देश का पहला हिंदी हेल्थ न्यूज़ पोर्टल

शिक्षा

देश में डॉक्टरी की प्रैक्टिस करने के लिए, विदेश के मेडिकल डिग्रीधारकों को एफएमजीई परीक्षा पास करना जरूरी 

विदेश में मेडिकल की पढ़ाई पूरी करने वाले छात्रों को भारत में सीधे डॉक्टरी की प्रैक्टिस करने की अनुमति नहीं मिलता है। इसके लिए छात्रों को फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट्स एग्जामिनेशन में सफलता प्राप्त करना होता है। 

अखण्ड प्रताप सिंह
March 01 2022 Updated: March 01 2022 04:09
0 21874
देश में डॉक्टरी की प्रैक्टिस करने के लिए, विदेश के मेडिकल डिग्रीधारकों को एफएमजीई परीक्षा पास करना जरूरी  प्रतीकात्मक

नयी दिल्ली। यूक्रेन समस्या के बीच भारतीय छात्रों को लेकर चर्चाएं जारी हैं। हर साल भारत के हजारों छात्र यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई करने जाते हैं। कई अन्य देश भी ऐसे हैं, जहां भारत के छात्र, वर्तमान में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं। इसका मुख्य कारण नीट परीक्षा की कठिन और विदेश में मिलने वाली सस्ती तथा उच्च स्तरीय पढ़ाई है। 

विदेश में मेडिकल की पढ़ाई पूरी करने वाले छात्रों को भारत में सीधे डॉक्टरी की प्रैक्टिस करने की अनुमति नहीं मिलता है। इसके लिए छात्रों को एफएमजीई (फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट्स एग्जामिनेशन) में सफलता प्राप्त करना होता है। 

जानें एफएमजीई परीक्षा के बारे में - Know about FMGE Exam
एफएमजीई यानी फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट्स एग्जामिनेशन का आयोजन एनबीई (National Examination Board) की ओर से हर साल दो बार किया जाता है। परीक्षा जून और दिसंबर महीने में आयोजित की जाती है। जो भी छात्र विदेशी कॉलेज से मेडिकल की पढ़ाई करते हैं, उन्हें भारत में उच्च शिक्षा और डॉक्टरी (प्रैक्टिसिंग) के लिए इस परीक्षा को पास करना अनिवार्य है। परीक्षा में सफल होने के लिए छात्रों को न्यूनतम 50 फीसदी अंक लाने होते हैं। इस परीक्षा को पास करने वाले छात्रों को  राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (पुराना नाम मेडिकल कॉउंसिल ऑफ़ इंडिया) की ओर स्थायी पंजीकरण प्रदान किया जाता है। 

क्यों जरूरी है एफएमजीई परीक्षा? - Why is FMGE exam important?
कई जानकार बताते हैं कि विदेशों में होने वाली मेडिकल की पढ़ाई के लिए वहां कि विश्वविद्यालय नीट जैसी कोई कठिन परीक्षा का आयोजन नहीं करते हैं। भारत में नीट की परीक्षा में सफल छात्रों को भी अच्छी रैंक लाने पर ही मेडिकल कॉलेजों में दाखिला दिया जाता है। हालांकि, विदेशी विश्वविद्यालयों  में प्रवेश के लिए केवल नीट परीक्षा में सफल होना ही काफी है। अन्य कारण की बात करें तो भारत के स्वास्थ्य व्यवस्था के ढ़ांचे और इसकी जरूरतों के मुकाबले विदेशी व्यवस्था में काफी अंतर है। वहां की जनसंख्या, मौसमी बीमारियों आदि के मुकाबले भी भारत की स्थितियां भिन्न हैं। इन सब कारणों से एफएमजीई परीक्षा की अनिवार्यता और अधिक बढ़ जाती है। 

कौन-कौन से देश हैं पसंद? - Which countries are preffered?
विदेश में मेडिकल की पढ़ाई करने जाने वाले छात्रों की पहली पसंद मुख्यत:  चीन, रूस, यूक्रेन और नेपाल जैसे देश होते हैं। इसका कारण है कि भारत के मुकाबले इन देशों में मेडिकल की पढ़ाई ज्यादा किफायती होती है। हालांकि, इन प्रमुख देशों में पढ़ाई करने वाले छात्रों का असफलता प्रतिशत भी ज्यादा है। फ्रांस, केन्या जैसे देशों में पढ़कर आने वाले छात्रों ने अधिक फीसदी में एफएमजी में सफलता प्राप्त की है।  

क्या है एफएमजीई में सफलता प्रतिशत? - What is the success rate in FMGE?
एनबीई की ओर से कराई जाने वाली एफएमजीई यानी फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट्स एग्जामिनेशन में भाग लेने वाले छात्रों के सफलता प्रतिशत को देखने पर परिणाम चिंता में डालने वाले दिखाई पड़ते हैं। अगर आंकड़ों पर ध्यान दें तो करीब 80 फीसदी छात्र जो विदेशी कॉलेजों से पढ़ाई कर के एफएमजीई परीक्षा में भाग लेते हैं, वह सफल नहीं हो पाते। 

