प्रेगनेंसी (गर्भावस्था) में ब्लड प्रेशर का स्तर बढ़ना चिंता का विषय है। विशेषज्ञों के अनुसार गर्भावस्था के दौरान बीपी बढ़ना प्री एक्लेम्पशिया (pre-eclampsia) हो सकता है।
यदि आप प्रेगनेंट (pregnant) हैं और साथ ही आपको हाई बीपी (high BP) की भी समस्या है तो सम्बंधित डॉक्टर्स (doctors) से समय-समय पर अपनी समस्याओं को बताकर उसका इलाज (treatment) जरूर करायें। इस लेख के द्वारा प्रेगनेंसी में हाई बीपी के कारण, लक्षण, नुकसान और इलाज आदि जैसे बिंदुओं के बारें में बताया गया है।
प्रेगनेंसी में नॉर्मल बीपी - Normal BP during pregnancy
प्रेगनेंसी में नॉर्मल बीपी (ब्लड-प्रेशर) 120 / 80 mmHg होना चाहिए विशेषज्ञों के अनुसार गर्भावस्था में अगर 140/90 mmHg मापा जाता है तो वह हाई बीपी माना जाएगा।
प्रेगनेंसी में 130/90 mmHg से अधिक या शुरुआत से 15 डिग्री ज्यादा है तो यह चिंता का विषय हो सकता है। प्रेगनेंसी में होने वाला यह हाई बीपी सामान्य हाई बीपी से अलग है क्योंकि गर्भावस्था के दौरान रक्त संचरण बढ़ जाता है और हार्मोन्स में कुछ बदलाव आते हैं जिससे रक्त वाहिकाएं (blood vessels) पतली हो जाती हैं और बीपी के स्तर में बदलाव आते रहते हैं।
प्रेगनेंसी में हाई बीपी के प्रकार – Types of high BP during pregnancy
विशषज्ञों का मानना है कि गर्भावस्था के दौरान बीपी के स्तर का बढ़ना तीन तरह का होता है-
1. क्रोनिक हाई बीपी - Chronic hypertension
यदि गर्भ धारण करने से पहले माँ को हाई बीपी की समस्या हो, किडनी की बीमारी हो तब यह स्थिति क्रोनिक हाई बीपी की होती है। गर्भवती होने पर क्रोनिक हाई बीपी वाली कुछ महिलाओं में प्री-एक्लेमप्सिया हो सकता है।
2. गर्भकालीन उच्च रक्तचाप - Gestational Hypertension
इस तरह के हाई बीपी का पता गर्भावस्था के 20 हफ्ते (पाँच महीनों) बाद लगता है।
3. प्री-एक्लेम्पशिया (Pre-eclampsia)
प्री-एक्लेम्पशिया गर्भावस्था के दौरान होने वाली एक गंभीर स्थिति है। हाई बीपी के साथ-साथ यह किडनी, लिवर, रक्त और दिमाग पर भी असर कर सकती है।
प्रेगनेंसी में हाई बीपी के कारण - Causes of high BP during pregnancy
प्रेगनेंसी के दौरान किसी भी गर्भवती को हाई बीपी की समस्या हो सकती है। अगर गर्भावस्था के दौरान हाई बीपी के साथ निम्नलिखित कारणों में से कोई भी स्थिति है तब यह गंभीर स्वास्थ्य समस्या मानी जाएगी।
पहली बार प्रेगनेंट होना भी गर्भावस्था में हाई बीपी का कारण हो सकता है।
प्रेगनेंसी में हाई बीपी के लक्षण - Symptoms of high BP during pregnancy
प्रेगनेंसी में हाई बीपी से माँ-बच्चे को होने वाले नुकसान -Damage to mother and child due to high BP in pregnancy
प्रेगनेंसी में बीपी कैसे कंट्रोल करें - How to control BP in pregnancy?
इस सवाल का जबाव केवल एक कुशल महिला एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ ही दे सकतीं हैं।
हुज़ैफ़ा अबरार March 20 2025 0 2553
हुज़ैफ़ा अबरार March 03 2025 0 10767
एस. के. राणा March 06 2025 0 8103
एस. के. राणा March 07 2025 0 7881
एस. के. राणा March 08 2025 0 6882
आयशा खातून March 06 2025 0 5328
हुज़ैफ़ा अबरार March 03 2025 0 10767
एस. के. राणा March 06 2025 0 8103
एस. के. राणा March 07 2025 0 7881
एस. के. राणा March 08 2025 0 6882
British Medical Journal February 25 2025 0 5661
सौंदर्या राय May 06 2023 0 77133
सौंदर्या राय March 09 2023 0 82415
सौंदर्या राय March 03 2023 0 80547
admin January 04 2023 0 81486
सौंदर्या राय December 27 2022 0 71646
सौंदर्या राय December 08 2022 0 61216
आयशा खातून December 05 2022 0 113331
लेख विभाग November 15 2022 0 84361
श्वेता सिंह November 10 2022 0 94407
श्वेता सिंह November 07 2022 0 82796
लेख विभाग October 23 2022 0 67799
लेख विभाग October 24 2022 0 69239
लेख विभाग October 22 2022 0 75960
श्वेता सिंह October 15 2022 0 82569
श्वेता सिंह October 16 2022 0 77465
मुहांसे होने का मतलब यह बिलकुल नहीं है कि आपकी स्किन गन्दी या अशुद्ध है, बल्कि स्किन को अत्यधिक साफ़
संयुक्त जिला अस्पताल की शर्मनाक तस्वीर सामने आई है। आई फ्लू बीमारी को लेकर डॉक्टरो ने एक नोटिस चस्पा
एएमयू के हकीम अजमल खान तिब्बिया कॉलेज में लीच थेरेपी से इलाज के साथ जोंक की पैदावार भी होगी। अधिक प
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के वैज्ञानिकों ने अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की निगरानी क
प्रदेश में मेडिकल कोर्स के लिए सीटों की संख्या को दोगुनी करने के अलावा राज्य में 6,000 से अधिक डॉक्ट
मैन्युफैक्चरिंग लाइसेंस के डेटा के अनुसार इनमें 3, 349 एलोपैथिक इकाइयाँ, 867 आयुर्वेदिक इकाइयाँ, 665
देश में कोविड वैक्सीन की 200 करोड़ डोज पूरी होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैक्सीन निर्माताओं
देश में बीते 24 घंटे में 83,876) नए मामले सामने आए हैं जो कल की तुलना में लगभग 25 हजार कम हैं। वहीं
जब किसी संक्रमण या चोट के कारण लीवर को क्षति पहुँचती है तब वह बिलीरुबिन को रक्त से अलग नहीं कर पाता
ज्यादातर दुर्लभ बीमारियां आवर्ती आनुवंशिक दोषों के कारण होती है जिनका उपचार काफी महंगा होता है और दे
COMMENTS