देश का पहला हिंदी हेल्थ न्यूज़ पोर्टल

उत्तर प्रदेश

बच्चे हो रहे लीवर फेलियर का शिकार: डा. प्रवीण झा

कई नवजात शिशु लीवर से संबंधित बीमारियों से पीडि़त होते हैं। यह महत्वपूर्ण है कि अपने बच्चे का ब्लड टेस्ट कराएं। इस तरह के ब्लड टेस्ट को स्प्लिट बिलीरुबिन कहा जाता है। इस टेस्ट में बच्चे के खून में संयुग्मित और असंयुग्मित बिलीरुबिन लेवल के अनुपात को मापा जाता है।

हुज़ैफ़ा अबरार
February 18 2023 Updated: February 18 2023 00:56
0 41028
बच्चे हो रहे लीवर फेलियर का शिकार: डा. प्रवीण झा प्रतीकात्मक चित्र

लखनऊ। भारत में लीवर की बीमारियाँ तेजी से बढ़ रही हैं। बहुत सारे छोटे बच्चे लीवर की बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। लखनऊ के रीजेंसी सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल के डॉक्टरों डॉ प्रवीण झा एवं डॉ अनुराग मिश्रा के अनुसार प्रसव से पहले और प्रसव के बाद देखभाल पर माता-पिता का जागरूकता न होने से बच्चों में लीवर की बीमारियाँ बढ़ रही हैं। 


बच्चों में मुख्य रूप से दो प्रकार का लीवर फेलियर होता है। एक एक्यूट लीवर फेलियर (acute liver failure) और दूसरा क्रोनिक लीवर फेलियर (chronic liver failure)। एक्यूट लिवर फेलियर उन बच्चों में होता है जिन्हें पहले से जन्मजात लीवर की कोई क्रोनिक बीमारी नहीं होती है। क्रोनिक लीवर फेलियर तब होता है जब लंबे समय से चलने वाले लीवर की बीमारी धीरे-धीरे या अचानक खराब अवस्था में पहुँच जाती है। लीवर फेलियर (Liver failure) किसी भी उम्र के बच्चों को हो सकता है। 


रीजेंसी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल (Regency Super Specialty Hospital) लखनऊ के गैस्ट्रोएन्टेरोलॉजी (Gastroenterology) कंसल्टेंट एमडी, डीएम डॉ प्रवीण झा ने कहा विभिन्न अध्ययनों से पता चला है कि एंडोक्राइन-डिस्रप्टिंग केमिकल्स (endocrine-disrupting chemicals) जैसे प्लास्टिक, फ्लेम रिटरडेंटस, खतरनाक धातु, पीएफए, ऑर्गनोक्लोरिन, और ऑर्गनोफॉस्फेट कीटनाशक, प्लास्टिसाइजऱ (phenols, phthalates), पीबीडीई, और पैराबेंस बच्चों में लीवर की बीमारियों और लीवर फेलियर की संभावना और खतरे को बढ़ाते हैं। इस तरह का खतरा बच्चों के लिए तब शुरू हो जाता है जब वह माँ के पेट में रहता है। इसलिए गर्भावस्था (pregnancy) के दौरान महिला को ऐसे केमिकल के संपर्क में आने से बचना चाहिए जो बच्चों में लीवर की बीमारी और लीवर फेलियर की संभावना बढ़ा सकती है। 

कई नवजात (new born) शिशु लीवर से संबंधित बीमारियों से पीडि़त होते हैं। यह महत्वपूर्ण है कि अपने बच्चे का ब्लड टेस्ट (blood test) कराएं। इस तरह के ब्लड टेस्ट को स्प्लिट बिलीरुबिन कहा जाता है। इस टेस्ट में बच्चे के खून में संयुग्मित और असंयुग्मित बिलीरुबिन लेवल (bilirubin levels) के अनुपात को मापा जाता है। यदि संयुग्मित भाग कुल बिलिरुबिन के 20 प्रतिशत से कम है, तो यह संकेत देता है कि इसके कारणों में लिवर से जुड़ी बीमारी नहीं है। वायरस के खिलाफ टीकाकरण कराना चाहिए नहीं तो ऐसे वायरस लीवर को नुकसान पहुंचा सकता है। बच्चों को हेपेटाइटिस ए और बी टीका लगवाना चाहिए।


