देश का पहला हिंदी हेल्थ न्यूज़ पोर्टल

उत्तर प्रदेश

द अशोका फाउंडेशन प्रिवेंटेबल ब्लाइंडनेस के रोकथाम हेतु सक्रिय है।

स्क्रीन टाइम (मोबाइल के सामने बीतने वाला वक्त) बढ़ने से आंखों की समस्याओं में वृद्धि हुई है और इसलिए नियमित जांच के जरिये से आपकी आंखों की देखभाल अब और जरूरी हो गई है।

0 15657
द अशोका फाउंडेशन प्रिवेंटेबल ब्लाइंडनेस के रोकथाम हेतु सक्रिय है। डॉक्टर प्रत्युष रंजन

लखनऊ। प्रतिष्ठित नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉक्टर प्रत्युष रंजन ने आंखों के बेहतर स्वास्थ्य को बढ़ावा देने और समाज से प्रिवेंटेबल ब्लाइंडनेस यानी ऐसे अंधेपन की समस्या को खत्म करने का लक्ष्य रखा है, जिनकी रोकथाम संभव है। डॉ. रंजन सर्जरी के बाद यह सुनिश्चित करते हैं कि व्यक्ति बिना चश्मे के आसानी से जीवन बिता सके।

डॉ. रंजन द अशोका फाउंडेशन एनजीओ के माध्यम से आई केयर को सभी के लिए सुलभ बनाने के लिए प्रयासरतहैं। फाउंडेशन का उद्देश्य आंखों के स्वास्थ्य को बढ़ावा देना और समाज से प्रिवेंटेबल ब्लाइंडनेस को खत्म करना है। डॉ. रंजन ने नई दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल से पोस्ट ग्रेजुएशन किया। उस दौरान उन्होंने यूपी और बिहार के ऐसे कई गरीब मरीजों को देखा जो पैसे की कमी के कारण साधारण मोतियाबिंद का ऑपरेशन कराने के लिए कई रातें फर्श पर बिता देते थे। डॉ. रंजन ने गरीब लोगों को यथासंभव निशुल्क नेत्र उपचार उपलब्ध कराने के विचार से इस फाउंडेशन की स्थापना वर्ष 2010 किया। उन्होंने अमेरिका के एनजीओ विटामिन एंगल के साथ भी काम किया है, जो आंखों से संबंधित विभिन्न समस्याओं से पीड़ित बच्चों को मुफ्त विटामिन ए कैप्सूल प्रदान करता है।

इस अवसर पर डॉ. प्रत्युष रंजन, एमबीबीएस, डीओ एमएस, डीएनबी, एमएएमएस कंसल्टेंट नेत्र रोग विशेषज्ञ, मोतियाबिंद, रिफ्रेक्टिव और ग्लूकोमा विशेषज्ञ ने कहा, “पिछले एक साल में हम सभी ने महसूस किया है कि मानव जाति के लिए अच्छा स्वास्थ्य कितना मूल्यवान है और आपकी आंखें आपके स्वास्थ्य का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। वयस्कों और बच्चों दोनों के लिए स्क्रीन टाइम (मोबाइल के सामने बीतने वाला वक्त) बढ़ने से आंखों की समस्याओं में वृद्धि हुई है और इसलिए नियमित जांच के जरिये से आपकी आंखों की देखभाल अब और जरूरी हो गई है। जितनी बार आपके डॉक्टर सलाह दें या जब भी आपको आंखों से देखने में कोई भी दिक्कत महसूस हो, आपको आंखों की स्वास्थ्य जांच करा लेनी चाहिए। इससे आपकी आंखें स्वस्थ रहेंगी। 

उन्होंने आगे कहा, "आधुनिकतम रिफ्रेक्टिव लेजर करेक्शन जैसे बहुत सारे विकास कार्य आंखों की देखभाल के क्षेत्र में हो रहे हैं, जिनकी मदद से बहुत ज्यादा पावर वाली आंखों का भी इलाज किया जा सकता है। ग्लूकोमा एक ऐसी बीमारी है जो लोगों को स्थायी रूप से अंधा बना रही है। द साइलेंट थीफ ऑफ साइट कही जाने वाली यह बीमारी 40 साल की उम्र से शुरू होती है और आपको अंधा बना सकती है। यह आनुवंशिक बीमारी भी है। अगर आपके माता-पिता और निकट संबंधियों में कोई इससे प्रभावित हो, तो खतरा 7 गुना बढ़ जाता है। इसलिए 40 साल की उम्र में आंखों की व्यापक जांच की जानी चाहिए, जिससे आपकी नजर को ग्लूकोमा से बचाया जा सके। आपकी दृष्टि को बचाने के लिए 4 साल, 40 साल और 60 साल की उम्र में एक व्यापक नेत्र जांच और इसके बाद हर साल जांच की सलाह दी जाती है।''

