देश का पहला हिंदी हेल्थ न्यूज़ पोर्टल

स्वास्थ्य

डायरिया: लक्षण, कारण, निदान, प्रबंधन, रोकथाम

डायरिया आमतौर पर, जठरांत्र संक्रमण (gastrointestinal infection) का लक्षण है, जो कि विभिन्न तरह के वायरल, परजीवी और बैक्टीरिया जीवों के कारण हो सकता है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, डायरिया को प्रतिदिन तीन बार या अधिक ढीली या पतले मल के पारित होने के रूप में परिभषित किया गया है।

लेख विभाग
August 06 2022 Updated: August 06 2022 15:15
0 34758
डायरिया: लक्षण, कारण, निदान, प्रबंधन, रोकथाम प्रतीकात्मक चित्र

सामान्य से अधिक से लगातार मल पारित होने को अक्सर  डायरिया कहा जाता हैं।डब्ल्यूएचओ के अनुसार, डायरिया को प्रतिदिन तीन बार या अधिक ढीली या पतले मल के पारित होने के रूप में परिभषित किया गया है। स्तनपान करने वाले शिशुओं द्वारा उत्सर्जित होने वाला न ही ढीला "चिपचिपा" मल होता हैं और न ही गठन युक्त मल होता हैं।

यह आमतौर पर, जठरांत्र संक्रमण (gastrointestinal infection) का लक्षण है, जो कि विभिन्न तरह के वायरल, परजीवी और बैक्टीरिया जीवों के कारण हो सकता है। यूनिसेफ (UNICEF) की रिपोर्ट के अनुसार, प्रतिवर्ष पांच वर्ष से कम आयु के लगभग 1.3 लाख बच्चों की मृत्यु होने का दूसरा सबसे सामान्य कारण अतिसार या दस्त या डायरिया की बीमारी हैं। इस बीमारी से होने वाली आधे से अधिक मृत्यु केवल पांच देशों में होती हैं, जिनमें भारत, नाइजीरिया, अफगानिस्तान, पाकिस्तान और इथियोपिया शामिल हैं, इन्हें रोका और उपचारित दोनों ही किया जा सकता हैं।

गंभीर दस्त के कारण शरीर में पानी की कमी (loss of water) हो जाती हैं। यह बीमारी विशेष रूप से छोटे बच्चों और कुपोषण (malnourished) के शिकार लोगों तथा कमज़ोर रोगक्षमता से पीड़ित व्यक्तियों के जीवन के लिए ख़तरनाक हो सकती है। इस बीमारी का संक्रमण दूषित भोजन या दूषित पीने के पानी या खराब स्वच्छता के कारण होता हैं, जिसके परिणामस्वरुप यह बीमारी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में प्रसारित हो सकती हैं। दस्त (Diarrhea) दूषित भोजन या दूषित पानी के कारण होता हैं। अक्सर यात्रा करते समय होने वाले डायरिया या दस्त को ट्रैवेलर्स दस्त के नाम से जाना जाता है।

 

डायरिया के लक्षण - Symptoms of diarrhea

  • पतला मल/पतले दस्त।
  • पेट में ऐंठन।
  • पतला या ढीला मल।
  • मल त्याग करने की तात्कालिकता भावना।
  • मतली और उल्टी।

ऊपर वर्णित किए गए लक्षणों के अलावा, जटिल डायरिया/दस्त के लक्षणों में निम्नलिखित शामिल हैं:

  • लगातार डायरिया/दस्त के कारण निर्जलीकरण का होना।
  • मल में खून, बलगम, या अपच भोजन।
  • वज़न में कमी।
  • बुख़ार।

 

डायरिया के कारण - Causes of diarrhea

आमतौर पर डायरिया तब होता है, जब आंत्र की सामग्री द्वारा तरल पदार्थ अवशोषित नहीं किये जाते है या जब आंत में पतले मल के कारण अतिरिक्त द्रव स्रावित होता है।

लघुअवधि का डायरिया: आमतौर पर डायरिया आंत्रशोथ (आंत्र संक्रमण) का लक्षण है। यह निम्नलिखित के कारण हो सकता है:

