नयी दिल्ली। रेबीज मानव और पशुओं को होने वाला खतरनाक विषाणुजनित रोग (viral disease) है। जो प्रमुख तौर पर संक्रमित कुत्ते के काटने से फैलता है। इस बात की जानकारी पशुचिकित्साधिकारी (veterinary officer) जोगिया डॉ. बलराम चौरसिया ने महुआ में आयोजित पशुपालक गोष्ठी (Animal Husbandry Conference) में दी।
पशुचिकित्साधिकारी ने बताया कि जब कोई संक्रमित कुत्ता, बिल्ली, बंदर, सियार, लोमड़ी, नेवला आदि किसी भी आदमी या जानवर को काटता है, तो संक्रमित पशु के लार में मौजूद रेबीज वायरस (rabies virus) पीड़ित के शरीर में प्रवेश कर जातें है। ऐसे में रेबीज निरोधक टीकाकरण (anti-rabies vaccination) के आभाव में रोगाणु पीड़ित के दिमाग मे पहुंच कर तंत्रिका तंत्र (Nervous system) को क्षतिग्रस्त करता है।
जिससे पीड़ित पशु (victim animal) को दिमागी लक्षण जैसे लहराकर चलना, बदली आवाज में बिना कारण चिल्लाना, अपने मालिक को न पहचानना, खाना, पानी न निगल पाना, आंखें लाल (eyes red), जबड़ा खुला एवं लार आना आदि लक्षण दिखाई पड़ते हैं। लक्षण दिखने पर उपचार निष्प्रभावी हो जाता है, और एक सप्ताह के अंदर पीड़ित की मौत हो जाती है।
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