नई दिल्ली। शोधकर्ताओं ने कोरोनावायरस से संक्रमित लोगों से एकत्र किए गए आंकड़ों के आधार पर पाया है कि टीकाकरण कोविड-19 संक्रमण के लंबे प्रभावों को कम करने में मदद कर सकता है। एक इजरायली रिपोर्ट सामने आई है जो दर्शाती है कि फाइजर-बायोएनटेक वैक्सीन (Pfizer-BioNTech Vaccine) की दोनों खुराक के साथ टीकाकरण करने वाले लोगों की तुलना में लंबे समय तक कोविड की रिपोर्ट करने की संभावना बहुत कम थी।
स्टडी, जिसकी अभी समीक्षा की जानी है, ने दिखाया कि जो लोग कोविड -19 से संक्रमित और टीका लगाए गए हैं, वे उस बीमारी से पूरी तरह से ठीक हो सकते हैं, जिसमें उस व्यक्ति की तुलना में अधिक लक्षण नहीं दिख रहे हैं, जिसे कभी कोविड नहीं हुआ है।
नेचर जर्नल में प्रकाशित इजरायली अध्ययन के शोधकर्ताओं ने 3,000 से अधिक लोगों के नमूने लिए, जिनसे उन्होंने पूछा कि क्या वे लंबे कोविड के किसी भी लगातार लक्षण का अनुभव कर रहे हैं। डेटा जुलाई और नवंबर 2021 के बीच उन लोगों से एकत्र किया गया था, जिन्होंने मार्च 2020 और नवंबर 2021 के बीच कोविड का परीक्षण किया था।
महामारी विज्ञानी सह-लेखक माइकल एडेलस्टीन ने कहा, "यदि आपको इसकी आवश्यकता है, तो टीकाकरण करने का एक और कारण यहां दिया गया है।"
लॉन्ग कोविड क्या है?
लॉन्ग कोविड (Long Covid) यानि कोरोना से ठीक होने के बाद भी लंबे समय तक इसका प्रभाव शरीर के अन्य हिस्सों में महसूस किया जाता है। जैसे- थकान, सांस की तकलीफ, एकाग्रता में कठिनाई या 'ब्रेन फॉग'।
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