देश का पहला हिंदी हेल्थ न्यूज़ पोर्टल

राष्ट्रीय

बच्चों में समय पर कैंसर रोग का पता लगना ही सही उपचार की शुरुआत है ।  

कई माता-पिता जब अपने बच्चें में कम वजन या कम भूख के लक्षणों को देखते हैं तो वह पास के क्लीनिक में जाते हैं या तो वे खुद से बिना डाक्टर से चर्चा किये केमिस्ट से पूछ कर दवाई दे देते हैं।

हुज़ैफ़ा अबरार
January 15 2021 Updated: January 16 2021 17:31
0 16872
बच्चों में समय पर कैंसर रोग का पता लगना ही सही उपचार की शुरुआत है ।   डॉ प्रियंका वर्मा

कानपुर। भारत में हर साल लगभग पचास हज़ार बच्चों में कैंसर डायग्नोज किया जाता है। एक्यूट ल्यूकेमिया, लिंफोमा, विल्म्स ट्यूमर, रेटिनोब्लास्टोमा, ब्रेन ट्यूमर, बोन ट्यूमर, न्यूरोब्लास्टोमा आदि कॉमन पीडियाट्रिक कैंसर हैं। रीजेंसी सुपरस्पेसलिटी हॉस्पिटल, कानपुर के हीमटो-आंकोलोजिस्ट, डॉ प्रियंका वर्मा ने इस बीमारी के बारे में बताया की पीडियाट्रिक कैंसर में क्योर रेट लगभग 85% है जो की बड़ों लोगों के मुकाबलें काफी अच्छा है।बच्चों में कैंसर सेल्स बहुत तेजी से बढ़ते हैं लेकिन बच्चे कीमोथेरेपी ट्रीटमेंट के लिए बहुत संवेदनशील होते हैं लेकिन चिंताजनक आंकड़ा यह है कि हमारे देश में पीडियाट्रिक कैंसर का क्योर रेट काफी कम है क्यूंकि ये पेशेंट्स हमारे देश में बहुत एडवांस स्टेज में डायग्नोज किये जाते हैं। इसकी मुख्य वजह इस बीमारी के प्रति जागरूकता की कमी है जिसकी वजह से डायग्नोसिस बहुत देर में हो पाता है और कभी-कभी इसका सफल इलाज संभव नहीं हो पाता है। 

रीजेंसी सुपरस्पेसलिटी हॉस्पिटल, कानपुर की हीमटो-आंकोलोजिस्ट-कंसल्टेंट डॉ प्रियंका वर्मा ने कहा, "हर महीने हमेइस कैंसर के 4 से 5 केसेस मिलते हैं जो कानपुर और आसपास के क्षेत्र जैसे बांदा, हमीरपुर, महोबा से होते है और जहाँ बच्चों के माता-पिता को कोई अंदाजा नहीं होता है कि उनका बच्चा कैंसर से पीड़ित है। कई माता-पिता जब अपने बच्चें में कम वजन या कम भूख के लक्षणों को देखते हैं तो वह पास के क्लीनिक में जाते हैं या तो वे खुद से बिना डाक्टर से चर्चा किये केमिस्ट से पूछ कर दवाई दे देते हैं। "

डॉ प्रियंका वर्मा ने आगे बताया कि हर कैंसर के लक्षण अलग-अलग होते हैं। लेकिन पीडियाट्रिक कैंसर में जो मुख्य लक्षण होते हैं उनमे कम वजन, कम भूख लगना, शरीर में गांठ और फीवर होता है। लक्षण दिखने पर माता-पिता को अपने बच्चे की स्क्रीनिंग करवानी चाहिए। यह संक्रमण वाली बीमारी नहीं होती है और यह एक बच्चे से दूसरे बच्चे में नहीं फैलती है। बेहतर इलाज के लिए जरूरी है कि इसका डायग्नोज जल्दी हो और इलाज भी जल्दी शुरू हो। इसका इलाज काफी लम्बा होता है इसलिए बच्चों की घर में भी उचित देखभाल बहुत आवश्यक है। ऐसे केस में यह बहुत महत्वपूर्ण है कि घर पर साफ़-सफाई रखी जाए और बच्चे को सम्पूर्ण पोषण वाली डाईट खिलाई जाए। इलाज वास्तविक और व्यावहारिक रूप से प्राप्त करने योग्य हमारा लक्ष्य होता है। इलाज के बाद बच्चा अन्य बच्चों की तरह सामान्य जिंदगी जी सकता है। 

WHAT'S YOUR REACTION?

