लखनऊ। फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम का लक्ष्य पूर्ण रूप से प्राप्त करने के लिए हमें सुनिश्चित करना होगा कि कोई भी लाभार्थी फाइलेरिया रोधी दवा खाने से न छूटे, इसके लिए प्रदेश से लेकर ग्राम स्तर के अंतिम छोर तक गहन करनी होगी। साथ ही जनपद से लेकर ब्लॉक स्तर के समस्त फाइलेरिया रोगियों की सूची बनाकर उनके इलाज का प्रबंधन सुनिश्चित किया जाये।
उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने आज से प्रदेश के 19 जनपदों में शुरू होने वाले मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (Mass Drug Administration) कार्यक्रम का वर्चुअल उद्घाटन करते हुए कहा।
डॉ. नूपुर रॉय ने कहा कि प्रदेश में सभी सहयोगी संस्थाएं, सरकार के साथ जिस तरह समन्वय बनाकर कार्य कर रहीं हैं, पूरी आशा है कि प्रदेश से फाइलेरिया का उन्मूलन (eradication of filariasis) बहुत जल्दी होगा। उन्होंने कहा कि गत 3 वर्षों में उत्तर प्रदेश में इस कार्यक्रम में अभूतपूर्व प्रगति हुई है।
निदेशक संचारी रोग डॉ. ए.के.सिंह ने कहा कि इस कार्यक्रम में इस बात का विशेष ध्यान रखा जा रहा है कि आशा के माध्यम से उसके क्षेत्र के प्रत्येक परिवार के पात्र लाभार्थी द्वारा फाइलेरिया रोधी दवाओं (anti-filaria drugs) का सेवन प्रशिक्षित स्वास्थ्यकर्मियों के सामने ही सुनिश्चित किया जाये।
इस अवसर पर, संयुक्त निदेशक फाइलेरिया एवं राज्य कार्यक्रम अधिकारी फाइलेरिया डॉ. वी.पी.सिंह, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, ने कहा कि आमतौर पर बचपन में होने वाला यह संक्रमण लिम्फैटिक सिस्टम (damages the lymphatic system) को नुकसान पहुंचाता है और अगर इससे बचाव न किया जाए तो इससे शारीरिक अंगों में असामान्य सूजन होती है।
उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत प्रदेश के 19 जनपदों यथा, गोरखपुर, देवरिया, कुशीनगर, महाराजगंज, गाजीपुर, बहराइच, श्रावस्ती, गोंडा, औरैया, इटावा, फर्रुखाबाद, कन्नौज, बलरामपुर, बस्ती, सिद्धार्थनगर, संतकबीर नगर, सुल्तानपुर, रायबरेली और कौशाम्बी में 12 मई 2022 से 27 मई 2022 तक मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (M.D.A./IDA) कार्यक्रम शुरू किया गया है।
मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन वर्चुअल उद्घाटन में प्रदेश के पूर्व राज्यमंत्री एवं सदर विधायक बलरामपुर, पलटूराम, राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण केंद्र, स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय, भारत सरकार की निदेशक डॉ. तनु जैन एवं अपर निदेशक डॉ. नूपुर रॉय, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, उत्तर प्रदेश के निदेशक संचारी रोग डॉ. ए.के.सिंह, संयुक्त निदेशक फाइलेरिया एवं राज्य कार्यक्रम अधिकारी फाइलेरिया डॉ. वी.पी.सिंह, बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के कंट्री प्रतिनिधि केला लार्सन एवं डॉ. भूपेंद्र त्रिपाठी, विश्व स्वास्थ्य संगठन, पाथ , प्रोजेक्ट कंसर्न इंटरनेशनल, सीफार, ग्लोबल हेल्थ स्ट्रेटजीज के प्रतिनिधियों के साथ ही उन जनपदों के जिलाधिकारियों, स्वास्थ्य अधिकारियों और मीडिया सहयोगियों के अतिरिक्त ब्लॉक स्तरीय स्वास्थ्य अधिकारियों ने भी वर्चुअल रूप से भाग लिया।
एस. के. राणा March 07 2025 0 20757
एस. के. राणा March 06 2025 0 20535
एस. के. राणा March 08 2025 0 19425
हुज़ैफ़ा अबरार March 03 2025 0 18315
यादवेंद्र सिंह February 24 2025 0 14763
हुज़ैफ़ा अबरार March 20 2025 0 13209
सौंदर्या राय May 06 2023 0 80241
सौंदर्या राय March 09 2023 0 84968
सौंदर्या राय March 03 2023 0 83544
admin January 04 2023 0 85149
सौंदर्या राय December 27 2022 0 74421
सौंदर्या राय December 08 2022 0 64213
आयशा खातून December 05 2022 0 117660
लेख विभाग November 15 2022 0 87358
श्वेता सिंह November 10 2022 0 99846
श्वेता सिंह November 07 2022 0 85793
लेख विभाग October 23 2022 0 70685
लेख विभाग October 24 2022 0 72236
लेख विभाग October 22 2022 0 79512
श्वेता सिंह October 15 2022 0 85788
श्वेता सिंह October 16 2022 0 80462
रिपोर्ट में कहा गया है कि ग्रामीण क्षेत्रों के पास किसी भी प्रदूषणकारी तत्व के संघनन का कोई रिकॉर्ड
मशहूर वायरोलॉजिस्ट टी जैकब जॉन ने दावा किया कि भारत में कोविड महामारी असल में स्थानिक बीमारी बनने की
आयुर्वेद सेवाओं के कार्यवाहक निदेशक और प्रभारी अधिकारी को निलंबित करते हुए यूनानी निदेशालय और होम्यो
उत्तर प्रदेश में महिला स्वास्थ्यकर्मी भर्ती की मुख्य परीक्षा का प्रवेश पत्र जारी कर दिया है। जो भी उ
शोधकर्ताओं ने यह कहा है कि इस क्षेत्र में कोरोना वर्ग के कई वायरसों की मौजूदगी हो सकती है। इनका संबं
अंतर्राष्ट्रीय स्तर की संस्था क्लिंटन हेल्थ एक्सेस इनीशिएटिव और इण्डिया टर्न्स पिंक के साथ किये गए स
प्राण भौतिक संसार, चेतना और मन के मध्य सम्पर्क सूत्र है। यही तो भौतिक स्तर पर जीवन को संभव बनाता है।
यह संयंत्र, टेक महिन्द्रा द्वारा शुरू की गई कोविड-19 पहल के तहत स्थापित किया गया है। 30 एनएम 3 पर आव
अगर आप इन सब्जियों का इस्तेमाल करते है तो हो जाइए सावधान, जी हां ऐसे में अगर आपको मॉनसून में स्वस्थ
एक अध्ययन में सामने आया है कि कोरोना बीमारी से अब किडनी भी डैमेज होने लगी है। अर्थात, कोरोना का सीधी
COMMENTS