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इंटरव्यू

दांतो का स्वास्थ्य: जागरूकता की कमी या खानपान में लापरवाही 

दातुन या परम्परागत मंजन वैक्टीरिया को मारता तो है लेकिन ये दांतों की सफाई पूरी तरह नहीं करता है। टूथ ब्रश करने से दांतों की बीच तक सफाई हो जाती है बशर्ते ब्रश सही तरीके से किया जाये। 

रंजीव ठाकुर
April 22 2022 Updated: April 22 2022 14:54
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दांतो का स्वास्थ्य: जागरूकता की कमी या खानपान में लापरवाही 

लखनऊ। आज के परिवेश में ओरल केअर के प्रति जागरूकता बढ़ी है। असल में इसका कारण आम जीवन में बढ़ता केमिकल का उपयोग है। हेल्थ जागरण को इस प्रकार की सूचनाएं अपने पाठकों से लगातार मिल रही है। इस विषय पर हेल्थ जागरण के सम्वाददाता रंजीव ठाकुर ने डेंटल सर्जन डॉ प्रदीप सिंह से खास बातचीत की है। डॉ सिंह का क्लीनिक सुशांत गोल्फ सिटी अंसल, सेक्टर डी में है।  

हेल्थ जागरण - डॉ साहब ओरल डिजीज के क्या कारण होते हैं ?

डॉ प्रदीप सिंह - ओरल डिजीज प्रदूषित खानपान और हवा की वजह से होती है। शुद्ध खाना, पीना और हवा में साँस लेना बहुत जरुरी है। मुंह के जरिए बीमारियां शरीर के अंदर जाती है और दांत इससे अछूते कैसे रह सकते है। मिलावट और तम्बाकू का सेवन भी इसके लिए जिम्मेदार है। 

हेल्थ जागरण - टूथ ब्रश करने वालों को दांतों की समस्याएं ज्यादा आती है जबकि दातुन या परम्परागत मंजन करने वालों को कम समस्याएं होती हैं ?

डॉ प्रदीप सिंह - इसे पूरी तरह सही नहीं कहा जा सकता। दातुन या परम्परागत मंजन वैक्टीरिया को मारता तो है लेकिन ये दांतों की सफाई पूरी तरह नहीं करता है। टूथ ब्रश करने से दांतों की बीच तक सफाई हो जाती है बशर्ते ब्रश सही तरीके से किया जाये। 

हेल्थ जागरण - डॉ साहब भारत में डेंटल कॉस्मेटिक विदेशों की तरह बहुत कामयाब नहीं हो पाया, इसकी क्या संभावनाएं है ?

डॉ प्रदीप सिंह - इसके दो कारण हैं, पहला आर्थिक सीमाएं और दूसरा जागरूकता। लोग डेंटल कॉस्मेटिक के बजाये बेसिक नीड पर ज्यादा फोकस करते हैं। मुंह के जरिए होने वाली बीमारियों को लेकर जागरूकता का भाव है। 

हेल्थ जागरण - डॉ साहब डेंटल इम्प्लांट्स लगवाने वाले अक्सर संक्रमण का शिकार होते रहते हैं, पता चलता है कि उसी इम्प्लांट्स के कारण संक्रमण हो रहा है, क्या कारण है ?

डॉ प्रदीप सिंह - ये बहुत सही नहीं है। ज्यादातर इम्प्लांट्स रांग प्लेसमेंट से फेल हो जातें है। इम्प्लांट्स लगाते समय मरीज़ की पूरी पैथोलॉजी की जांच कराना बहुत ज़रूरी है। अक्सर ब्लड प्रेशर, डायबटीज, थायराइड, कैंसर जैसी बीमारियों से भी इम्प्लांट्स लगवाने के बाद संक्रमण हो सकता है। इन चीजों का ध्यान रखते हुए डेंटल इम्प्लांट्स प्लेस करना चाहिए। 

हेल्थ जागरण - बदली लाइफ स्टाइल में कैमिकल का प्रयोग ज्यादा होने लगा है, ऐसे में अपने दांतों के स्वास्थ्य की रक्षा कैसे की जाए ?

डॉ प्रदीप सिंह - इसके लिए जागरूकता बहुत जरुरी है। हमें पता होना चाहिए कि जो चीज लोग खा या पी रहे हैं उसमे कैमिकल कैसा और कितना है। कोल्ड ड्रिंक, फास्ट फूड का उपयोग कम करना चाहिए। खानपान प्राकृतिक और शुद्ध होना चाहिए। हरी सब्जियां, नींबू, आंवला यानि विटामिन सी दांतों तथा ओरल कैविटी के लिए बहुत जरुरी है। 

तो ये थे डेंटल सर्जन डॉ प्रदीप सिंह जिन्होंने दांतो के स्वास्थ्य को लेकर रोचक और बहुमूल्य जानकारियां दी। यदि आपको ये जानकारी अच्छी लगी है तो कृपया शेयर, लाइक और कमेंट्स के जरिए हमें जरूर बताएं।

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