  • 1
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0

RELATED POSTS

COMMENTS

राष्ट्रीय

देहरादून को केंद्र से मिली 90 हजार वैक्सीनेशन डोज

विशेष संवाददाता January 19 2023 22893

केंद्र सरकार से राज्य को 90,500 कोविशील्ड वैक्सीन मिली है। अल्मोड़ा को 4100, बागेश्वर को 1800, चमोल

उत्तर प्रदेश

सहारा हॉस्पिटल ने गॉल ब्लॉडर कैंसर पीड़ित मरीज की जान बचायी

हुज़ैफ़ा अबरार October 09 2022 42944

डॉ अंकुर ने बताया कि उसे गाल ब्लैडर का कैंसर है, इसका आपरेशन करना होगा। तब मरीज ने सरकारी हॉस्पिटल म

राष्ट्रीय

स्वास्थ्य मंत्रालय ने 64 स्वास्थ्य केंद्रों को सीजीएचएस सूची से किया बाहर, देखें सूची

एस. के. राणा May 04 2022 40204

सीजीएचएस के एंपैनलमेंट सेल ने दिल्ली-एनसीआर में निजी अस्पतालों पर कड़ी कार्यवाही करते हुए 64 स्वास्थ

सौंदर्य

वैक्सिंग से स्किन को बनाएं चिकना और सुन्दर।

सौंदर्या राय October 22 2021 18521

वैक्सिंग करके एक ही बार में काफी बड़े हिस्से से अनचाहे बालों को हटाया जा सकता है। वैक्सिंग करने से ब

उत्तर प्रदेश

जिला अस्पताल में कन्या जन्मोत्सव पर कार्यक्रम

विशेष संवाददाता January 17 2023 26339

बिजनौर जिला अस्पताल में नवजात बेटियों की माताओं को जिला अधिकारी उमेश मिश्रा, पुलिस अधीक्षक दिनेश सिं

स्वास्थ्य

प्रेगनेंसी के दौरान योग दिला सकता है समस्याओं से निजात।

लेख विभाग September 12 2021 27661

गर्भावस्था के दौरान आप जितना एक्टिव रहेंगी, आपके लिए समस्याएं भी उतनी ही कम होंगी। योग करने वाली महि

सौंदर्य

स्किन को रखना है जवां और स्पॉटलेस तो सर्दियों में चेहरे पर लगाएं इन 2 नेचुरल चीजों का मिश्रण

श्वेता सिंह November 15 2022 26277

यह मिश्रण स्किन को एक्सफॉलिएट करने के साथ-साथ उसे नमी भी देगा जिससे स्किन निखरी हुई और सॉफ्ट दिखायी

उत्तर प्रदेश

तनाव प्रबन्धन एवं आत्महत्या रोकथाम पर कार्यशाला का आयोजन हुआ

रंजीव ठाकुर September 11 2022 24158

हर साल 10 सितम्बर को विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस के रूप में मनाया जाता हैं। इस अवसर पर महिला डिग्री

राष्ट्रीय

प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत राष्ट्रपति मुर्मू ने गोद लिए 9.5 लाख मरीज

विशेष संवाददाता September 18 2022 18364

मोदी सरकार ने 2030 तक टीबी को खत्म करने का लक्ष्य रखा है। वहीं टीबी को खत्म करने के उद्देश्य से राष्

अंतर्राष्ट्रीय

फ्रांस में मिला कोरोना का नया वैरिएंट 'आईएचयू'

हे.जा.स. January 08 2022 29771

आईएचयू वेरिएंट पर अटकलें लगाना जल्दबाजी होगी क्योंकि अब तक कम संख्या में लोग इसकी चपेट में आए हैं ।

Login Panel