होना आदि। अगर आप इन रिस्क फैक्टर को जानते रहेंगे तो आपको और आपकी स्वास्थ्य देखभाल टीम को आपके लिए सर्वोत्तम ट्रीटमेंट योजना पर निर्णय लेने में मदद मिल सकती है। कई रिस्क फैक्टर को लाइफस्टाइल में बदलाव करने से रोका जा सकता है।
डॉ अभिनीत गुप्ता ने आगे कहा, " ज्यादातर युवा रिमोट वर्किंग मोड में काम कर रहे हैं लेकिन यह जरूरी है कि आप इस दौरान भी फिजिकली ज्यादा एक्टिव रहें। इससे आप स्वस्थ रह सकते हैं और बीमारियों से दूर रह सकते हैं। युवा लोगों को कम से 150 मिनट मॉडरेट-इंटेंसिटी एरोबिक एक्टिविटी या 75 मिनट विगोरस एक्टिविटी हर हफ्ते करनी चाहिए। अगर आप पहले से ही एक्टिव हैं तो आप ज्यादा फायदे के लिए इंटेंसिटी को बढ़ा सकते हैं। अगर आप एक्टिव नहीं है तो कम बैठे रहने और ज्यादा टहलते रहने से शुरुआत कर सकते हैं।"
हेल्थ से जुड़ी सभी ख़बरों के लिए हमारे Facebook पेज को लाइक करें, हमारे YouTube चैनल को सब्स्क्राइब करें। Twitter अकाउंट को फॉलो करें।
हुज़ैफ़ा अबरार March 20 2025 0 3885
हुज़ैफ़ा अबरार March 21 2025 0 3219
हुज़ैफ़ा अबरार March 03 2025 0 11211
एस. के. राणा March 06 2025 0 9213
एस. के. राणा March 07 2025 0 8880
एस. के. राणा March 08 2025 0 7992
हुज़ैफ़ा अबरार March 03 2025 0 11211
एस. के. राणा March 06 2025 0 9213
एस. के. राणा March 07 2025 0 8880
एस. के. राणा March 08 2025 0 7992
British Medical Journal February 25 2025 0 5772
सौंदर्या राय May 06 2023 0 77244
सौंदर्या राय March 09 2023 0 82637
सौंदर्या राय March 03 2023 0 80769
admin January 04 2023 0 81708
सौंदर्या राय December 27 2022 0 71757
सौंदर्या राय December 08 2022 0 61438
आयशा खातून December 05 2022 0 113553
लेख विभाग November 15 2022 0 84472
श्वेता सिंह November 10 2022 0 94962
श्वेता सिंह November 07 2022 0 83018
लेख विभाग October 23 2022 0 68021
लेख विभाग October 24 2022 0 69350
लेख विभाग October 22 2022 0 76182
श्वेता सिंह October 15 2022 0 82680
श्वेता सिंह October 16 2022 0 77687
डीएम मनीष बंसल की मानवीय पहल से दिल में छेद की गंभीर बीमारी से पीड़ित दो बच्चों रचित और हरीश को नई ज
राहत की बात यह है कि इस माह में डेंगू के केस में कुछ कमी आई है। जहां डेंगू का केस मिलता है वहां स्वा
गोरखपुर में रहस्यमयी वायरल फीवर का कहर है। इसकी चपेट में सबसे ज्यादा 10 साल से कम उम्र के बच्चे आ र
आरोग्य मेले के मौके पर 78 स्वास्थ्य केंद्रों पर मेले का आयोजन किया गया। मेले में 4,648 मरीजों के स
स्टेशन पर तैनात अधिकारियों और ट्रेनों में चेकिंग स्टाफ को इस बात की हिदायत दी गई है कि वे यह सुनिश्च
यूपी के 16 जिला चिकित्सालयों में गंभीर मरीजों को जल्द आईसीयू की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। उप मुख्यम
योगी सरकार प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था को दुरूस्त करने के लिए प्रयासरत है, और मिशन मोड पर कार्य भी
ओमिक्रॉन के BF.7 वैरिएंट को लेकर डब्ल्यूएचओ की ओर से चेतावनी जारी की गई है। खबरों के मुताबिक यह सब व
धैर्य के माता पिता ने बताया कि जब वह 2 महीने का था, तब उसको निमोनिया हुआ और उसे बुखार आया। स्थानीय ड
रविवार को सिविल अस्पताल में पीएम मोदी के जन्मदिन पर आयोजित सेवा सप्ताह पखवाड़ा के अन्तर्गत विशेष कैम्
COMMENTS