एक नेत्र रोग विशेषज्ञ के रूप में डॉ. रंजन ने पिछले 10 वर्षों में  35500 से ज्यादा मोतियाबिंद और रिफ्रेक्टिव, 1000 से ज्यादा ग्लूकोमा, 1000 से ज्यादा  रेटिनल लेजर और इंजेक्शन एवं 1000 से ज्यादा ओक्युलोप्लास्टी सर्जरी के सफल इलाज किया है। वे एक लेखक और वक्ता भी हैं। उन्होंने महत्वपूर्ण जर्नल्स में पैंतीस से अधिक लेख भी लिखे हैं। विभिन्न राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में वह अतिथि वक्ता और प्रशिक्षक के रूप में आमंत्रित किये जाते रहें हैं।

उन्होंने यूनाइटेड किंगडम के न्यूकैसल स्थित फ्रीमैन अस्पताल, नई दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) व वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज और सफदरजंग अस्पताल तथा उत्तर प्रदेश के सीतापुर स्थित रीजनल इंस्टीट्यूट ऑफ ऑफ्थेल्मोलॉजी एंड सीतापुर आई हॉस्पिटल जैसे प्रमुख अस्पतालों के साथ काम किया है। वह वर्तमान में मोतियाबिंद, रिफ्रेक्टिव और ग्लूकोमा विशेषज्ञ के रूप में एएसजी सुपरस्पेशलिटी आई हॉस्पिटल के वाराणसी केंद्र का नेतृत्व कर रहे हैं। एएसजी आई हॉस्पिटल्स पूरे भारत में 34 शाखाओं और कंपाला (युगांडा) और काठमांडू (नेपाल) में नेत्र अस्पतालों की अग्रणी श्रृंखला है।  

WHAT'S YOUR REACTION?

  • 1
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0

COMMENTS

सौंदर्य

हेयर स्ट्रेटनिंग से होते हैं बालों को ये नुकसान

आरती तिवारी November 12 2022 25131

स्ट्रेटनर जैसे हेयर इलेक्ट्रॉनिक एप्लाइंसेस बालों के लिए बहुत हार्मफुल हो सकते हैं। बालों को मैनेज

उत्तर प्रदेश

अंबेडकरनगर के मेडिकल कॉलेज में कई दवाएं खत्म

विशेष संवाददाता April 02 2023 19433

राजकीय मेडिकल कॉलेज सद्दरपुर बेहतर व निशुल्क इलाज का बड़ा केंद्र मरीजों के लिए माना जाता है, लेकिन इ

उत्तर प्रदेश

वैश्विक पुनर्स्थापना की ओर अग्रसर है आयुर्वेद : प्रो. एके सिंह

आनंद सिंह April 01 2022 17038

कोरोना के संकट में आयुर्वेद की उपयोगिता सच्चे हितैषी के रूप में प्रमाणित हुई है। आयुर्वेद के विद्यार

उत्तर प्रदेश

गर्मी में ठंडे पानी से परहेज करें जोड़ों के मरीज

विशेष संवाददाता June 01 2023 21509

भारतीय योग संस्थान के प्रांतीय कार्यकारिणी सदस्य एवं जनपद प्रभारी योगाचार्य सुरेंद्र पाल सिंह आर्य न

स्वास्थ्य

गुर्दे की पथरी को गलाकर बाहर निकाल देंगे ये असरदार उपाय

श्वेता सिंह October 13 2022 29412

गुर्दे की पथरी बनने से वजन कम होने, बुखार, मतली, रक्तमेह और पेट के निचले हिस्से में गंभीर दर्द के सा

उत्तर प्रदेश

जानलेवा भी साबित हो सकता है निमोनिया, बरतें ये सावधानियां

आरती तिवारी November 13 2022 58239

जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. संजीव वर्मन ने बताया कि निमोनिया दो तरह के होते हैं। पहला लोवर निमोनिया

सौंदर्य

डार्क सर्किल से छुटकारा पाने के घरेलू उपाय

admin January 13 2022 21674

अनेक कारणों से आंखों के नीचे की स्किन पतली पड़ जाती है। नीचे की रक्तवाहिका नीले या हरे रंग के घेरे क

राष्ट्रीय

दिल्ली में डेंगू के मामलों में आई गिरावट

विशेष संवाददाता December 01 2022 22734

दिल्ली में पिछले साल नवंबर तक 8,276 मरीज डेंगू से पीड़ित थे। जबकि, इस बार यह संख्या 50 फीसदी भी पार

राष्ट्रीय

राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजनाः असंगठित क्षेत्र के कामगारों को सामाजिक सुरक्षा देने की गारंटी, केंद्र सरकार की अत्यंत कल्याणकारी योजना को समझें

आनंद सिंह March 24 2022 25443

यह तो सर्वविदित है कि देश में कुल कार्यबल की संख्‍या में लगभग 93 प्रतिशत कामगार असंगठित क्षेत्र के ह

उत्तर प्रदेश

एमफाइन की इंटीग्रेटेड डायग्नोस्टिक्स लैब की शुरुआत

हुज़ैफ़ा अबरार December 05 2022 19875

लाइफ सेल इंटरनेशनल के प्रबंध निदेशक और सीईओ मयूर अभय ने कहा हम लखनऊ के लोगों के लिए अत्याधुनिक सुविध

Login Panel