लखनऊ। ओवरएक्टिव ब्लैडर समस्या से पीड़ित होने का यह मतलब नहीं है कि यह उम्र बढ़ने के कारण या डायबिटीज का संकेत हैं। इसके होने के पीछे के कई अन्य कारण भी हो सकते हैं। ओवरएक्टिव ब्लैडर के कारण यूरिनरी इन्कान्टिनेन्स भी हो सकता है। इस समस्या से पीड़ित होने पर बार-बार और अचानक पेशाब करने की इच्छा पैदा होती है। कभी कभी तो पेशाब को रोकना भी मुश्किल हो जाता है।
एक स्टडी के अनुसार लगभग 14% पुरुष और लगभग 12 प्रतिशत महिलाए किसी न किसी प्रकार की मूत्र असंयमता (urinary incontinence) की समस्या से पीड़ित रहती है। ऐसा देखा गया है कि महिलाएं जिनका मेनोपॉज (menopause) हो चुका होता है वे इससे पीड़ित रहती है । जिन पुरुषों को प्रोस्टेट (prostate) की समस्या होती है, उनमें यह समस्या होने की संभावना ज्यादा होती है। न्यूरोलॉजिक डिसऑर्डर (Neurologic disorders) या आपके मस्तिष्क तथा मूत्राशय के बीच संकेतों का नुकसान, पेल्विक मसल्स के कमजोर होने, दवाओं के साइड इफेक्ट, और यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (UTI) होने से ओवरएक्टिव ब्लैडर (overactive bladder) की समस्या से पीड़ित होने का खतरा ज्यादा होता है।
रीजेंसी सुपरस्पेशिलिटी हॉस्पिटल (Regency Superspeciality Hospital), लखनऊ में यूरोलॉजी कंसलटेंट - डॉ सिद्धार्थ सिंह ने इस समस्या पर अपने विचार रखते हुए कहा, "भले ही यह समस्या बुजुर्गों में ज्यादा देखने को मिलती है लेकिन इसका मतलब यह नहीं होता है कि यह उम्र बढ़ने की प्रक्रिया का एक हिस्सा होता है। यहां तक कि इस समस्या से सभी उम्र के पुरुष और महिलाओं के अलावा बच्चे भी पीड़ित होते हैं।
डायबिटीज (Diabetes) भी ओवरएक्टिव ब्लैडर की समस्या से जुड़ा नहीं है। हमने कई मरीजों को देखा है जो इस समस्या से ग्रसित होने के बाद हमारे पास आते हैं। उन्हें डर रहता है कि यह उम्र बढ़ने या डायबिटीज के कारण होता है। लेकिन ओवरएक्टिव ब्लैडर होने के पीछे कई अन्य कारण हो सकते हैं जैसे कि दवाओं का उपयोग, बहुत ज्यादा शराब या कैफीन का सेवन, कमजोर मांसपेशियां, और संक्रमण, या बहुत ज्यादा वजन होने पर भी यह समस्या होती है।"
अगर आप ओवरएक्टिव ब्लैडर की समस्या से पीड़ित हैं तो आपको अचानक पेशाब करने की इच्छा महसूस हो सकती है, जिसे नियंत्रित करना मुश्किल हो सकता है । पेशाब (urination) करने की तत्काल जरुरत के तुरंत बाद आप अनजाने में मूत्र के निकलने का अनुभव कर सकते हैं, या आपको बार-बार पेशाब लग सकती है। आपको इससे 24 घंटों में आठ बार या इससे भी ज्यादा और पेशाब करने के लिए रात में दो बार से ज्यादा भी जागना पड़ सकता है। इस समस्या से पीड़ित होने पर आप अपने डॉक्टर से मूत्र में संक्रमण की जांच भी करा सकते हैं । इस बीमारी का पता लगाने के लिए इन्फेक्शन के लिए टेस्ट, मेडिकल हिस्ट्री, शरीर का चेकअप और मूत्र का नमूना लिया जा सकता है।
डॉ राजीव कुमार, एमसीएच यूरोलॉजी, रीजेंसी सुपरस्पेशिलिटी हॉस्पिटल, लखनऊ ने बताया, "कुछ केसेस में ओवरएक्टिव ब्लैडर की समस्या क्यों हुई इसके पीछे की वजह नहीं पता लगायी जा सकती है लेकिन लक्षणों के इलाज में सहूलियत मिल सकती है। अगर यह समस्या होती है तो इसे अनदेखा न करें क्योंकि अगर इसका इलाज न किया जाए तो आपकी नींद, कार्य क्षमता और सामाजिक जीवन गंभीर रूप से प्रभावित हो सकता है। इसके अलावा यह न माने कि उम्र बढ़ने या डायबिटीज होने के कारण ऐसा हो रहा है। उचित डायग्नोसिस से ही इसके पीछे की वजह का पता लगाया जा सकता है। इससे बचने के लिए खुद को हाइड्रेट रखें। कम पानी पीने से मुश्किल बढ़ेगी क्योकि इससे मूत्र जमा हो सकता है जिससे मूत्राशय में जलन हो सकती है और अधिक बार पेशाब आने का सबब बन सकता है।"
हालांकि अच्छी बात यह है कि कुछ लाइफस्टाइल (lifestyle) बदलाव जैसे कि बेहतर खानपान और तरल पदार्थ के सेवन, वजन घटाने आदि से इस समस्या से कुछ हद तक राहत पायी जा सकती है और इसे होने से रोका जा सकता है। कैफीन का सेवन न करना, शराब और धूम्रपान न करना काफी मददगार साबित हो सकता है। इसके अलावा हमने देखा है कि ब्लैडर ट्रेनिंग ब्लैडर की क्षमता और पेशाब को रोकने की क्षमता को बढ़ाने में मदद कर सकती है।
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