देश का पहला हिंदी हेल्थ न्यूज़ पोर्टल

राष्ट्रीय

एडवांस्ड ओवरियन कैंसर की मरीज सर्जरी के बाद कैंसरमुक्त। 

मैक्स हॉस्पिटल में हम सीआरएस और एचआईपीईसी सर्जरी के जरिये एडवांस्ड कैंसर के लगभग 150 मामलों का सफल इलाज कर चुके हैं और अल्पकालीन तथा दीर्घकालीन दोनों स्थिति में इसके अच्छे परिणाम मिले हैं।

रंजीव ठाकुर
March 14 2021 Updated: March 14 2021 00:56
0 23745
एडवांस्ड ओवरियन कैंसर की मरीज सर्जरी के बाद कैंसरमुक्त।  प्रतीकात्मक

लखनऊ। सितंबर 2016 में स्वस्थ दिखने वाली 48 वर्षीया अंजू पंसारी ने पेट में गंभीर गड़बड़ी और पेट फूला रहने की शिकायत की। हालांकि इससे पहले उन्हें किसी तरह की कोई बीमारी नहीं हुई थी। वह और उसके परिवार वालों को इस बात का अंदाजा तक नहीं था कि उसे तीसरे चरण के सी ओवरियन कैंसर के रूप में इतनी गंभीर बीमारी भी हो सकती है और यह उसके पेट में व्यापक रूप से फैल चुकी है। अपने क्षेत्र के कुछ डॉक्टरों से परामर्श लेने के बाद भी उसकी स्थिति नहीं सुधरी लेकिन उसके परिवारवालों ने उम्मीद नहीं छोड़ी और चेकअप के लिए मरीज को साकेत, नई दिल्ली स्थित मैक्स सुपर स्पेशियल्टी हॉस्पिटल ले गए।

मैक्स के सर्जनों को मरीज में एडवांस्ड ओवरियन कैंसर का पता चला जो उसके पेट (पेरिटोनियम) को सुरक्षा कवर देने वाली बारीक झिल्ली तक फैल चुका था। कैंसर के तेजी से फैल जाने का ख्याल रखते हुए दिल्ली स्थित मैक्स इंस्टीट्यूट ऑफ़ कैंसर केयर के चेयरमैन डॉ. हरित चतुर्वेदी के नेतृत्व में आन्कोलॉजिस्ट टीम ने साइटोरिडक्टिव सर्जरी (सीआरएस) के जरिये दो चरणों की नोवल प्रक्रिया से इलाज और इसके बाद मरीज को हाइपरथर्मिक इंट्रापेरिटोनियल कीमोथेरापी देने का फैसला किया। यह प्रक्रिया एडवांस्ड कोलोरेक्टल कैंसर, एपेंडिसियल, प्राइमरी पेरिटोनियल और कुछ अन्य असाध्य स्थितियों से पीड़ित ऐसे मरीजों को बचाने के लिए सर्वश्रेष्ठ इलाज पद्धति है।
 
इस प्रक्रिया के बारे में डॉ. हरित चतुर्वेदी बताते हैं, 'पेरिटोनियम का कैंसर, चाहे वह पेरिटोनियम से ही उत्पन्न हुआ हो या ओवरी, कोलोन, पेट आदि से फैला हो, पहले असाध्य रोग माना जाता था। सीआरएस और एचआईपीईसी के आविष्कार के बाद दुनिया बहुत आगे निकल चुकी है। इन दोनों तकनीकों ने हमें कैंसर पर बेहतर नियंत्रण पाने का अवसर दिया है। पिछले सात वर्षों के दौरान मैक्स हॉस्पिटल में हम सीआरएस और एचआईपीईसी सर्जरी के जरिये एडवांस्ड कैंसर के लगभग 150 मामलों का सफल इलाज कर चुके हैं और अल्पकालीन तथा दीर्घकालीन दोनों स्थिति में इसके अच्छे परिणाम मिले हैं।

मैक्स सुपर स्पेशियल्टी हॉस्पिटल, दिल्ली में कैंसर केयर/आन्कोलॉजी विभाग के एसोसिएट निदेशक डॉ. देवव्रत आर्या ने कहा, 'साइटोरिडक्शन के बाद हाइपरथर्मिक इंट्राआपरेटिव कीमोथेरापी (एचआईपीईसी) दी जाती है जिसमें मेडिकल आन्कोलॉजिस्ट 90 मिनट तक 42 डिग्री तापमान पर कीमोथेरापी दवा मिश्रित गर्म लेप पेट पर लगाए रहते हैं ताकि अदृश्य कैंसर कोशिकाओं पर यह असर कर सके और बेहतर रोग नियंत्रण मिल सके। उच्च तापमान पर लेप को गर्म कर इसे एक निर्धारित समय तक लगाए रखने से इसकी प्रभावशीलता बढ़ जाती है। इससे कीमोथेरापी के दौरान कैंसर कोशिकाओं पर ज्यादा असर पड़ता है। बेहतर अवशोषण से ट्यूमर के आसपास मौजूद स्वस्थ टिश्यू पर कीमोथेरापी का दुष्प्रभाव नहीं पड़ता है और इसका साइड इफेक्ट भी कम हो जाता है। हमें सर्वश्रेष्ठ परिणाम पाने के लिए एचआईपीईसी के बाद एक और कीमोथेरापी जारी रखना चाहिए।'

