फाइलेरिया को चिकित्सकीय रूप से फाइलेरियासिस के रूप में जाना जाता है। इसे विश्व स्तर पर एक उपेक्षित उष्णकटिबंधीय रोग (neglected tropical disease) माना जाता है। फाइलेरिया दुनिया भर में दीर्घकालिक विकलांगता का प्रमुख कारण है। यह संक्रमण, जो किसी भी आयु वर्ग में होता है, लिम्फैटिक प्रणाली को नुकसान पहुंचाता है और यदि इसे रोका नहीं जाता है, तो यह शरीर के अंगों में असामान्य सूजन दिखाई पड़ता है।
फाइलेरिया (Filariasis) एक परजीवी रोग है जो फाइलेरियोइडिया (Filaroidea) टाइप राउंडवॉर्म (roundworms) के संक्रमण से होता है। वे खून चूसने वाले कीड़ों जैसे काली मक्खियों और मच्छरों से फैलते हैं। यह हेल्मिंथियासिस (helminthiasis) नामक बीमारियों के समूह से संबंधित हैं।
फाइलेरिया वयस्क कीड़े आमतौर पर एक ऊतक (tissue) में रहते हैं, प्रारंभिक लार्वा व्यक्ति के रक्त में माइक्रोफिलारिया (microfilariae) के रूप में जाना जाता है। इन परिसंचारी (circulating) माइक्रोफ़िलेरिया को मच्छर या मक्खियों द्वारा संक्रमित मरीज़ से दूसरे व्यक्ति में ले जाया जाता है।
अभी तक फाइलेरिया रोग पैदा करने वाले आठ कीड़े (worm) चिन्हित हुए हैं। वे मनुष्य में मेजबान के रूप में रहतें हैं। शरीर के जिस भाग पर वे प्रभाव डालते हैं, उसके अनुसार इन्हें तीन समूहों में विभाजित किया जाता है।
फाइलेरिया के प्रकार - Tpes of filariasis
1. लिम्फैटिक फाइलेरिया - Lymphatic Filariasis
यह वुचेरेरिया बैनक्रॉफ्टी, ब्रुगिया मलयी और ब्रुगिया टिमोरी कीड़े के कारण होता है। ये कीड़े लिम्फ नोड्स सहित लिम्फैटिक तंत्र पर कब्जा कर लेते हैं। पुराने मामलों में, ये कीड़े एलीफेंटियासिस सिंड्रोम की ओर ले जाते हैं।
2. सबक्यूटेनियस फाइलेरिया - Subcutaneous filariasis
यह लोआ लोआ (आंख का कीड़ा), मैनसोनेला स्ट्रेप्टोसेर्का और ओन्कोसेर्का वॉल्वुलस के कारण होता है। ये कीड़े त्वचा के ठीक नीचे की परत पर कब्जा कर लेते हैं। एल. लोआ, लोआ लोआ फाइलेरिया का कारण बनता है, जबकि ओ. वॉल्वुलस रिवर अंधापन का कारण बनता है।
3. सेरस कैविटी फाइलेरिया - Serous cavity filariasis
यह कृमि मैनसोनेला पर्स्टन्स और मैनसोनेला ओज़ार्डी के कारण होता है, जो पेट की सेरस कैविटी पर कब्जा कर लेते हैं। डिरोफिलारिया इमिटिस, डॉग हार्टवॉर्म, शायद ही कभी मनुष्यों को संक्रमित करता है।
फाइलेरिया के लक्षण - Symptoms of Filariasis
फाइलेरिया के कारण - Causes of filariasis
फाइलेरिया सूत्रकृमि (filarial nematodes) का जीवन चक्र जटिल होता है, जिसमें मुख्य रूप से पांच चरण होते हैं। नर और मादा कृमियों के मिलन के बाद मादा हजारों की संख्या में जीवित सूक्ष्म फाइलेरिया को जन्म देती है। यह बीमारी मच्छरों द्वारा फैलती है, खासकर परजीवी क्यूलेक्स फैंटीगंस मादा मच्छर के जरिए। जब यह मच्छर किसी फाइलेरिया से ग्रस्त व्यक्ति को काटता है तो वह संक्रमित हो जाता है। फिर जब यह मच्छर किसी स्वस्थ्य व्यक्ति को काटता है तो फाइलेरिया के कीटाणु रक्त के जरिए उसके शरीर में प्रवेश कर उसे भी फाइलेरिया से ग्रसित कर देते हैं।
फाइलेरिया का इलाज - treatment of filariasis
कब कौन सी दवा किस मात्रा में देनी है, यह निर्णय चिकित्सक ही ले सकते है। खुद से ली गयी दवा बहुत नुक्सान पहुंचा सकती है।
फाइलेरिया से बचाव
सौंदर्या राय May 06 2023 0 62814
सौंदर्या राय March 09 2023 0 72869
सौंदर्या राय March 03 2023 0 71001
admin January 04 2023 0 69942
सौंदर्या राय December 27 2022 0 57993
सौंदर्या राय December 08 2022 0 48895
आयशा खातून December 05 2022 0 103008
लेख विभाग November 15 2022 0 72373
श्वेता सिंह November 10 2022 0 77091
श्वेता सिंह November 07 2022 0 69254
लेख विभाग October 23 2022 0 56477
लेख विभाग October 24 2022 0 54920
लेख विभाग October 22 2022 0 63750
श्वेता सिंह October 15 2022 0 68472
श्वेता सिंह October 16 2022 0 67475
COMMENTS