  • नोरोवायरसया रोटावायरस के कारण हो सकता हैं।
  • जिआरडियाइन्ट्सटाइन्लिस एक तरह का परजीवी होता हैं, जिसके कारण जिआरडिया होता है।
  • कैम्पिलोबैक्टर, क्लोस्ट्रीडियमबेलगाम (सी बेलगाम), कोलाई (ई कोलाई), साल्मोनेला और शिगेला: जैसे बैक्टीरिया के कारण हो सकता हैं। ये सभी विषाक्त भोजन के कारण हो सकते है।

अल्पकालिक दस्त के कारणों में अन्य शामिल हैं:

  • भावनात्मकपरेशानी या चिंता।
  • अत्यधिकमात्रा में कॉफी या शराब का सेवन करना। 
  • किसीभी तरह के खाद्य पदार्थ से होने वाली एलर्जी।
  • पथरी(अपेन्डिक्स की दर्दनाक सूजन)।
  • रेडियोथेरेपीके कारण आंतों की परत का नुकसान होना। 

कभी-कभी दवाओं के दुष्प्रभाव के कारण भी डायरिया हो सकता हैंजैसे कि:

  • एंटीबायोटिक्स।
  • एंटासाइडदवाएं, जिनमें मैग्नीशियम होता हैं।
  • कीमोथेरेपीके लिए उपयोग की जाने वाली कुछ दवाएं।
  • नाँन-स्टेरायडलएंटी- इन्फ्लैमटोरी दवाएं (एनएसएआईडीएस)।
  • सिलेक्टिवसिरोंटोनिन रिअपटेक इन्हिबिटर (एसएसआरएलएस)।
  • स्टैटिन- कोलेस्ट्रॉल - कम करने वाली की दवाएं।
  • लैक्सटिव- यदि कब्ज़ हैं, तो पेट को खाली करने के लिए दी जाती हैं। 

लंबे समय तक - होने वाले डायरिया

  • आंत्रकैंसर - जो दस्त और मल में रक्त का कारण हो सकता है।
  • जीर्णअग्नाशयकोप, अग्न्याशय की सूजन, यह एक छोटा सा अंग है, जो कि हार्मोन और पाचक रस पैदा करता हैं।
  • कोलियकबीमारी,जठरांत्र संबंधी मार्ग विकार (गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल), यह प्रोटीन ग्लूटेन को असहिष्णु करता है।
  • क्रोंसबीमारी - वह स्थिति, जिसमें जठरांत्र संबंधी मार्ग (गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल) की सूजन पैदा होती है। 
  • इरिटेबलआंत्र सिंड्रोम (आईबीएस) - वह ख़राब स्थिति, जिससे आंत्र के सामान्य कार्य बाधित हो जाते हैं।
  • माइक्रस्कापिककोलाइटिस यह आंत की सूजन वाली बीमारी का एक प्रकार होता हैं, जो कि पतले दस्त का कारण बनता है। 
  • अल्सरेटिवकोलाइटिस - वह स्थिति जिसमें कोलोन (बड़ी आंत) को प्रभावित करती है।
  • सिस्टिकफाइब्रोसिस - वह वंशागत स्थिति हैं, जो कि फेफड़ों और पाचन तंत्र को प्रभावित करती है।
  • गैसटैक्टमीके बाद कभी-कभी लगातार डायरिया/दस्त हो सकता हैं।
  • पेटके पीड़ित हिस्से को शल्यक्रिया द्वारा निकाल दिया जाता है, उदाहरण के लिए पेट के कैंसर का उपचार। 
  • बेरिएट्रिकसर्जरी भी कभीकभी दस्त का कारण हो सकती है, (वज़न में कमी के लिए की जाने वाली सर्जरी, जिसका उपयोग अत्यधिक मोटापे से पीड़ित व्यक्तियों के उपचार के लिए अंतिम उपाय के रूप में किया जाता है)

 

डायरिया के निदान - Diagnosis of diarrhea

डायरिया की निम्नलिखित स्थितियों की आगे जाँच की जानी चाहिए:

  • नवजात शिशुओं में।
  • छोटे बच्चों में मध्यम या गंभीर दस्त की स्थिति होने पर।
  • रक्त के साथ जुड़े।
  • गैर - पेट में ऐंठन का दर्द, बुखार, वज़न में कमी आदि से जुड़ा।
  • यात्रियों में।
  • खाना संचालकों द्वारा दूसरों को संक्रमित करने की क्षमता द्वारा।
  • अस्पतालों, शिशु देखभाल केन्द्रों, या वृद्धावस्था और स्वास्थ्य लाभ देने वाले संस्थानों।
  • स्टूल का नमूना: संक्रमण का कारण पता करने के लिए लिया जाता हैं।

1. रक्त परीक्षण - Blood tests

आमतौर पर रक्त परीक्षण सूजन के लक्षणों का परीक्षण करने के लिए किया जाता है, ताकि आंत की सूजन वाली बीमारी का पता भी लगाया जा सकें। डायरिया/दस्त होने के कारण अभी तक स्पष्ट नहीं है, इसलिए रोगी को आगे की जांच करवाने के लिए सलाह दी जा सकती है।

2. सिगमाइडोस्कोपी - Sigmoidoscopy

इस यंत्र को सिगमाइडोस्कोपी कहा जाता हैं, (यह यंत्र एक पतली और लचीली ट्यूब होती हैं, जिसके एक छोर पर एक छोटा कैमरा और अंतिम छोर पर प्रकाश लगा होता हैं)। इस यंत्र को मलाशय में डाला जाता है तथा मलाशय से सिगमाइ कोलोन (अवग्रह बृहदान्त्र) तक के अंतिम भाग की पड़ताल की जाती हैं।

3. कोलोनोस्कोपी - Colonoscopy

इस यंत्र की  प्रक्रिया सिगमाइडोस्कोपी के समान होती हैं, इसे कोलोनोस्कोपी कहा जाता हैं, इस यंत्र का उपयोग बड़ी आंत की जांच करने के लिए किया जाता हैं, जिसे कोलोनो कहा जाता हैं।

 

डायरिया का प्रबंधन - Management of diarrhea

अधिक से अधिक मात्रा में तरल पदार्थ पीएं: निर्जलीकरण से बचने के लिए अधिक से अधिक मात्रा में तरल पदार्थ पीना फ़ायदेमंद होता है।

1. ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्यूशन - Oral Rehydration Solution

निर्जलीकरण को रोकने के लिए ओआरएस का उपयोग किया जाता हैं। इस बीमारी में घर पर निर्मित किए जाने वाले तरल पदार्थों जैसे कि चावल का पानी, छाछ अर्थात् नमकीन दही पेय, नमक युक्त सब्जियों और चिकन का सूप दिया जा सकता है।

2. दवाएं - Medicines

निश्चित प्रकार के तीव्र डायरिया/दस्त में एंटीबायोटिक्स फायदेमंद होती हैं, लेकिन आमतौर पर इनका उपयोग विशेष परिस्थितियों में नहीं किया जा सकता हैं। दस्त उपचार के लिए बिना चिकित्सक की सलाह पर बेची जाने वाली कुछ दवाएं- पेप्टो बिसमॉल (सबसेलिसिलेट के साथ बिस्मथ), या एंटी मोटिलिटी दवा  आइमोडियम प्लस (सिमिथीकोन के साथ लोप्रोमाइड हाइड्रोक्लोराइड) हैं।

3. आहार - Diet

डब्ल्यूएचओ डायरिया/दस्त द्वारा पीड़ित बच्चे को लगातार खिलाते रहने की सिफ़ारिश की जाती हैं। लगातार खिलाते रहने से सामान्य आंत्र प्रणाली पुनः उपचारित हो जाती हैं। इसके विपरीत, लंबी अवधि तक होने वाले डायरिया/दस्त से पीड़ित बच्चों को भोजन का सेवन करना प्रतिबंधित होता है, क्योंकि उनकी आंत्र प्रणाली उपचारित होने की गति धीमी होती हैं।

 

डायरिया का रोकथाम  - Prevention of diarrhea

डायरिया या दस्त के संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए हमेशा स्वच्छता के उच्च मानकों का पालन करें। उदाहरण के लिए:

  • शौचालय जाने के बाद, खाना बनाने और खाना खाने से पहले अपने हाथ अच्छी तरह से धोएं।
  • हर बार डायरिया में शौचालय का उपयोग करने के बाद, शौचालय के हैंडल और सीट को अच्छी तरह से साफ़ करें।
  • पारिवारिक सदस्यों के साथ तौलिया, कटलरी या बर्तन साँझा न करें।
  • दस्त के पिछले प्रकरण के बाद कम से कम 48 घंटों तक वापिस काम या विद्यालय जाने से बचें।

WHAT'S YOUR REACTION?