क्या है मुख्य समस्या? - Main cause
जब छात्र देश के बाहर जाकर शिक्षा प्राप्त करते हैं तो छात्रों को समस्याएं तो होती ही हैं, साथ ही देश को आर्थिक घाटा भी झेलना पड़ता है। इसके साथ ही बड़ी रकम खर्च कर के पढ़ाई पूरी करने वाले छात्रों को एफएमजीई में बार-बार असफलता मानसिक रूप से परेशान भी कर देती है। वर्तमान में भारत में मेडिकल कॉलेजों की संख्या 600 के करीब हैं और इनमें 1.5 लाख के लगभग सीटें उपलब्ध हैं। वहीं, अगर साल 2021 की बात करें तो नीट यूजी परीक्षा के लिए 16 लाख से अधिक छात्रों ने आवेदन किया था। यह आंकड़ा यह बताने के लिए काफी है कि क्यों छात्र बड़ी संख्या में विदेशों का रुख कर रहे हैं। इसका नतीजा है कि देश में आबादी की जरूरत के मुकाबले डॉक्टरों की संख्या में भारी कमी है। 

WHAT'S YOUR REACTION?

  • 1
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0

COMMENTS

सौंदर्य

त्वचा के लिए फायदेमंद है मुल्तानी मिट्टी

आरती तिवारी August 29 2022 18228

जब आप मु्ल्तानी मिट्टी में शहद मिलाकर लगाते हैं तो इससे स्किन की कई समस्याओं में छुटकारा मिलता है। च

राष्ट्रीय

मरीजों को राहत, राम मनोहर लोहिया अस्पताल में जांच का समय बढ़ा

एस. के. राणा December 13 2022 20051

मिली जानकारी ने मुताबिक लोहिया अस्पताल में शाम 5 बजे तक जांच के सैंपल लिए जाएंगे। इससे मरीजों को निज

स्वास्थ्य

सोशल मीडिया का जरूरत से ज्‍यादा इस्‍तेमाल कैंसर और कार्डियोवैस्कुलर रोगों कारण बन सकता है: शोध

लेख विभाग February 07 2022 14620

सोशल मीडिया के जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल से होने वाले खतरों को लेकर दुनियाभर के वैज्ञानिक आगाह कर रहे

उत्तर प्रदेश

3012 पदों पर कल होगी स्टाफ नर्स की भर्ती। 

हे.जा.स. October 03 2021 10585

प्रयागराज के 40, गाजियाबाद 38, गोरखपुर 43, लखनऊ 57 और मेरठ के 41 समेत 219 केंद्रों पर यह परीक्षा सुब

राष्ट्रीय

हिमाचल में कोरोना के बीते दिन 318 नए मरीज मिले

हे.जा.स. April 03 2023 10043

हिमाचल में कोरोना के मामले लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं। प्रदेश में बीते 24 घंटे के अंदर कोरोना के 318

राष्ट्रीय

आशा के प्रतीक हैं फिजियोथेरेपिस्ट्स: पीएम मोदी

विशेष संवाददाता February 11 2023 13955

प्रधानमंत्री ने देश के फिजियोथेरेपिस्ट्स की जमकर तारीफ की। बोले, 'हमारे फिजियोथेरेपिस्ट्स आज आशा का

उत्तर प्रदेश

निजी अस्पताल में आयुष्मान मरीज से वसूली का आरोप

आरती तिवारी August 29 2023 17205

राजधानी लखनऊ के जानकीपुरम के निजी अस्पताल में आयुष्मान कार्ड धारक मरीज से इलाज के नाम पर वसूली का आर

राष्ट्रीय

एम्स में बंपर भर्ती की तैयारी!

एस. के. राणा March 20 2023 9654

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय देशभर के एम्स में केंद्रीय स्तर पर नियुक्तियां करने पर विचार कर रहा है।

उत्तर प्रदेश

समाज को नशामुक्त कर देश को स्वस्थ बनाएं: डॉ सूर्यकान्त

हुज़ैफ़ा अबरार October 03 2022 17702

नशे के सेवन से बुरी संगत, तनाव, अपराध तथा युवावस्था में भटकाव आदि सामाजिक बुराईयों का जन्म होता हैं

राष्ट्रीय

कफ सिरप बनाने वाली 6 कंपनियों के लाइसेंस सस्पेंड

विशेष संवाददाता March 06 2023 19347

महाराष्ट्र सरकार ने राज्य में कफ सिरप के 108 निर्माताओं में से 84 के खिलाफ जांच शुरू की थी। इनमें से

Login Panel