बस्ती। स्वास्थ्य विभाग का एक और कारनामा उजागर हुआ है। जहां भारी मात्रा में सरकारी दवाएं (government drugs) कूड़े की ढेर पर फेंकी गई। फेंकी गई दवाएं साल 2022 में एक्सपायर हो गई थीं। भले ही यूपी सरकार अपने स्वास्थ्य व्यवस्था (health care) को चमकाने के लिए अरबों रुपये खर्च कर रही हो लेकिन इसका असर अस्पतालों में देखने को नहीं मिल रहा है। लापरवाही के आलम तो देखिए इन एक्सपायरी दवाओं को यूं ही फेक दिया गया, और एक्सपायरी दवाओं (expiry drugs) को बच्चें गांव में लेकर घूम रहे थे। बता दें कि भानपुर तहसील के सलतौआ ब्लॉक का पूरा मामला है।
योगी सरकार एक ओर राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं के बेहतर होने का दावा कर रही है, वहीं दूसरी तरफ अलग ही तस्वीर नजर आ रही है। सवाल ये उठता है कि सरकार जिन जीवन रक्षक दवाओं (life saving drugs) को लाखों रुपये खर्च करके खरीदती है, ताकि गरीब लोगों के स्वास्थ्य को सुधारा जा सके, उनकी जान को बचाया जा सके, वहीं जीवन रक्षक दवाएं बस्ती के अस्पताल में कूड़े के ढेर की तरह फेंक दी जाती हैं। ये दवाएं गरीबों को मिल तक नहीं पाती और विभागीय जिम्मेदार लोग इन दवाईयों को कूड़े की तरह पटक देते हैं।.
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