जम्मू। भारत के कई राज्यों में टोमैटो फ्लू ने दस्तक के दी है। वहीं अब जम्मू से भी टोमैटो फ्लू के मामले सामने आए है। और इसका सबसे ज्यादा असर बच्चों में देखने को मिल रहा है। जम्मू संभाग में भी बड़ी संख्या में मामले देखे जा रहे हैं जिनमें इस बीमारी ने सबसे ज्यादा बच्चों को अपनी चपेट में लिया है। डॉक्टरों ने सलाह दी है कि जिन बच्चों को टोमैटो फ्लू वायरस है वह बच्चे स्कूल ना जाएं।
टोमैटो फ्लू (tomato flu) के मामले देखते हुए केंद्र की ओर से राज्यों के लिए एडवाइजरी (advisory) भी जारी की गई है। इस एडवाइजरी में टोमैटो फ्लू के लक्षण से लेकर रोकथाम के बारे में जानकारी दी गई है। वहीं केंद्र की तरफ से जारी की गई गाइडलाइन के मुताबिक इस बीमारी से बचाव के लिए सबसे जरूरी है कि साफ-सफाई का ध्यान रखें। यदि किसी मरीज को या बीमारी हो जाती है तो सबसे पहले उसको 5 से 7 दिन का आइसोलेशन (isolation ) में रखें। मरीज को पूरी तरीके से रेस्ट लेना चाहिए और साथ में बहुत तरर्ल पदार्थ लेना चाहिए। बता दें कि इसकी पहचान सबसे पहले केरल में हुई थी।
क्या है टोमैटो फ्लू ? - What is Tomato Flu?
टोमैटो फ्लू एक वायरल इंफेक्शन (viral infection ) है। इसमें कम उम्र के बच्चों के मुंह, हाथ और पैरों पर छाले या फफोले हो जाते हैं। ये फफोले टमाटर के साइज के हो सकते हैं, जिसकी वजह से इसे टोमैटो फ्लू कहा जाता है। यह बीमारी एक से पांच साल की उम्र के बच्चों और कमजोर इम्यूनिटी वाले वयस्कों को प्रभावित करती है। कई बार यह डेंगू या चिकनगुनिया (Chikungunya) का आफ्टर इफेक्ट भी होता है। वैसे तो यह इंफेक्शन करीब एक सप्ताह में ठीक हो जाता है। कुछ केस गंभीर भी हो सकते हैं। इसलिए ऐसे मामले में डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
टोमैटो फ्लू के लक्षण - Symptoms of tomato flu
टोमैटो फ्लू वायरस की वजह से फैलता है, लेकिन इसके सटीक कारणों का पता लगना बाकी है। यह एक वायरल इंफेक्शन है, जो संक्रमित बच्चों से अन्य बच्चों में फैल सकता है। यह बीमारी छूने, साथ बैठने और खेलने से भी हो सकती है। इसके लक्षणों की बात करें तो बुखार (fever), शरीर में तेज दर्द (severe body pain), अत्यधिक थकान, डिहाइड्रेशन, त्वचा पर फफोले निकलना, मुंह में छाले, पेट में ऐंठन, जी मिचलाना, उल्टी या दस्त, खांसी-जुकाम (Cold ) और जॉइंट्स में पेन सबसे कॉमन लक्षण हैं। इस तरह के लक्षण दिखने पर डॉक्टर को दिखाना चाहिए। लक्षणों के अनुसार चिकित्सक आपको दवाएं देंगे।
ऐसे करें बचाव - Prevent like this
खूब पानी पीएं, जूस और लिक्विड पदार्थों का सेवन करें.बच्चों की साफ-सफाई का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। अगर शरीर पर फफोले निकलें तो उन्हें छूने से बचें। संदिग्ध मामलों में दूरी बरतें और डॉक्टर की सलाह लें। संक्रमित बच्चे का डॉक्टर की सलाह के अनुसार ख्याल रखें.बच्चों को सभी वैक्सीन लगवाएं, ताकि बीमारियों का खतरा न हो। कमजोर इम्यूनिटी (immunity) वाले लोग विशेष सावधानी बरतें। हेल्दी डाइट लें और खुद को फिट रखने की कोशिश करें।
Edited by Aarti Tewari
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