लखनऊ। उत्तर प्रदेश में फेफड़े की कार्यक्षमता का परीक्षण करने वाली अत्याधुनिक मशीन इम्पल्स ऑसिलोमीटर का लोकार्पण रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभागए केजीएमयू लखनऊ में किया गया। यह प्रदेश का पहला इम्पल्स ऑसिलोमीटर है। यह फेफड़े में ध्वनि तरंग उत्पन्न करके श्वसन रोगों के निदान हेतु सांस लेने के लिए प्रतिरोध के विभिन्न घटकों की गणना करके उपयोग में लाया जाता है।
इस सत्र के बाद श्वसन चिकित्सा विभाग, केजीएमयू लखनऊ के हेड ऑफ़ डिपार्टमेंट, प्रोफेसर डॉ सूर्यकांत ने इम्पल्स ऑसिलोमेट्री मशीन का उद्घाटन करते हुये कोविड युग में इस तकनीक के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि इस मशीन से फेफड़ों की कार्यक्षमता को मापते समय न्यूनतम एयरोसोल उत्पन्न होता है। आईएमए,एएमएस के नेशनल वाइस चेयरमैन डॉ सूर्यकांत ने आगे बताया कि यह प्रारंभिक चरण में सांस की बीमारियों का निदान करने के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके साथ ही सबके सामने एक स्वस्थ आदमी पर इम्पल्स ऑसिलोमेट्री की प्रक्रिया का तकनीकी प्रदर्शन भी कार्यक्रम में किया गया।
इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के श्वसन चिकित्सा और बाल रोग विभागों के लगभग तीस पीजी छात्रों ने सक्रिय रूप से भाग लिया। इस संगोष्ठी की अध्यक्षता डॉ सूर्यकांत ने की। सहअध्यक्ष के रूप में डॉ राजीव गर्ग, प्रोफेसर, श्वसन चिकित्सा विभाग, केजीएमयू, कोऑर्डिनेटर डॉ अजय कुमार वर्मा, प्रोफेसर जूनियर ग्रेड, श्वसन चिकित्सा विभाग केजीएमयू और सह.कोऑर्डिनेटर डॉ सारिका गुप्ता, एसोसिएट प्रोफेसर, बाल रोग विभाग केजीएमयू उपस्थित थे।
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