कई अलग-अलग प्रकार की चोट या बीमारी के कारण भी लीवर फेलियर होता है। कई बार लीवर फेलियर के  कारण का पता भी नहीं चल पाता है। एक्यूट लीवर फेलियर (लीवर अचानक खराब होना) के कुछ ज्ञात कारणों में वायरस जैसे हर्पीज ((HSV), एपस्टीन-बार वायरस (EBV), साइटोमेगालोवायरस (सीएमवी) या हेपेटाइटिस (hepatitis) ए, बी और ई आदि शामिल होते हैं। 


कई अन्य वायरस हैं जो एक्यूट लीवर फेलियर का कारण बन सकते हैं। कुछ ऐसे भी वायरस हैं जिन्हें खोजा नहीं गया है। इनहेरिटेड मेटाबॉलिक डिसऑर्डर (inherited metabolic disorders), जैसे कि गैलेक्टोसिमिया, टाइरोसिनेमिया, हेरेडिट्री फ्रुक्टोज इन्टॉलरेंस (एचएफआई), विल्सन रोग (शरीर के कुछ हिस्सों में बहुत अधिक तांबा होना) और माइटोकॉन्ड्रियल रोग; विषाक्त पदार्थ, जैसे कुछ जंगली मशरूम, चूहे का जहर, कीट नाशक, खरपतवार नाशक, और कुछ सॉल्वैंट्स या क्लीनर; कुछ दवाएं, जैसे एरिथ्रोमाइसिन, वैल्प्रोइक एसिड या बहुत ज्यादा एसिटामिनोफेन; इम्यून सिस्टम (Immune system) की समस्याएं, जैसे ऑटोइम्यून हेपेटाइटिस और लीवर में कम रक्त प्रवाह से होने वाले हार्ट फेलियर, ट्रॉमा या ब्लड वेसेल्स के ब्लॉक होने के कारण भी लीवर फेलियर की घटनाएं होती हैं।


नवजात शिशुओं में कोलेस्टेसिस (Cholestasis) होना भी काफी सामान्य बात हो चुकी है। कोलेस्टेसिस होने पर लीवर की कोशिकाएं बिलीरुबिन को ठीक से प्रोसेस करती हैं, लेकिन लीवर कोशिकाओं और डुओडेनम (duodenum) के बीच किसी बिंदु पर पित्त का उत्सर्जन बाधित होता है। इससे खून में संयुग्मित बिलीरुबिन के लेवल में वृद्धि होती है और छोटी आंत में पित्त की कमी होती है। 


कोलेस्टेसिस के लक्षण आमतौर पर नवजात शिशु के जीवन के पहले 2 हफ्तों के दौरान नज़र आते हैं। कोलेस्टेसिस से पीड़ित शिशुओं को पीलिया होता है और अक्सर उनका मूत्र गहरे रंग का होता है, उनका मल हल्के रंग का और लीवर बढ़ा हुआ होता है। त्वचा में बिलीरुबिन से खुजली हो सकती है, जिससे छोटे बच्चे चिड़चिड़े हो जाते हैं।

रीजेंसी सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल, लखनऊ के गैस्ट्रोएन्टेरोलॉजी कंसल्टेंट, एमडी, डीएम, डॉ अनुराग मिश्रा ने इस मुद्दे पर बात करते हुए बताया, "लीवर की बीमारी किस कारण से हुई है अगर उस कारण का पता लगा लिया जाए तो बच्चे पूरी तरह से ठीक हो सकते हैं। कारणों का पता चलने से बच्चे में लीवर फेलियर या सिरोसिस होने से बचाया जा सकता हैं। अगर लीवर की बीमारियों का समय पर डायग्नोसिस और इलाज नहीं किया जाता है, तो लीवर की बीमारी गंभीर और जानलेवा हो जाती है जिन नवजात बच्चों का अक्सर इलाज नहीं किया जाता है, वे 1 वर्ष की आयु तक लीवर फेलियर से मर जाते हैं। 


