बदलते मौसम का असर लोगों के ऊपर दिखने लगा है। इस बार तो मार्च की धूप ही लोगों की सेहत पर असर डाल रही है। तेज गर्मी और धूप से दिल के मरीजों की परेशानी बढ़ सकती है। इसलिए उन्हें कड़ी धूप से बचने की कोशिश करनी चाहिए। इस मौसम में सावधान रहने की बहुत आवश्यकता है। इस मौसम की अक्सर ये 5 बीमारियां जो डालती हैं दिल पर असर उनके लिए रहना चाहिए सभी को अलर्ट:---
1--थकान (Stress)
बदलते मौसम में अक्सर जो लोग जल्दी थक जाते हैं उन्हें सावधान रहने की आवश्यकता है क्योंकि इस भयानक गर्मी से हृदय पर बुरा असर पड़ सकता है। कार्डियक अरेस्ट होने पर किसी व्यक्ति के शरीर में खून की मात्रा कम हो जाती है, लेकिन लोग गर्मी की थकान समझकर उसे नजरअंदाज करते हैं। इसलिए यदि इस प्रकार का अनचाहा थकान महसूस करें तो अपने चिकित्सक से जरूर संपर्क करें।
2--बेहोशी (Fainting)
गर्मी के मौसम में अक्सर लोग बेहोश होते हैं, तो समझते हैं कि पानी की कमी या तेज धूप से हुआ होगा जबकि हमेशा ऐसा नहीं होता है। जब एक नॉर्मल फ्लो में हमारा दिल खून का संचार नहीं कर पाता है तो इस स्थिति में बेहोशी की नौबत आ जाती है। ध्यान देने वाली बात तो ये है कि अगर समय रहते इस समस्या पर ध्यान नहीं दिया तो हार्ट अटैक का भी खतरा रहता है।
3--माइग्रेन यानी अधकपारी (Migrane)
इस भयानक एवं बढ़ती गर्मी में माइग्रेन की समस्या बढ़ जाती है। इसकी मुख्य वजह गर्मी नहीं होती। दरअसल इस मौसम में माइग्रेन के मरीजों के दिल पर बहुत अधिक दबाव पड़ता है और गर्मी के संपर्क में आने से हार्ट को पूरा करने वाली खून की नसों के अंदर थक्के बनने का खतरा बढ़ जाता है। इससे हार्ट अटैक का खतरा भी हो सकता है।
4--बढ़ता मोटापा (Obesity)
लोग गर्मी के मौसम के टहलते वक्त जल्दी थक जाते हैं। जल्दी धूप निकलने की वजह से मॉर्निंग वॉक का समय कम कर देते हैं। ऐसे में शरीर में फैट बढ़ने लगता है जो सीधा हार्ट पर असर डालता है। वजन बढ़ने के साथ ही हमारे दिल का आकार भी बड़ा हो जाता है। दिल के आकार के बढ़ जाने से हार्ट अटैक या फिर स्ट्रोक जैसी बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। किए गए शोध से पता चलता है कि वजन बढ़ने से दिल आठ ग्राम तक भारी हो जाता है, जबकि उसके आकार में 5% तक की बढ़ोतरी हो जाती है|
5--डिहाइड्रेशन (Dehydration)
अक्सर लोग डिहाइड्रेशन को पानी की कमी समझकर नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन ये जानलेवा भी हो सकती है। अधिक गर्मी के दिनों में डिहाइड्रेशन से ग्रस्त व्यक्तियों को दिल का दौरा पड़ने की आशंका बहुत अधिक होती है। बहुत अधिक समय तक तेज धूप या गर्मी में रहने पर ब्लड प्रेशर में गिरावट आ जाती है।
क्या करें ?
1-रोजाना ज्यादा थकान महसूस हो तो नजरअंदाज न करें, चिकित्सक से अवश्य सलाह लें।
2-अगर कोई बेहोश हो जाए तो उसे पानी, जूस दें और कपड़े ढीले कर दें।
3 -सुबह का नाश्ता जरूरी है, अंकुरित अनाज नाश्ते में लें।
4-ठंडे पानी से नहाएं, इससे दिल की बीमारी से भी फायदा मिलेगा।
5-गर्मी में हार्ट के मरीज कम से कम 6-7 लीटर पानी जरूर पिएं।( परंतु यदि उन्हें गुर्दे की भी बीमारी है तो अपने चिकित्सक से सलाह लेकर ही पानी पिए)
क्या न करें ?
1- दिल के मरीज ज्यादा काम करने से बचें।
2- सिर में दर्द हो, जी मिचलाए, चक्कर आए, कमजोरी लगे तो इग्नोर न करें।
3- मांसपेशियों में ऐंठन और सांस तेज चले तो घरेलू नुस्खे अपनाने की गलती न करें।
4- वचा में ठंडापन व नमी हो तो डॉक्टर से संपर्क करें।
5- नाड़ी के तेज चलने पर अपने चिकित्सक की सलाह जरूर लें
गर्मी में योग व्यायाम भी करता है हार्ट अटैक से बचाव
नियमित रूप से किए गए योग एवं व्यायाम से सिर्फ मोटापा ही कम नहीं होता बल्कि शरीर का आकार भी सही होता है और शरीर स्वस्थ रहता है। नियमित रूप से किया गया व्यायाम शरीर के मेटाबोलिज्म की दर को बढ़ाता है। इससे शरीर से ज्यादा पसीना निकलता है और मोटापा कम होता है जिससे हृदय रोग होने की संभावना काफी कम हो जाती है।
लेखक - डॉ रूप कुमार बनर्जी, होम्योपैथिक चिकित्सक, गोरखपुर
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