ऋषिकेश। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवलोकन हेतु आयोजित प्रथम अंतर- मंत्रालयी समिति की बैठक में सहभाग कर योग वीजा के बारे में चर्चा करते हुये सभी मंत्रालयों के समक्ष कई प्रस्ताव रखे।
स्वामी चिदानन्द कहा कि इस अवसर पर योग वीजा पर भी विचार किया जाना चाहिये। जो छात्र और योग जिज्ञासु लम्बे समय के लिये भारत में अध्ययन हेतु आते हैं उनके लिये योग वीजा का प्रावधान होना चाहिये। दूसरी बात जब उन्हें वीजा मिल जाता है तो उसके नवीनीकरण के लिये नेपाल, श्रीलंका, सिंगापुर या बैंकाक जैसे देशों में जाना पड़ता है ऐसे में यह उचित रहेगा कि उन्हें नई दिल्ली, भारत में ही वीजा मिल जाये। इससे समय भी बचेगा, धनराशि भी बचेगी और उससे होने वाला तनाव भी बचेगा तथा इससे हमारा योगाटन, पर्यटन और तीर्थाटन कभी बढ़ेगा। स्वामी जी ने कहा कि परमार्थ निकेतन परिवार पूरी तरह योग के लिये समर्पित है।अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस का आयोजन शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक विकास के साथ सभी के उत्तम स्वास्थ्य और सतत विकास के लिये किया जा रहा है।
इस अवसर पर आयुष मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल जी ने कहा कि हम लोगों ने कई वर्षों से योग को देश और दुनिया में आगे बढ़ाने हेतु महत्वपूर्ण कदम उठाये हैं। आपके पास जो अनुभव है इसके अधार पर हमने विगत सात सालों तक अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस बहुत ही निष्ठा और सफलतापूर्वक मनाया। हमारे देश की जनता ने माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के मार्गदर्शन में जो कार्य किया उसकी वजह से पूरे विश्व में योग को एक विशिष्ट पहचान मिली हुयी है। मोदी जी की अनुप्रेरणा, शक्ति, मार्गदर्शन, सहयोग और देखरेख में पूरे देश ने इस वर्ष अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस को बड़े स्तर पर मनाने का तय किया है। आने वाले दिनों में हम सभी को कुछ विशिष्ट कदम उठाने होंगे। हम सभी लोगों ने मिलकर इसकी रूपरेखा तैयार की है।
उन्होंने कहा कि भारतीय समाज की परम्परागत रूप से जीने की जो पद्धति है इस परम्परागत पद्धति का जो मूल्य है इसे पूरी दुनिया में पहचान ही नहीं बल्कि आदर मिला है। माननीय प्रधानमंत्री जी के प्रसायों से हमने अन्तर्राष्ट्रीय दिवस मनाने का निश्चय किया है। योग को वैश्विक स्तर तक पहुंचाना हमारे लिये बहुत बड़ी समृद्धि है। यह भारत की परम्परागत पद्धतियों को दुनिया के साथ जोड़ने का एक सुनहरा अवसर है ताकि पूरी दुनिया स्वस्थ और रोगमुक्त रह सके।
आईवाईआई की निदेशक और अध्यक्ष हंसाजी ने कहा कि हमें एक योग परिवार की तरह काम करना होगा और योग को सबके साथ बांटना होगा।
डॉ चिन्मय पांड्या जी ने अपने विचार साझा करते हुये कहा कि गायत्री परिवार और पूरी संस्था इन प्रयासों के लिए भारत सरकार के साथ है।
इस बैठक में कुछ विशेष घोषणायें भी की गयी है यथा विदेश से जो पहले पांच लाख श्रद्धालु आयेंगे उनसे वीजा चार्ज नहीं लिया जायेगा। लोग घर में बैठकर भी आॅनलाइन वीजा ले सकते हंै। आने वाले समय में मेडिकल वीजा और योग वीजा की योजना बनायी जा रही है। भारत सरकार का प्रयास रहेगा कि जो विदेशों से योगा के लिये आते है उन्हें योग वीजा देने का भी प्रयास किया जायेगा। इस बार अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस पर सभी स्थानों पर एक साथ योग करने पर भी चर्चा हुई।
इस अवसर पर आयुष मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल जी, श्री जी. किशन रेड्डी जी सांसद और संस्कृति पर्यटन मंत्री, डॉ महेंद्र सिंह, उत्तरप्रदेश सचिव आयुष, संयुक्त सचिव आयुष डॉ डब्ल्यू सेल्वामूर्ति, बौद्ध धर्मगुरू वेन भीखू संघसेना जी, डॉ सुबोध तिवारी जी, महानिदेशक आईसीसीआर वाणिज्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी एसोचैम, योग संस्थान, आर्ट ऑफ लिविंग, अयंगर योग संस्थान, ईशा फाउंडेशन, कई अन्य संस्थानों ऑनलाइन माध्यम से सहभाग किया। डॉ चिन्मय पांड्या जी, डॉ एचआर नागेंद्र जी, आनंद बालयोगी, पतंजलि योगपीठ प्रतिनिधि, स्वामी आत्मप्रियानंदजी, राम कृष्ण मिशन और अन्य विशिष्ट अतिथियों और संगठनों से सहभाग किया।
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