जिन शिशुओं में बिलियरी एट्रेसिया होता है, उनका इलाज पोर्टोएंटेरोस्टॉमी (कसाई प्रक्रिया) नामक एक सर्जिकल प्रक्रिया से किया जाता है। यह प्रक्रिया बच्चे के जीवन के पहले "1 से 2 महीने" में की जानी चाहिए। इस प्रक्रिया के दौरान, छोटी आंत का एक हिस्सा लीवर के एक क्षेत्र से जुड़ा होता है ताकि पित्त छोटी आंत में जा सके। जिन बच्चों में इस प्रक्रिया से लाभ नहीं मिलता है उनके लिए लीवर ट्रांसप्लांट कराने की जरूरत पड़ सकती है।

WHAT'S YOUR REACTION?

  • 1
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0

COMMENTS

राष्ट्रीय

COVID-19 के 28,903 नए मामले आए सामने।  

रंजीव ठाकुर March 18 2021 6138

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के अनुसार, भारत में कल तक कोरोना वायरस के लिए कुल 22,92,49,784

राष्ट्रीय

कोविड खत्म नहीं हुआ, कोविड उपयुक्त व्यवहार का पालन करें: डॉ मंडाविया

एस. के. राणा June 14 2022 7184

डॉ मंडाविया ने कहा कि टेस्ट, ट्रैक, ट्रीट, यानी जांच, पहचान, उपचार, टीकाकरण और कोविड उपयुक्त व्यवहार

राष्ट्रीय

हिमाचल में कोरोना के 50 पॉजिटिव केस

हे.जा.स. March 12 2023 5169

हिमाचल प्रदेश की करें तो इस समय प्रदेश में कोरोना के कुल 50 एक्टिव केस हैं। हमीरपुर में 4, कांगड़ा

राष्ट्रीय

बीपीकॉन-2022: भारत में उच्च रक्तचाप की वर्तमान स्थिति और इसके अधिक बेहतर नियंत्रण पर हुई चर्चा

रंजीव ठाकुर September 10 2022 11695

इंडियन सोसायटी ऑफ हाइपरटेंशन की अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी बीपीकॉन 2022 का आरम्भ अटल बिहारी वाजपेई कंवे

सौंदर्य

सनस्पॉट्स हटाकर ख़ूबसूरत बने, अपनाएं घरेलू उपाय

सौंदर्या राय June 27 2022 8723

वैसे तो सनस्पॉट्स शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकता है, अगर यह चेहरे पर हुआ तो सारी ख़ूबसूरती को बिग

स्वास्थ्य

सूरजमुखी के बीज में है सेहत का खजाना

आरती तिवारी September 30 2022 27906

सूरजमुखी एक वानस्पतिक पौधा है। अंग्रेजी में इसे सनफ्लॉवर कहा जाता है। आयुर्वेद में इसे औषधि माना जा

स्वास्थ्य

जननांगों में क्लेमायडिया के लक्षणों की पहचान करें।

लेख विभाग December 11 2021 19544

75% महिलाओं में क्लेमायडिया संक्रमण होने तक कोई लक्षण दिखाई नहीं देते | इसीलिए समय से इलाज़ करवाने क

स्वास्थ्य

नाक बंद, सिर दर्द, सर्दी-जुकाम से हैं परेशान, तो अपनाएं ये घरेलू नुस्खे

लेख विभाग December 17 2022 11905

ठंड में चलने वाली हवा कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का कारण बनती है। कई बार तो इससे सिर में दर्द तक ह

स्वास्थ्य

भारत ने जॉनसन एंड जॉनसन के एक खुराक वाले कोविड-19 रोधी टीके को दी मंजूरी।

admin August 11 2021 34

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि भारत में जॉनसन एंड जॉनसन के एक खुराक वाले कोविड-

उत्तर प्रदेश

बच्चों की इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए दवा की जरूरत नहीं : डॉ. सलमान 

हुज़ैफ़ा अबरार June 13 2021 7699

पौष्टिक खान-पान और स्वस्थ जीवनशैली से इम्यूनिटी स्वतः मजबूत होती है | घर का बना हुआ खाना बच्चों को द

Login Panel