नई दिल्ली। भारत ने इंटरनेशनल यात्रियों के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए हैं। जिसके तहत पूरी तरह से टीकाकरण कराने वाले उन देशों के यात्रियों को क्वारंटाइन में नहीं रहना पड़ेगा जिनके टीकों को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने स्वीकृति दी है। अब इन यात्रियों को क्वारंटाइन में रहने की जरूरत नही होगी। हालांकि उन्हें एक कोविड-19 की आरटी-पीसीआर टेस्ट की रिपोर्ट पेश करनी होगी।
मंत्रालय ने कहा, कोविड-19 महामारी का प्रभाव लगातार कम हो रहा है, कुछ क्षेत्रीय बदलावों के साथ गिरावट देखने को मिल रही है। वायरस की लगातार बदलती प्रकृति और चिंता का कारण बने SARS-coV-2 वेरिएंट के विकास की निगरानी की जरूरत अब भी ध्यान में रहनी चाहिए।"
1.जिन्हें आंशिक रूप से टीका लगा है या जिन्हें टीका लगे ही नहीं है, ऐसे यात्रियों को कोरोना जांच के लिए सैंपल देना होगा जिसके बाद उन्हें हवाई अड्डे से बाहर बाहर जाने की अनुमति दी जाएगी। सात दिनों के लिए होम क्वारंटाइन में रहना होगा। दोबोरा टेस्ट कराने के बाद अगर रिपोर्ट निगेटिव आती है तो फिर सात दिनों तक उन्हें अपने स्वास्थ्य की निगरानी करनी होगी।
2.नए दिशानिर्देशों में यात्रियों के साथ-साथ एंट्री पॉइंट्स पर खड़े होने वाले यात्रियों के लिए भी प्रोटोकॉल्स दिए गए हैं।
3. मंत्रालय ने कहा है कि यह दिशानिर्देश सोमवार से लागू किए जाएंगे। मंत्रालय ने कहा कि जोखिम आकलन के आधार पर इस दस्तावेज की समय-समय पर समीक्षा की जाएगी।
4.दिशानिर्देशों के अनुसार, यात्रा की योजना बनाते समय, सभी यात्रियों को निर्धारित यात्रा से पहले ऑनलाइन हवाई सुविधा पोर्टल पर एक स्व-घोषणा पत्र जमा करना होगा और एक नकारात्मक कोविड -19 आरटी-पीसीआर रिपोर्ट अपलोड करनी होगी। यह परीक्षण यात्रा शुरू करने से 72 घंटे पहले का होना चाहिए।
5. दिशानिर्देशों में कहा गया है कि जोखिम वाले देशों को छोड़कर उन देशों के यात्रियों को ही हवाई अड्डे से बाहर जाने की अनुमति होगी जिनके साथ डब्ल्यूएचओ द्वारा अनुमोदित कोविड -19 टीकों की पारस्परिक स्वीकृति के लिए पारस्परिक व्यवस्था भी मौजूद है और आगमन के बाद इन यात्रियों को 14 दिनों के लिए अपने स्वास्थ्य की स्वयं निगरानी करनी होगी।
6. होम क्वारंटाइन में रह रहे यात्री में अगर कोरोना के लक्षण दिखते हैं या अगर वे कोरोना पॉजिटिव पाए जाते हैं तो उन्हें तुरंत होम क्वारंटाइन होने के लिए कहा जाएगा और अपनी पास की स्वास्थ्य सुविधा को रिपोर्टा करना या होगा या राष्ट्रीय हेल्पलाइन नंबर (1075) या राज्य हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करें।
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