लखनऊ। दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार के द्वारा दिनांक 17-6-21 को जन्म से 6 वर्ष तक की आयु वाले बच्चों में दिव्यांगता के लक्षणों की शीघ्र पहचान एवं शीघ्र हस्तक्षेपण हेतु भारत में 14 शीघ्र अर्ली इंटरवेंशन का वर्चुअल उदघाटन केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ० थावर चन्द गहलोत के कर कमलों द्वारा किया गया। कार्यक्रम में केंद्रीय राज्य मंत्री रतन लाल कटारिया, रामदास आठवले, कृष्णपाल गुर्जर एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग श्रीमती अंजली भावरा तथा संयुक्त सचिव श्रीमती तारिका रॉय की गरिमामयी उपस्थिति रही।
इन 14 शीघ्र हस्तक्षेप केंद्रों में से एक शीघ्र हस्तक्षेप केंद्र उत्तर प्रदेश के लखनऊ जनपद में स्थित समेकित क्षेत्रीय कौशल विकास, पुनर्वास एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण केंद्र में स्थापित किया गया है, जिसके वर्चुअल उद्घाटन के उपरान्त डॉ० एस० के ० श्रीवास्तव, राज्य आयुक्त दिव्यांगजन, उत्तर प्रदेश ने वास्तविक निरीक्षण कर केंद्र में प्रदान की जाने वाले सुविधाओं के बारे में जानकारी प्राप्त की। इस अवसर पर श्री रमेश पांडेय, निदेशक, समेकित क्षेत्रीय कौशल विकास, पुनर्वास एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण केंद्र, लखनऊ ने कहा कि शीघ्र हस्तक्षेप केंद्र में प्रदान की जाने वाली सुविधाओं को उत्तर प्रदेश के सुदूर ग्रामीणांचल से सम्बंधित लाभाग्रहियों से जोड़ा जायेगा, जिससे प्राथमिक स्तर पर दिव्यांगता की रोकथाम की जा सके।
उन्होंने बतया, “कुछ बच्चों में पाया जाता है उम्र बढ़ने के साथ उनमें चलने, बोलने या सुनने समेत मानसिक विकास नहीं हो पाता है। ऐसे विशेष बच्चों के लिए केंद्र सरकार ने सात राष्ट्रीय संस्थानों और सात समग्र क्षेत्रीय केंद्रों में अर्ली इंटरवेंशन सेंटर खोले ये सभी 14 क्रॉस डिसेबिलिटी अर्ली इंटरवेंशन सेंटर दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016 के तहत सभी प्रकार की अक्षमताओं को कवर करते दिव्यांग बच्चों (0-6 वर्ष) के लिए चिकित्सीय, स्वास्थ्यलाभ देखभाल सेवाओं और प्री-स्कूल प्रशिक्षण के लिए सभी सुविधाएं प्रदान करेंगे। ये सभी सेवाएं सुलभ एवं सौंदर्य की दृष्टि से डिजाइन किए गए वातावरण में एक ही जगह प्रदान की जाएंगी।
डॉ रमेश पाण्डेय ने आगे बताया कि शोध अध्ययनों से पता चलता है कि प्रारंभिक बचपन (0-6 वर्ष) उल्लेखनीय मस्तिष्क विकास का समय है। यह महत्वपूर्ण अवधि है जो किसी व्यक्ति की आजीवन स्वास्थ्य, सामाजिक और आर्थिक क्षमता तक पहुंचने की क्षमता को निर्धारित करती है। अपने जीवन के शुरुआती दिनों में गुणवत्तापूर्ण बचपन हस्तक्षेप प्रदान करने से एक स्वतंत्र और सम्मानजनक जीवन जीने में सक्षम होने के लिए आवश्यक कौशल विकसित करने में मदद मिलती है। प्रारंभिक हस्तक्षेप शिशुओं और छोटे बच्चों को जोखिम में या विकलांगता और/या विकासात्मक देरी के साथ और उनके परिवारों के लिए उनके समग्र विकास, कल्याण और पारिवारिक और सामुदायिक जीवन में भागीदारी में मदद करने के लिए विशेष सहायता और सेवाएं प्रदान कर सकता है।
सौंदर्या राय May 06 2023 0 73470
सौंदर्या राय March 09 2023 0 78641
सौंदर्या राय March 03 2023 0 76662
admin January 04 2023 0 76491
सौंदर्या राय December 27 2022 0 67539
सौंदर्या राय December 08 2022 0 56887
आयशा खातून December 05 2022 0 108336
लेख विभाग November 15 2022 0 80587
श्वेता सिंह November 10 2022 0 85749
श्वेता सिंह November 07 2022 0 78578
लेख विभाग October 23 2022 0 63692
लेख विभाग October 24 2022 0 64799
लेख विभाग October 22 2022 0 71409
श्वेता सिंह October 15 2022 0 78129
श्वेता सिंह October 16 2022 0 73802
आगरा में ओपीडी ऑन व्हील की शुरुआत की गई है। वहीं यह शहर से ग्रामीण क्षेत्र तक ओपीडी ऑन व्हील सेवाएं
रोगियों को शिक्षित करने के हमारे सफल प्रयासों का यह परिणाम है। उन्होंने कहा कि अपोलो अस्पताल समूह बह
खीरे को मिनरल, विटामिन और इलेक्ट्रोलाइट्स का पावरहाउस कहा जाता है। खीरे की सबसे बड़ी खासियत ये है कि
फार्मेसिस्ट दिवस पर स्टेट फार्मेसी कॉउंसिल उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व चेयरमैन और फार्मेसिस्ट फेडरेश
एक पूर्ण गर्भावस्था की अवधि 40 हफ्ते (280 दिन) होती है। इस अवधि के दौरान महिलाओं के गर्भ में कई चीज
ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया ओएसए की शिकायत विश्व भर में 100 करोड़ लोगों को है लेकिन ओएसए के 80 प्रतिशत
अपने रूटीन का पूरी तरह ध्यान रखने वाले माइंडसेट के साथ मीरा अच्छी सेहत को बढ़ावा देने वाली दिनचर्या
वर्ष तक के बच्चों व किशोर-किशोरियों को 20 जुलाई को एल्बेन्डाजोल की गोली खिलाई जाएगी। यह जानकारी दी र
पीएमएसएमए दिवस के आयोजन का मुख्य उद्देश्य दूसरी और तीसरी तिमाही की गर्भवती को प्रसव पूर्व कम से कम ए
जानकारी के मुताबिक़ निजी अस्पताल वैक्सीन लगाने के टाइम-टेबल के बारे में पहले से जानकारी नहीं दे रहे ह
COMMENTS