मैक्स सुपर स्पेशियल्टी हॉस्पिटल, दिल्ली में कैंसर केयर/आन्कोलॉजी के एसोसिएट निदेशक डॉ. असित अरोड़ा ने कहा, 'सीआरएस और एचआईपीईसी एक लंबी सर्जरी है जिसमें 6 से 12 घंटे लग जाते हैं। मरीज को एथेस्थेसिया, कार्डियोलॉजी, नेफ्रोलॉजी और अन्य विभागों की टीम के साथ समन्वय बनाने के लिए तैयार रहना पड़ता है। सर्जिकल टीम सुनिश्चित करती है कि कीमोथेरापी से पहले मरीज कोई अन्य बीमारी न रहे। मल्टीस्पेशियल्टी अस्पताल में इस तरह के गंभीर मामले टीम के लिए ज्यादा मुश्किलभरा नहीं होता है और अच्छे परिणाम मिल जाते हैं।'

साइटोरिडक्शन पद्धति के बारे में मैक्स सुपर स्पेशियल्टी हॉस्पिटल, दिल्ली में कैंसर केयर/आन्कोलॉजी की कंसल्टेंट डॉ. अदिति चतुर्वेदी ने कहा, 'मैक्स में बड़ी सर्जिकल आॅन्कोलॉजी टीम होने के कारण जटिल मामले भी आसान हो जाते हैं। टीम का हर सदस्य एक—दूसरे की सुविधा का ख्याल रखता है। ट्यूमर बोर्ड हमें यह सुनिश्चित करने में मदद करता है कि हम प्रत्येक मरीज के इलाज के लिए सर्वश्रेष्ठ विकल्प आजमाने में सक्षम हैं।'

पेरिटोनियम कैंसर के मामले बहुत कम ही होते हैं और दुनिया में इसके इलाज की बहुत अच्छी व्यवस्था नहीं है। पेरिटोनियल कैंसर के इलाज में पेरिटोनियल सरफेस आॅन्कोलॉजी अत्यंत विशिष्ट शाखा मानी जाती है। मैक्स सुपर स्पेशियल्टी हॉस्पिटल में साइटोरिडक्शन और एचआईपीईसी सर्जरी की उपलब्धता पेरिटोनियम कैंसर के चौथे चरण में पहुंच चुके मामलों के लिए वरदान साबित हुई है।

WHAT'S YOUR REACTION?

  • 1
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0

RELATED POSTS

COMMENTS

उत्तर प्रदेश

सीतापुर में बुखार का कहर, रोज बढ़ रही मरीजों की संख्या

श्वेता सिंह August 28 2022 26141

यहां के जगदेवा, फखरपुर, देवरिया, फरीदपुर सहित कई गांवों में 100 से अधिक लोग बीमार हैं। जानकारी के अन

उत्तर प्रदेश

ट्रांसप्लांट के लिए, लिवर को खरीदा या बेचा नहीं जा सकता: डॉ आशीष कुमार मिश्रा

रंजीव ठाकुर May 21 2022 38283

डॉक्टर अपनी मर्जी से किसी का लिवर ट्रांसप्लांट नहीं कर सकते हैं। इसके लिए राज्य और केन्द्र सरकार की

राष्ट्रीय

दिल्ली में डेंगू के मामलों में आई गिरावट

विशेष संवाददाता December 01 2022 26508

दिल्ली में पिछले साल नवंबर तक 8,276 मरीज डेंगू से पीड़ित थे। जबकि, इस बार यह संख्या 50 फीसदी भी पार

रिसर्च

Oxygen administration during surgery and postoperative organ injury: observational cohort study

British Medical Journal March 03 2023 50256

Increased supraphysiological oxygen administration during surgery was associated with a higher incid

अंतर्राष्ट्रीय

दुनिया की सबसी महंगी दवा को मंजूरी, एक डोज की कीमत 28.51 करोड़ रुपये

हे.जा.स. November 27 2022 23978

अमेरिका के फेडरल ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने दुनिया की सबसे महंगी दवा को मान्यता दे दी है। इस दवा क

उत्तर प्रदेश

डेंगू का कहर, 24 घंटे में आए 42 केस

आरती तिवारी October 07 2022 25595

राजधानी में डेंगू का कहर बढ़ता जा रहा है। पिछले 24 घंटे में 42 नए मामले सामने आए है। बलरामपुर अस्पत

राष्ट्रीय

पिछले 24 घंटों में 37,379 लोग हुए कोरोना संक्रमित, छह दिनों में नए मरीजों की संख्या में छह गुना की बढ़ोत्तरी

एस. के. राणा January 04 2022 22356

भारत में कोरोना के नए मरीजों के मिलने की रफ्तार तेज होती जा रही है। कोरोना के सक्रिय मामलों ने भी सर

स्वास्थ्य

बदलते मौसम में ऐसे करें सर्दी जुकाम से बचाव।

लेख विभाग October 21 2021 15443

मौसम बदल रहा है इसलिए ठण्डा पानी पीने से बचें। जितना हो सके हल्का गुनगुना करके ही पानी पीते रहें। इस

उत्तर प्रदेश

एमडीआर टीबी की 10 नई दवाओं पर चल रहा शोध: डॉ दिगम्बर बेहरा

रंजीव ठाकुर May 29 2022 25019

डॉ. पुरी ने कहा कि देश में टीबी के कुल मरीजों में से 25 प्रतिशत उत्तर प्रदेश के हैं, जो चिंताजनक है।

राष्ट्रीय

भारतीय सेना चिकित्सा कोर के कोविड योद्धाओं ने बढ़ाई सार्वजनिक जागरूकता।

admin August 11 2021 22799

सेना चिकित्सा कोर केंद्र एवं कॉलेज लखनऊ के ऑफिसर्स ट्रेनिंग कॉलेज ने अपना 52वां स्थापना दिवस मनाया।

Login Panel