- डा. ऋषिकेश, स्त्री रोग एवं इंफर्टीलिटी विषेशज्ञ,
ब्लूम आईवीएफ सेंटर फोर्टिस लाफेम अस्पताल
एवं लीलावती अस्पताल मुम्बई
मां बनने और एक नयी जिन्दगी को इस संसार में लाने का सुख किसी भी महिला के जीवन का परम सुख कहा जा सकता है। ऐसी कुछ समस्याएं हैं जो कि महिलाओं की प्रजनन क्षमता को प्रभावित करती हैं। पीसीओडी यानी पॉली-सिस्टिक ओवेरियन बीमारी उनमें से एक है। यह बांझपन समस्या से ग्रस्त महिलाओं में सामान्य रुप से पायी जाती हैं। इससे शरीर में हारमोनल बदलाव आने से अंडे पैदा करने की क्षमता और गर्भाधान के लिये यूटरस को तैयार करने की प्रक्रिया पर प्रभाव पड़ता है। यह देश में प्रजनन आयु वाली करीब 10 प्रतिशत स्त्रियों को प्रभावित करती है। इसका मुख्य कारण शरीर में हारमोन का असंतुलन है।पीसीओएस या पीसीओडी एक ऐसी बीमारी है जिसमें ओवरी में कई तरह से सिस्ट्स और थैलीनुमा कोश उभर जाते हैं जिसमें एक तरल पदार्थ भरा होता है। पीसीओडी से ग्रस्त मरीज में हारमोन का असामान्य स्तर पैदा हो जाता है। यह एनोवाल्यूटरी बांझपन का सबसे मुख्य कारण है। यदि इसको शुरुआती चरणों में ठीक नहीं किया गया तो इससे महिलाओं के शरीर और रंग-रुप में खतरनाक बदलाव आ जाते हैं। बाद के चरणो में इस समस्या से कई गंभीर बीमारियां पैदा हो सकती हैं जिसमे मधुमेह और हृदय रोग शामिल हैं।
यह शरीर के हारमोनल मार्ग को बाधित कर देते हैं जो कि अन्डों को पैदा कर यूट्रस को गर्भाधान के लिये तैयार करते हैं। पीसीओएस से ग्रस्त महिलाओं के शरीर में अत्यधिक मात्रा में इंसुलिन का उत्पादन होता है। इंसुलिन की अधिक मात्रा के चलते उनके शरीर में पुरुष हारमोन और एंड्रोजेंस के उत्पादन की मात्रा खासी बढ़ जाती है। अत्यधिक पुरुष हारमोन इन महिलाओं में अंडे पैदा करने की प्रक्रिया को शिथिल कर देते हैं। इसका परिणाम होता है कि महिलाएं जिनकी ओवरी में पॉलीसिस्ट होता है उनके शरीर में अंडे पैदा करने की क्षमता कम हो जाती और गर्भधारण नहीं कर पाती। पीसीओडी से ग्रस्त अधिकतर महिलाओंं में यूट्रस से असमान्य रक्तस्राव और सामान्य महावारी रक्तस्राव की कमी, अत्यधिक मोटापा वह भी कमर के चारो ओर अधिक वजन बढऩे से पीसीओडी जैसी बीमारी होने की संभावना बढ़ जाती है। यह पाया गया है कि मात्र 50 प्रतिशत मामलों में मोटापे से ग्रस्त महिलाओं को पीसीओडी की समस्या होती है। कील मुहांसे, तैलीय त्वचा, चेहरे, छाती, पेट, पीठ, अंगूठे पर अधिक बाल आना और गंजापन ऐसे कुछ लक्षण है जिन्हें सामान्य रूप से पीसीओडी से जोड़ कर देखा जाता है । पालीसाइस्टिक ओवरी, चाहे वह ओवरीयन में बढ़ोतरी के साथ हो या न हो, इंसुलिन प्रतिरोधकता, माहवारी में असमान्यता तिथि आदि लक्षणों से इस बीमारी का पता चलता है।
एस. के. राणा March 06 2025 0 23865
एस. के. राणा March 07 2025 0 23754
एस. के. राणा March 08 2025 0 22200
हुज़ैफ़ा अबरार March 03 2025 0 19425
यादवेंद्र सिंह February 24 2025 0 17649
हुज़ैफ़ा अबरार March 20 2025 0 15207
सौंदर्या राय May 06 2023 0 80574
सौंदर्या राय March 09 2023 0 85301
सौंदर्या राय March 03 2023 0 84099
admin January 04 2023 0 85593
सौंदर्या राय December 27 2022 0 74865
सौंदर्या राय December 08 2022 0 64435
आयशा खातून December 05 2022 0 118326
लेख विभाग November 15 2022 0 87802
श्वेता सिंह November 10 2022 0 101067
श्वेता सिंह November 07 2022 0 86126
लेख विभाग October 23 2022 0 71240
लेख विभाग October 24 2022 0 72791
लेख विभाग October 22 2022 0 79845
श्वेता सिंह October 15 2022 0 86121
श्वेता सिंह October 16 2022 0 80795
जब लांग टर्म तक थेरेपी देनी होती है तो कुछ दिनों बाद इसको रुक रुक कर देते हैं जिसे पल्स थेरेपी कहते
स्टेशन पर तैनात अधिकारियों और ट्रेनों में चेकिंग स्टाफ को इस बात की हिदायत दी गई है कि वे यह सुनिश्च
महिलाओं में जंक फूड खाने से शरीर में हार्मोन में असंतुलन पैदा होने लगता है, जिसकी वजह से चेहरे पर अन
प्रदेश में कोरोना संक्रमण का पहला मामला 15 मार्च 2020 को मिला था। इसके बाद से प्रदेश में संक्रमण का
गर्म पानी पीने से पाचन तंत्र बेहतर होता है और डिहाईड्रेशन की दिक्कत नहीं होती है। पूरे दिन गर्म पानी
नीति आयोग ने सरकारी कंपनियों के विनिवेश के लिए कुछ शर्तें तय की हैं. इसके आधार पर सरकार ने 2016 से 3
बच्चों के लिए भारत बायोटेक के कोवैक्सिन के डेटा का मूल्यांकन किया जा रहा है। डीसीजीआई से अंतिम मंजूर
कोरोना के कहर के बाद मंकीपॉक्स ने देश की चिंता को बढ़ा दी है। वहीं मंकीपॉक्स से संक्रमित ठीक हुए मरी
कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के अंतर्गत हैलट अस्पताल में 80 लाख रुपए की लागत से एक नेत्र बैंक बनन
अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार प्रदेश में संक्रमण कम होने
COMMENTS