  • 1
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0

RELATED POSTS

COMMENTS

उत्तर प्रदेश

हाईकोर्ट ने ड्रग इंस्पेक्टरों की भर्ती को रद्द किया।

हे.जा.स. January 19 2021 15881

कोर्ट ने इस विज्ञापन के जरिए हुए चयन को भी निरस्त करते हुए प्रदेश सरकार को संबंधित कानून के तहत नया

उत्तर प्रदेश

जेबी केमिकल्स नेफ्रोलॉजी क्षेत्र में उतरी। 

हुज़ैफ़ा अबरार May 19 2021 32188

2015 की ग्लोबल डिसीज बर्डन रिपोर्ट के अनुसार सीकेडी को मृत्यु के सबसे सामान्य कारणों में से एक माना

उत्तर प्रदेश

हमीरपुर में वायरल फीवर के मरीज बढ़े

विशेष संवाददाता February 16 2023 26476

मौसम में बदलाव के साथ वायरल फीवर का होना एक आम बात हो गई है। वायरल फीवर के तेजी से फैलने का मुख्य का

उत्तर प्रदेश

आगरा के एक अस्पताल में लगी आग, डॉक्टर और बेटा-बेटी समेत तीन की मौत

अबुज़र शेख़ October 05 2022 22563

आग लगने के समय अस्पताल में 4 मरीज़ भर्ती थे जिन्हे एक घंटे की मशक्कत के बाद सुरक्षित बाहर निकाल लिया

उत्तर प्रदेश

दुबग्गा स्थित अस्पताल में झोलाछाप डॉक्टरों द्वारा किया जा रहा था इलाज

अबुज़र शेख़ October 04 2022 30118

रविवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम जब हॉस्पिटल पर छापा मारने पहुंची तो वहा पर कई अनियमितताएं सामने आयी

राष्ट्रीय

नीतीश कैबिनेट का फैसला, डीएमसीएच में बनेगा 2100 बेड वाला हॉस्पिटल

विशेष संवाददाता July 04 2023 29304

एम्स को लेकर शुरू हुए विवाद के बीच सीएम नीतीश कुमार ने दरभंगा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एक नए अस्पताल

राष्ट्रीय

25वें दिन तक 65.28 लाभार्थियों को लगे कोविड-19 रोधी टीके: स्वास्थ्य मंत्रालय

हे.जा.स. February 10 2021 16777

स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि भारत सबसे तेज गति से सिर्फ 24 दिनों में 60 लाख लाभार्थियों को टीका लग

अंतर्राष्ट्रीय

ब्रिटेन में कोरोना संक्रमण का विस्फोट, चौबीस घंटे में नए मांमले एक लाख के पार।  

हे.जा.स. December 24 2021 22939

कोरोना का ओमिक्रॉन स्वरूप उसके डेल्टा स्वरूप की तुलना में कम घातक यह है। ओमिक्रॉन संक्रमण वाले लोगों

राष्ट्रीय

एंबुलेंस चालकों का प्रदर्शन, स्वास्थ्य व्यवस्था बाधित

विशेष संवाददाता July 22 2023 27528

एक ओर जहां जिलेभर के आशा कार्यकर्ता पिछले कई दिनों से आंदोलन कर रहे है तो वहीं शुक्रवार से जिले भर क

स्वास्थ्य

कमजोर इम्युनिटी और लंबे वायरल इन्फेक्शन से पीड़ित व्यक्ति को सेप्सिस हो सकता है: डॉ अशोक कुमार सिंह

हुज़ैफ़ा अबरार September 12 2022 26667

सेप्सिस एक जानलेवा बीमारी है। जब शरीर किसी रिएक्शन के प्रति बहुत गंभीर प्रतिक्रिया करती है तो यह बीम

Login Panel